नई दिल्ली@ इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने बताया कि किस दिन लॉन्च होगा गगनयान

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@ पहली बार पृथ्वी की कक्षा में प्रवेश करेंगे भारतीय अंतरिक्ष यात्री
नई दिल्ली,27 अक्टूबर 2024 (ए)।
इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) प्रमुख एस सोमनाथ ने देश के आगामी अंतरिक्ष मिशनों के लिए लक्षि्यत तारीखों और उनके महत्व पर प्रकाश डाला है। उन्होंने आकाशवाणी के सरदार पटेल मेमोरियल लेख्र में भाग लेते हुए बताया कि इसरो 2026 में अपना पहला मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन गगनयान लॉन्च करेगा। इस मिशन के तहत भारतीय अंतरिक्ष यात्री पहली बार पृथ्वी की कक्षा में प्रवेश करेंगे, जो भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित होगा।
चंद्रयान-5 मिशन जापान के साथ साझेदारी में होगा
इसरो प्रमुख ने कहा कि चंद्रयान-5 मिशन को जापान की अंतरिक्ष एजेंसी के सहयोग से विकसित किया जाएगा। इस मिशन में 350 किलो का एक विशाल रोवर चांद की सतह पर भेजा जाएगा, जिसे जापान द्वारा निर्मित किया जाएगा। इससे पहले चंद्रयान-3 मिशन में भेजा गया रोवर मात्र 27 किलो का था, जो इस नए मिशन की व्यापकता को दर्शाता है। चंद्रयान-4, जो चंद्रमा से सैंपल लेकर वापस लाएगा, को 2028 में लॉन्च किया जाने का लक्ष्य है। इसके साथ ही चंद्रयान-5 मिशन की लॉन्चिंग 2028 के बाद की जा सकती है।
भारत-अमेरिका का संयुक्त मिशन अगले साल होगा लॉन्च
इसरो प्रमुख के अनुसार, भारत और अमेरिका के संयुक्त पृथ्वी निगरानी मिशन इसरो को साल 2025 में लॉन्च करने की योजना है। इस मिशन से पृथ्वी की जलवायु, भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं का अध्ययन करने में मदद मिलेगी, जिससे पर्यावरण संरक्षण और आपदा प्रबंधन में महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा।
2040 तक चांद पर मानव मिशन भेजने का लक्ष्य
इसरो प्रमुख ने भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र को और अधिक विस्तार देने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी की योजना 2040 तक चंद्रमा पर मानव मिशन भेजने की है, जो भारत को वैश्विक अंतरिक्ष दौड़ में एक मजबूत स्थिति प्रदान करेगा। उन्होंने बताया कि वर्तमान में इसरो का वैश्विक अंतरिक्ष उद्योग में योगदान मात्र 2 प्रतिशत है, जिसे इस दशक के अंत तक 10 प्रतिशत तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए निजी क्षेत्र की भागीदारी को सक्षम बनाने और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए नई नीतियों की आवश्यकता होगी।
अंतरिक्ष क्षेत्र में निजी कंपनियों की बढ़ती रुचि
इसरो प्रमुख ने कहा कि कई बड़े और छोटे उद्योग अंतरिक्ष क्षेत्र में निवेश करने में रुचि दिखा रहे हैं। इसरो द्वारा पूर्व में किए गए कार्यों को अब निजी उद्योग द्वारा भी संचालित किया जा रहा है, जिससे देश में अंतरिक्ष तकनीक का तेजी से विस्तार हो रहा है। नई नीतियों और साझेदारियों के साथ, इसरो आने वाले वर्षों में अपनी अंतरिक्ष यात्रा को और भी दूर तक ले जाने के लिए तैयार है।


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