- झूठी उपलब्धि गिनवाने वर्तमान जिला अध्यक्ष ने रची थी कहानी…
- जिस जगह पर नपा बैकुण्ठपुर पालिका बाजार बनाना चाहते थे वहां पर भाजपा जिलाध्यक्ष भाजपा जिला कार्यालय चाह रहे थे बनाना
- एक ही नाम से जमीन पहले से थी आवंटित उसी नाम से जमीन को दोबारा कराना चाह रहे थे आबंटित
-रवि सिंह-
बैकुंठपुर,21 अक्टूबर 2024 (घटती-घटना)। कोरिया जिले के भाजपा जिलाध्यक्ष के मंसूबे पर पानी फिर गया और उन्हें कहीं न कहीं एक ऐसे मामले में साफ ना सुनने को मिल गया जो उनकी अपनी मनमानी से जुड़ा मामला था और जो उनकी एक बेवजह की जिद थी एक बाल हठ था जो अब नहीं पूरी की जा सकती यह प्रशासन सहित राज्य के जिम्मेदार अधिकारियों ने स्पष्ट कर दिया और उन्हें बता भी दिया। भाजपा जिलाध्यक्ष कोरिया की जो जिद बाल हठ या एक गलत प्रयास असफल हुआ जिसे गलत करार दिया गया जिसके लिए उन्हें मना किया गया शासन प्रशासन द्वारा जिसे नियम विरुद्ध ही बता दिया गया वह जिला भाजपा कार्यालय के निर्माण और उसके लिए जिला मुख्यालय में भूमि आबंटन की मांग की जिद थी जिसके लिए वह शासकीय भूमि का आबंटन शहर में कराने प्रयासरत थे और जिस मामले में कांग्रेस के नेताओं साथ ही नगर पालिका में निर्वाचित कांग्रेस पार्षदों के विरोध की वजह से यह मनाही सम्भव हुई। वैसे इसे दैनिक घटती-घटना की खबर का असर भी कहा जा सकता है क्योंकि दैनिक घटती-घटना ने प्रमुखता से इस मामले को प्रकाशित किया था और पूर्व से ही एक जिला कार्यालय होने के बावजूद दूसरा जिला कार्यालय बनाए जाने के प्रयास और भूमि आबंटन को गलत बताया था जिसके बाद यह मनाही जिलाध्यक्ष भाजपा को सुननी पड़ी। वैसे जिस जमीन पर जिलाध्यक्ष भाजपा कोरिया पार्टी कार्यालय के नाम पर कजा जमाना चाहते थे या जिस भूमि का भाजपा कार्यालय के नाम पर आबंटन कराकर वह अपनी उपलçध में एक अध्याय जोड़ना चाहते थे वह भूमि शहर के साथ ही जिला मुख्यालय के बीचों बीच स्थित है और उक्त भूमि का आबंटन नगर पालिका को किया जा चुका है जहां चौपाटी के निर्माण का प्रस्ताव भी है यह सूत्रों का कहना है।
ज्ञात हो की भा.ज.पा. का जिला कार्यालय पहले से ही जिला मुख्यालय बैकुण्ठपुर में स्थित है,जो 2009-10 में शासन द्वारा आवंटित भूमि पर निर्मित किया गया था। वर्तमान में, कोरिया जिले का विभाजन होने के बाद केवल एक विधानसभा (बैकुण्ठपुर) के कार्यकर्ताओं के लिए यह कार्यालय प्रयाप्त र्प्याप्त है। इस प्रकार, नए प्लाट के आवंटन की आवश्यकता नहीं थी। फिर भी संसाधनों की समीपता और शैक्षणिक संस्थान की स्थितिः जिस भूमि की मांग की जा रही है, उसके सामने शासकीय आदर्श कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बैकुण्ठपुर में स्थित है। यदि इस भूमि का उपयोग पार्टी कार्यालय हेतु किया जाता है, तो यह विद्यालय में अध्ययनरत छात्राओं की शिक्षा में व्यवधान उत्पन्न कर सकता है, जबकि पूर्व में पालिका बाजार हेतु भूमि का आरक्षणः उक्त भूमि को पहले ही पालिका बाजार के निर्माण हेतु आरक्षित किया गया है। बैकुण्ठपुर में यह भूमि एकमात्र ऐसी इन है, जहां सर्वसुविधायुक्त पालिका बाजार का निर्माण किया जा सकता है, जो शहर के बहुमुखी विकास के लिए आवश्यक है। भूमि आवंटन के पिछले प्रयासों का विवरण, इससे पहले, उक्त भूमि को पुलिस अधीक्षक कार्यालय हेतु आवंटित करने का प्रस्ताव दिया गया था, किन्तु नगर पालिका परिषद की सामान्य सभा की बैठक 03.06.2022 को प्रस्ताव पारित किया गया था कि उक्त भूमि को 01 रूपया प्रति वर्ग फीट की दर से मांग कर भूमि नगर पालिका के नाम पर अंतरण कराते हुए पालिका बाजार निर्माण की कार्यवाही करने हेतु सर्व सम्मति से संकल्प पारित किया गया। सामान्य सभा की बैठक की सत्य प्रतिलिपि संलग्न है। सभी ने हस्ताक्षर कर कहा है कि नजूल प्लाट क्रमांक 84, 85, 86 में से 62 डिसमिल भूमि को पालिका बाजार के लिए सुरक्षित रखते हुए, इसे भा.ज.पा. के जिला कार्यालय के लिए आवंटित न किया जाए, क्योंकि भा.ज.पा. को पहले से ही जिला कार्यालय के लिए भूमि आवंटित की जा चुकी है और उनका कार्यालय वर्तमान में संचालित है।
एक जिले में और खासकर जिला मुख्यालय में एक ही जिला कार्यालय बना सकती हैं कोई भी पार्टी,नियम
बताया जा रहा है की राजनीतिक दलों को जिले में खासकर जिला मुख्यालय में एक ही जिला कार्यालय बनाने के लिए भूमि आबंटित किया जायेगा ऐसा नियम है। भाजपा सहित कांग्रेस के पास पहले से कार्यालय हैं और अब पुनः जिलाध्यक्ष भाजपा नया कार्यालय बनाने के लिए भूमि आबंटन की मांग कर रहे थे जिसे नियम विरुद्ध पाए जाने पर अस्वीकार किया गया प्रशासन द्वारा।
इश्तहार जारी होने उपरांत कार्यवाही पर रोक लगना सत्ताधारी दल के लिए एक बड़ी असफलता
भाजपा जिला कार्यालय के लिए दूसरी बार जमीन आबंटन के लिए जिलाध्यक्ष भाजपा कोरिया प्रयासरत थे और उन्होंने अपने पदीय महत्व का फायदा उठाकर भूमि आबंटन के लिए इश्तहार भी प्रकाशित करवा लिया था लेकिन जब बात फैली और विरोध हुआ मामला ठंडे बस्ते में चला गया। वैसे पूरे मामले में जिलाध्यक्ष भाजपा सहित सााधारी दल को भी काफी झटका लगा है क्यूंकि साा में रहते हुए उन्हें बैकफुट पर आना पड़ा है।