मुंबई@ भारत-चीन सीमा विवाद नहीं सुलझा अभी तक

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@ जयशंकर बोले…चीन बॉर्डर पर तनाव कम करना अगला स्टेप…
@ यह तभी संभव,जब भारत को यकीन हो जाए कि चीन भी यही चाह रहा…
मुंबई,27 अक्टूबर 2024 (ए)।
भारत-चीन के बीच एलओसी पर पेट्रोलिंग को लेकर हुए समझौते पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि सैनिकों की वापसी पहला कदम है। अगला कदम तनाव कम करना है।मुंबई में रविवार को विदेश मंत्री ने कहा- दोनों देशों के बीच तनाव तभी कम होगा, जब भारत को यकीन न हो जाए कि चीन भी ऐसा ही चाह रहा है। तनाव कम करने के बाद, बॉर्डर को कैसे मैनेज किया जाए, इस पर चर्चा की जाएगी।जयशंकर ने भारत-चीन विवाद के अलावा 26/11 मुंबई अटैक पर भी बात की। जयशंकर ने कहा- उस वक्त भारत ने कोई जवाब नहीं दिया था। जब हम आतंक के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की बात करते हैं, तो यह स्पष्ट है कि जब कोई कुछ करता है, तो उसका जवाब दिया जाएगा। एक दिन पहले शनिवार को पुणे में एक कार्यक्रम में जयशंकर ने कहा था कि भारत सरकार का अपनी बात पर अड़े रहना काम कर गया। आज हम जिस मुकाम पर पहुंचे हैं, उसके दो कारण हैं।
पहला- हम अपनी बात से पीछे नहीं हटे, यह केवल इसलिए संभव हो सका क्योंकि सेना देश की रक्षा के लिए हर मौके पर डटी रही और कूटनीति ने अपना काम किया।
दूसरा- पिछले एक दशक में हमने अपने बुनियादी ढांचे में भी सुधार किया है।
जयशंकर ने कहा- मुझे लगता है कि इन दो कारणों के चलते भारत-चीन सीमा विवाद पर पेट्रोलिंग का मुद्दा हल हो सका है।
जयशंकर ने ऐसा क्यों कहा…..
दरअसल, भारत-चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में चार साल से सीमा विवाद को
लेकर तनाव था। दो साल की लंबी बातचीत के बाद पिछले दिनों एक समझौता हुआ है। दोनों सेनाएं विवादित पॉइंट्स देपसांग और डेमचोक से पीछे हटेंगी।
18 अक्टूबरः देपसांग और डेमचोक से पीछे हटने की जानकारी सामने आई थी। इसमें बताया गया था कि यहां से दोनों सेनाएं अप्रैल 2020 से पहली की स्थिति में वापस लौटेंगी। साथ ही उन्हीं क्षेत्रों में गश्त करेंगी, जहां अप्रैल 2020 से पहले किया करती थीं। इसके अलावा कमांडर लेवल मीटिंग होती रहेगी
2020 में भारत-चीन के सैनिकों के बीच गलवान झड़प के बाद से देपसांग और डेमचोक में तनाव बना हुआ था। करीब 4 साल बाद 21 अक्टूबर को दोनों देशों के बीच नया पेट्रोलिंग समझौता हुआ। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बताया था कि इसका मकसद लद्दाख में गलवान जैसी झड़प रोकना और पहले जैसे हालात बनाना है।
25 अक्टूबरः भारत और चीन की सेनाएं शुक्रवार, 25 अक्टूबर से पूर्वी लद्दाख सीमा से पीछे हटना शुरू हो गई हैं। पूर्वी लद्दाख के डेमचोक और देपसांग पॉइंट में दोनों सेनाओं ने अपने अस्थायी टेंट और शेड हटा लिए हैं। गाडç¸यां और मिलिट्री उपकरण भी पीछे ले जाए जा रहे हैं।आर्मी के सूत्रों के मुताबिक 28 और 29 अक्टूबर तक दोनों देश देपसांग और डेमचोक से अपनी- अपनी सेनाएं पूरी तरह हटा लेंगे। पेट्रोलिंग के लिए सीमित सैनिकों की संख्या तय की गई है। ये संख्या कितनी है, इसकी अभी जानकारी सामने नहीं आई है।
गलवान घाटी-गोगरा हॉट स्पि्रंग्स पर पेट्रोलिंग पर अभी फैसला नहीं
समझौते में लद्दाख के देपसांग के तहत आने वाले 4 पॉइंट्स को लेकर सहमति बन गई है, लेकिन डेमचोक के गलवान घाटी और गोगरा हॉट स्पि्रंग्स में गश्त को लेकर कुछ नहीं कहा गया है।
देपसांगःभारतीय सेना के मुताबिक, सैनिक अब गश्त के लिए देपसांग में पेट्रोलिंग पॉइंट 10, 11, 11-्र, 12 और 13 तक जा सकेंगे।
डेमचोकः पेट्रोलिंग पॉइंट-14 यानी गलवान घाटी, गोगरा हॉट स्पि्रंग्स यानी पीपी-15 और पीपी-17 बफर जोन हैं। रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि यहां पर गश्त को लेकर बाद में विचार होगा। बफर जोन यानी ऐसा इलाका जहां दोनों सेनाएं एक-दूसरे के आमने-सामने नहीं आ सकतीं। ये जोन विपक्षी सेनाओं को अलग करते हैं।


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