बलरामपुर@बलरामपुर में 400 एकड़ सरकारी जमीन को प्रशासन ने कराया अवैध कजे से मुक्त

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बलरामपुर,17 अक्टूबर 2024 (घटती-घटना)। बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के रामानुजगंज तहसील के महाबीरगंज गांव में प्रशासन ने दशकों से चले आ रहे अवैध कजों के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। यह कार्रवाई 680 एकड़ सरकारी जमीन पर हुए अवैध कजे को लेकर की गई, जिसमें 400 एकड़ जमीन को कजाधारियों से मुक्त कराया गया। इस मामले में प्रशासनिक अधिकारियों ने लंबे समय तक धैर्यपूर्वक जांच की और अवैध कजाधारियों से सरकारी जमीन को वापस लेने में बड़ी सफलता हासिल की। महाबीरगंज गांव की 680 एकड़ सरकारी जमीन पर 1954-55 से ही ग्रामीणों ने अवैध कजा जमा रखा था। इस जमीन पर कजाधारियों ने घर बनाए हुए थे और कुछ ने खेती भी शुरू कर दी थी। यह मामला कई दशकों तक प्रशासन की नजर से बचा रहा, लेकिन 2020 के आसपास भी कोई मायने जब शिकायतें दर्ज कराई गईं, तब जाकर इस गंभीर अवैध कजे का खुलासा हुआ। स्थानीय ग्रामीणों द्वारा कजाई गई यह जमीन कोयला खदान क्षेत्र में स्थित है, जिससे इसकी कीमत बहुत अधिक मानी जाती है। इसी वजह से यह जमीन अवैध कजाधारियों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई थी। पूर्व कलेक्टर के कार्यकाल में इस अवैध कजे की शिकायत की गई थी, जिसके बाद कलेक्टर ने इस मामले को गंभीरता से लिया। प्रशासन ने इस विशाल जमीन पर कजे की जांच करने और जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्णय लिया। इसके लिए अपर कलेक्टर को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया। इस बीच कजाधारियों को नोटिस जारी किया गया और जमीन के दस्तावेजों की जांच शुरू की गई। जांच के दौरान कई गड़बडिय़ों का खुलासा हुआ। कजाधारियों द्वारा प्रस्तुत किए गए दस्तावेजों में जमीन के सीरियल नंबर गलत थे, और कुछ जगहों पर स्याही का रंग अलग-अलग पाया गया। इसके अलावा, रिकॉर्ड की लिखावट में भी भिन्नता देखी गई। यह स्पष्ट हो गया कि इन अवैध कजों में पटवारियों की मिलीभगत रही होगी, जिन्होंने जमीन के रिकॉर्ड में हेरफेर किया।
हालांकि, प्रशासन के लिए एक बड़ी समस्या यह रही कि यह अवैध कजे 1954-55 से हो रहे थे, जिससे स्पष्ट रूप से यह तय करना मुश्किल हो गया कि किस पटवारी ने किस समय गड़बड़ी की थी। दस्तावेजों में मिली असंगतियों के बावजूद यह पता लगाना कठिन था कि कौन सा पटवारी जिम्मेदार था।
वर्तमान अपर कलेक्टर
इंद्रजीत बर्मन ने संभाली जांच
पूर्व अपर कलेक्टर पैकरा की सेवानिवृçा के बाद, यह जिम्मेदारी वर्तमान अपर कलेक्टर इंद्रजीत बर्मन को सौंपी गई। उन्होंने इस मामले की विस्तृत जांच की और कजाधारियों से दावे और आपçायां मंगवाईं। लेकिन कजाधारी संतोषजनक जवाब नहीं दे सके, जिससे जांच अधिकारी ने अपनी अंतिम रिपोर्ट तैयार की। इस रिपोर्ट के आधार पर कलेक्टर रिमूजियूस एक्का ने अवैध कजाधारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आदेश दिया।
400 एकड़ जमीन कजे
से मुक्त, शेष पर कार्रवाई जारी
कलेक्टर के आदेश पर 680 एकड़ में से अब तक 400 एकड़ जमीन को अवैध कजे से मुक्त कराया जा चुका है और इसे फिर से सरकारी दस्तावेजों में दर्ज किया गया है। आने वाले दिनों में बाकी 280 एकड़ जमीन को भी कजाधारियों से मुक्त कराने के लिए कार्रवाई की जाएगी। इस प्रकार की कार्रवाई न केवल बलरामपुर जिले में बल्कि पूरे राज्य में सबसे बड़ी मानी जा रही है।


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