- स्वास्थ्य मंत्री के विशेष सहायक बनाए गए आशुतोष पाण्डेय ने मंत्री का साथ छोड़… निगम कमिश्नर बनने में दिखाई रुचि
- कोरबा निगम आयुक्त बने आशुतोष पाण्डेय
- किसी मंत्री के पहले विशेष सहायक जिन्होंने एक साल के भीतर ही किया रास्ता अलग
- पहले मंत्री के साथ बिताया था पूरा समय…लेकिन इस बार क्यों नहीं आया मंत्री का साथ रास
- क्या मंत्री के यहां स्वार्थ नहीं हुआ पूरा या और है कोई बड़ा कारण?
-विशेष संवाददाता-
रायपुर/कोरबा,29 अक्टूबर 2024 (घटती-घटना)। राज्य प्रशासनिक सेवा के 22 अधिकारियों को गत दिनों नई पदस्थापना प्रदान की गई। नई पदस्थापना प्राप्त करने वाले अधिकारियों में एक नाम ऐसे अधिकारी का है जिसका नाम सूची में देखकर सभी आश्चर्य में हैं। यह नाम है वर्तमान स्वास्थ्य मंत्री के विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी आशुतोष पाण्डेय का जिन्हें निगम आयुक्त कोरबा बनाया गया है। आशुतोष पाण्डेय पूर्व में भाजपा सरकार में उच्च शिक्षा और राजस्व मंत्री रहे प्रेम प्रकाश पाण्डेय के निज सचिव रह चुके थे और वहां उन्होंने मंत्री जी के साथ उनके कार्यकाल के पूरे होने तक साथ निभाया था लेकिन स्वास्थ्य मंत्री के साथ उन्होंने केवल कुछ महीने ही बिताया और उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री का साथ छोड़ दिया जो चर्चा का भी विषय है। क्या ऐसा हुआ की उनका स्वास्थ्य मंत्री से मोह भंग हुआ और उन्हें निगम आयुक्त के पद से ही संतोष करना पड़ा यह चर्चा आम है। चर्चा में लोगों का कहना है की एक वर्ष की भी अवधी स्वास्थ्य मंत्री के साथ विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी ने नहीं बिताया और अब वह निगम आयुक्त बनकर ही खुश हैं, यह उनकी मर्जी है या बात कोई और है यह भी चर्चा जारी है। वैसे विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी बनना उनकी खुद की इक्षा थी यह बात जाहिर है लेकिन किस विशेष कारणों से उन्होंने खुद को अलग किया मंत्री जी से यह विचारणीय विषय हो गया है लोगों के लिए। आशुतोष पाण्डेय को लेकर यह भी माना जाता है कि वह लोगों के बीच मिलनसार छवि नहीं रखते एक दीवार वह खींचकर चलते हैं और ऐसे में मंत्री के यहां से उनकी पदस्थापना इसीलिए तो नहीं बदली गई यह अब माना जा रहा है। वैसे निगम आयुक्त कोरबा बनकर वह निगम के लोगों से जुड़ पाएंगे शासन सरकार को भविष्य में वह फायदा पहुंचा पाएंगे यह देखने वाली बात होगी क्योंकि उनकी सीमित रहने वाली छवि कहीं नुकसानदायक न साबित हो भाजपा के लिए क्योंकि अब सामने निकाय चुनाव भी हैं और कोरबा में कांग्रेस के पूर्व मंत्री की शहर में पकड़ मजबूत है। वैसे आशुतोष पाण्डेय यदि कोरबा में अपनी छवि को मिलनसार बना सके तब तो वह कोरबा में भाजपा का परचम लहरा पाने में वह सहायक साबित हो पाएंगे वहीं यदि ऐसा वह नहीं कर सके तो वह भाजपा के लिए नुकसानदायक साबित हो जायेंगे। राज्य प्रशासनिक अधिकारियों के तबादला सूची में आशुतोष पाण्डेय का ही नाम सबसे चर्चित है क्योंकि स्वास्थ्य मंत्री का साथ उन्होंने खुद चुना था और वर्ष के भीतर ही वह यदि अब उनसे अलग हो रहे हैं तो चर्चा तो होगी ही।
ट्रांसफर सूची में पहले स्थान पर रहा नाम
किसी को भी इस बात का अंदाज नहीं था कि स्वास्थ्य मंत्री के मुख्य सलाहकार का तबादला सूची में नाम होगा, ओएसडी बनने की सभी को चाह रहती है वहीं पाण्डेय जी मुख्य सचेतक की भूमिका में थे पर सूची में नाम आना ही विचित्र सा लग रहा है जबकि छुट्टी संजय मरकाम की होनी थी पर छुट्टी हो गई आशुतोष पाण्डेय की…पूरा मामला किसी की भी समझ नहीं आ रहा है।
कोरबा में आयुक्त नगर निगम का पद आखिर क्यों स्वीकार कर लिए आशुतोष पाण्डेय?
आशुतोष पाण्डेय कोरबा में आयुक्त नगर निगम के पद पर कार्य करते नजर आयेंगे। कोरबा में वह आयुक्त बनकर जाना क्यों स्वीकार किए यह भी अचंभित करने वाला विषय है लोगों के लिए। कोरबा से उनका कोई विशेष लगाव होना भी इसकी वजह हो सकती है।