नई दिल्ली@ प्रतिबंधित संगठन पीएफआई पर ईडी का बड़ा खुलासा

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@ कहा…13 हजार से अधिक हैं एक्टिव सदस्य…
@ भारत के खिलाफ कर रहे प्लानिंग…
नई दिल्ली,18 अक्टूबर 2024 (ए)।
प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने प्रतिबंधित संगठन पीएफआई की चल और अचल 35 संपत्तियों को जब्त किया है। इन संपत्तियो की कीमत करीब 57 करोड़ रुपये हैं। इन संपत्तियों में कई ट्रस्ट, कंपनिया और निजी संपत्तियां शामिल हैं। ईडी ने दिल्ली पुलिस और एनआईए द्वारा दर्ज मामलों को आधार बनाकर मनी लांड्रिंग का केस दर्ज किया था। जांच में पता चला कि पीएफआई के 29 खातों में देश और विदेश से फंड आया था। डमी फर्मों से फंड हवाला के जरिए और दूसरे तरीकों से भेजा गया था। ईडी इस मामले में फरवरी 2021 से मई 2024 तक पीएफआई से जुड़े 26 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। ईडी ने अब तक 94 करोड़ रुपए की अपराध से अर्जित आय का पता लगाया है।
पीएफआई के 13 हजार से अधिक एक्टिव सदस्य
ईडी को अपनी जांच में पता चला की पीएफआई का विदेशों में भी बड़ा नेटवर्क है। इसके सिंगापुर और खाड़ी देशों में 13000 से अधिक सक्रिय सदस्य हैं। इन देशों में रहने वाले गैर निवासी मुस्लिम से पैसे इकट्ठा करने के लिए पीएफआईने डिस्टि्रक्ट एग्जेक्यूटिव समिति का गठन किया है, जिन्हें करोड़ो रुपए की फंडिंग करने का टारगेट दिया गया है। यह पैसा भारत में पीएफआई की आतंकवादी और अवैध गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किया जाता है। जांच में पता चला कि पीएफआई का असल मकसद उसके दूसरे मकसदों से अलग है। जांच में पता चला कि पीएफआई का असली मकसद भारत में जिहाद के ज़रिए इस्लामी स्टेट की स्थापना करना है, जबकि वह खुद को सामाजिक आंदोलन के रूप में पेश करता है।
पीएफआई के घातक प्लान
इसके अलावा आतंकवादी ग्रुप बनाने की प्लानिंग के तहत, घातक हथियार और विस्फोटक सामग्री जमा करना और महत्वपूर्ण और संवेदनशील जगहों समेत बड़ी हस्तियों पर हमला करने की योजना बनाना। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पटना यात्रा के दौरान अशांति फैलाने के लिए ट्रेनिंग कैम्प बनाना। देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता के लिए खतरा पैदा करने वाले साहित्य को तैयार करना, प्रिंट करना और रखना। जांच के बाद, पीएफआई से जुड़े 35 अचल संपत्तियों जिनकी कीमत 56.56 करोड़ रुपये है, उन्हें जब्त किया गया है। ये संपत्तियां विभिन्न ट्रस्ट, पीएफआई से जुड़े व्यक्तियों और कंपनियों के नाम पर थीं। ईडी ने इन आरोपों के संबंध में पीएफआई के नेताओं और कैडर्स के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर ऐसी 17 संपत्तियों को आतंकवाद से कमाई गई आय के रूप में पहचान कर जब्त किया है।
पीएफआई कर रही थी भारत में गृहयुद्ध की तैयारी
पीएफआई अपने कृत्यों को गैर-हिंसक बताती थी, लेकिन हासिल सबूतों से पता चलता है कि उनके विरोध के तरीके हिंसक हैं। ईडी ने अपनी जांच के दौरान पीएफआई के विरोध के कुछ तरीको को कुछ इस तरीके से बताया है, जैसे गृह युद्ध की तैयारी करना। श्वष्ठ ने अपनी जांच में पाया कि पीएफआई भारत में गृह युद्ध करने के लिए हवाई हमले, गोरिल्ला वॉर करने के लिए एक अलग से टेली कम्युनिकेशन सिस्टम तैयार करने की प्लानिंग कर रहा था। पीएफआई ने अपने सदस्यों को अधिकारियों को परेशान करने, उनको ठगने, सामाजिक संबंध बनाने के साथ दुनिया को मरा हुआ दिखाने के लिए नकली अंतिम संस्कार करने का भी निर्देश दिया था।


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