@ वक्फ बिल पर जेपीसी बैठक से विपक्ष का वॉकआउट…
@ चेयरपर्सन जगदंबिका पाल को हटाने की मांग…
नई दिल्ली14 अक्टूबर 2024 (ए)। वक्फ बिल पर बनी जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी की सोमवार को हुई बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे पर वक्फ संपत्ति कब्जाने का आरोप लगा। इससे नाराज विपक्षी दलों के सांसदों ने बैठक का बहिष्कार कर दिया। साथ ही स्पीकर को चिठ्ठी लिखकर कमेटी के चेयरपर्सन जगदंबिका पाल को हटाने की मांग की। स्पीकर से मिलने का समय भी मांगा।
विपक्षी सांसदों का आरोप है कि कमेटी की कार्यवाही तय नियम के हिसाब से नहीं हो रही है। कर्नाटक माइनॉरिटी कमीशन के पूर्व चेयरपर्सन अनवर मणिप्पाडी ने एक प्रेजेंटेशन दी, लेकिन यह बिल से जुड़ी न होकर कर्नाटक सरकार और कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे को बदनाम करने के लिए थी।
अनवर ने अपने प्रेजेंटेशन में खड़गे पर वक्फ संपत्ति हड़पने का आरोप लगाया, जिसका विपक्षी सांसदों ने विरोध किया। दरअसल, मार्च, 2012 में वक्फ के 2.3 लाख करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप लगाने वाली मणिप्पाडी कमेटी ने तत्कालीन सीएम सदानंद गौड़ा को अपनी रिपोर्ट दी थी।
अनवर मणिप्पाडी उस समय कर्नाटक माइनॉरिटी कमीशन के चेयरपर्सन थे। उन्होंने ही इस कमेटी की भी अध्यक्षता की थी। करीब आठ साल बाद सितंबर, 2020 में रिपोर्ट विधानसभा में रखी गई। उसमें कांग्रेस के कई बड़े नेताओं के नाम थे।
वहीं, केरल विधानसभा ने सोमवार बिल के खिलाफ सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार इसे वापस लेने का आग्रह किया है। वक्फ (संशोधन) बिल 8 अगस्त को लोकसभा में पेश किया गया था और विपक्ष की आपत्ति के बीच इसे जेपीसी को सौंपा था। कमेटी को अगले संसद सत्र के पहले सप्ताह के आखिर तक अपनी रिपोर्ट लोकसभा को सौंपनी है।
वक्फ बिल पर जेपीसी की चार बैठकें
22 अगस्त, पहली बैठकः कमेटी चेयरपर्सन बोले- सबकी बात सुनी जाएगी 22 अगस्त को 31 सदस्यीय जेपीसी की पहली बैठक हुई थी। इसमें कमेटी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा था कि बिल पर विचार करने के दौरान सभी 44 अमेंडमेंट्स पर चर्चा होगी। सबकी बात सुनी जाएगी। अल्पसंख्यक मामलों और कानून मंत्रालय के अधिकारी ने कमेटी को ड्राफ्ट कानून में जो बदलाव के बारे में बताया।
5 सितंबर,तीसरी बैठकः विपक्ष ने कहा- मंत्रालय ने जानकारी छिपाई
तीसरी बैठक में मंत्रालयों के अधिकारियों ने वक्फ बिल पर प्रेजेंटेशन दिया। इस दौरान अधिकारियों की विपक्षी सांसदों से तीखी बहस हुई। विपक्षी सांसदों ने आरोप लगाया कि प्रेजेंटेशन के दौरान सरकारी अधिकारी बिल पर पूरी जानकारी नहीं दे रहे थे। सबसे ज्यादा विरोध आप सांसद संजय सिंह और एनपीसी सांसद कल्याण बनर्जी ने किया।
6 सितंबर, चौथी बैठक आप ने पुराने कानून पर आपत्ति की
बैठक में आर्केलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की टीम भी शामिल हुई। टीम ने प्रेजेंटेशन के जरिए बताया कि नया संशोधन बिल पुराने स्मारकों को संरक्षित रखने के लिए भी जरूरी है। आप ने पुराने वक्फ कानून पर अपनी पांच आपत्तियां भी दर्ज कराई थीं।विभाग का कहना था कि कई संपत्तियां जो पहले भारत सरकार ने संरक्षित की थीं, उन पर वक्फ ने बिना किसी सबूत के दावा कर दिया। वक्फ एक्ट 1995 (पुराना कानून) वक्फ बोर्ड को दान के नाम पर किसी भी प्रॉपर्टी को वक्फ संपत्ति घोषित करने का अधिकार देता है।
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