जय हो जय किसान
तुम भी हम जैसे इंसान
जगत में आप हो महान
त्याग कर्म है ईश समान।।
जय हो जय किसान
जग का तूं है विश्वप्राण
कैसे करूं मैं बखान
श्रम का तूं है खान।।
जय हो जय किसान
अन्न दाता है महान
सर्दी गर्मी सहता तुफान
रचता जग में नया बिहान।।
जय हो जय किसान
देता सबको मीठा मुस्कान
सदा करता धरा का सम्मान
धरती का सगा पुत्र समान।।
लक्ष्मी नारायण सेन
खुटेरी फिंगेश्वर गरियाबंद (छत्तीसगढ़)
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