पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम का जन्म दिवस 15 अक्टूबर को आता है।इसे अन्तर्राष्ट्रीय विद्यार्थी दिवस के रूप में मनाते हैं। क्योंकि अब्दुल कलाम की जीवनी किसी भी विद्यार्थी के लिए एक प्रेरणादायक प्रकाशस्तंभ है। साधारण परिवार में जन्मे कलाम का जीवन हमें सिखाता है कि परिस्थितियाँ चाहे कैसी भी हों, अगर संकल्प और मेहनत हो, तो कुछ भी असंभव नहीं। रामेश्वरम जैसे छोटे से गांव में उनका जन्म हुआ, लेकिन उन्होंने अपने सपनों को कभी सीमाओं में नहीं बाँधा। बचपन में अख़बार बेचने से लेकर देश के राष्ट्रपति बनने तक की उनकी यात्रा हर विद्यार्थी के लिए यह संदेश है कि सफलता केवल समर्पण और प्रयास से ही मिलती है।कलाम जी का जीवन विद्यार्थियों को बताता है कि हर असफलता सीखने का एक अवसर होती है। वह कई बार अपने लक्ष्यों तक पहुंचने में असफल हुए, परंतु उन्होंने कभी हार नहीं मानी। उनके जीवन का यह महत्वपूर्ण सबक हमें यह समझाता है कि असफलता के बाद भी निरंतर प्रयास करना ही सच्ची सफलता की कुंजी है। उन्होंने यह भी सिखाया कि शिक्षा केवल पुस्तकों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह जीवन जीने की कला है। उनके विज्ञान में योगदान ने यह सिद्ध किया कि असंभव शब्द केवल सोच का एक भ्रम है। अपने जीवन में उन्होंने युवाओं को सदैव यही प्रेरणा दी कि जीवन में जो भी कार्य करो, उसे पूरे दिल से करो।
सपने वो नहीं होते जो हम सोते समय देखते हैं, सपने वो होते हैं जो हमें सोने नहीं देते। यह उक्ति विद्यार्थियों को बताती है कि उन्हें अपने लक्ष्यों के प्रति जागरूक और समर्पित रहना चाहिए। कलाम जी का जीवन इस बात का प्रमाण है कि यदि हम अपने सपनों का पीछा सच्ची लगन और मेहनत से करें, तो हर सपना पूरा हो सकता है।
उनके जैसे आदर्श व्यक्ति के जीवन से यह प्रेरणा मिलती है कि आत्म-निर्भरता, अनुशासन और सच्ची मेहनत के साथ हर विद्यार्थी अपनी जिंदगी में बड़ी ऊँचाइयों तक पहुंच सकता है।
सीमा लोहिया
झुंझुनू राजस्थान
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