बिलासपुर@ कमिश्नर द्वारा की गई चेकिंग में खुली पोल

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@ रात में सड़कों पर दिखे मवेशी…
@@ एसडीएम से बोले कमिश्नर मालिकों पर दर्ज कराएं एफ आईआर…
बिलासपुर,18 अक्टूबर 2024 (ए)।
न्यायधानी में हाईकोर्ट की सख्त चेतावनी के बाद भी सड़कों पर बैठे मवेशियों को हटाने के लिए केवल दिखावे की कार्रवाई की जा रही है। संभागायुक्त महादेव कावरे ने रात में बिलासपुर-तखतपुर रोड के सकरी और नेहरू नगर क्षेत्रों में चल रहे सड़क पर मवेशी रोकने के अभियान का निरीक्षण किया। इस दौरान कई स्थानों पर मवेशी जैसे गाय और भैंस सड़क पर बैठे हुए मिले, जिसे देखकर उन्होंने कड़ी नाराजगी जताई।
इस मार्ग पर गाçड़ड़यां निकलने तक की जगह नहीं थी…
गुरुवार की देर शाम संभागीय कमिश्नर महादेव कावरे औचक निरीक्षण पर निकले। इस दौरान उन्होंने बिलासपुर-तखतपुर मार्ग का जायजा लिया। यहां रोड में नेहरू चौक से लेकर उसलापुर व सकरी में कई जगह मवेशी सड़कों पर बैठे मिले। वहीं, कानन-पेंडारी से आगे मेन रोड पर मवेशियों के झूंड सड़कों पर डेरा जमाए मिले, जहां गाçड़यां निकलने तक की जगह नहीं थी।
मौके से एसडीएम को दिया निर्देश
इस दौरान कमिश्नर कावरे ने मौके पर ही एसडीएम पीयूष तिवारी को मोबाइल पर कॉल किया और मवेशी मालिकों की जानकारी जुटाकर एफ आईआर कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मवेशियों के मालिकों का पता लगाकर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए, और यदि मवेशी आवारा हों तो उन्हें भी हटाने के उपाय किए जाएं।
उन्होंने अधिकारियों को आवारा मवेशियों को अधिक संख्या में पकड़ने के लिए काऊ कैचर का उपयोग करने और मवेशियों पर रेडियम बेल्ट लगाने की प्रक्रिया तेज करने को कहा।
कमिश्नर ने कहा कि व्यापारियों के साथ मिलकर अभियान चलाएं, सड़क पर मवेशियों की वजह से लगातार दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। इससे केवल जनहानि ही नहीं, बल्कि मवेशियों की जान को भी खतरा बना रहता है।
जनहित याचिका का कोई असर नहीं
संभागायुक्त के औचक निरिक्षण में बिलासपुर की मुख्य सडकों का जो नजारा दिखा उससे ऐसा नहीं लगता कि सड़कों से मवेशियों को हटाने का काम गंभीरता से चल रहा है।दरअसल, नेशनल हाईवे और स्टेट हाईवे की सड़कों पर बैठी मवेशियों की वजह से लगातार सड़क हादसे हो रहे हैं, जिससे मवेशियों के साथ ही आम लोगों की भी मौत हो रही है। बाइक सहित दूसरे वाहनों में सवार लोग हादसे का शिकार हो रहे हैं। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने इसे जनहित याचिका मानकर सुनवाई शुरू की है। सुनवाई के दौरान उन्होंने चीफ सेक्रेटरी सहित अफसरों से शपथपत्र मांगा था। जिसके बाद राज्य शासन को कार्ययोजना बनाकर काम करने के निर्देश दिए थे। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने राज्य शासन पर नाराजगी भी जताई थी। साथ ही कहा था कि मवेशियों को हटाने के लिए अफसरों की जवाबदेही तय की जाए। लेकिन, हाईकोर्ट की सख्ती के बाद भी जिला प्रशासन का अमला सड़कों पर बैठे मवेशियों को हटाने में नाकाम साबित हो रहा है।


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