सोशल मीडिया में वायरल हो रही वीडियो ने गुंडागर्दी का सच लाया सामने
जिले की सबसे धनी नगर पालिका के बारे में अगर यह कहा जाय की इस समय दलालों और अराजक तत्वों के कजे में है कहीं से गलत नहीं लग रहा है दिन भर नगर पालिका में धमा-चौकड़ी मचाने वाले कुछ दलाल हमेशा अवसर की ताक में लगे रहते हैं और इन्हें जैसे ही समय मिलता है यह अवसर को भुनाने में नहीं चूकते। वही इस बार मेला वाहन पार्किंग के नाम पर कटी दो प्रकार की रसीदे इस बात की गवाह है।
-अरविंद द्विवेदी-
अनूपपुर (बिजुरी),14 अक्टूबर 2024 (घटती-घटना)। सरस्वती शिशु मंदिर बिजुरी में नगर पालिका के द्वारा बनाए गए मेला वाहन पार्किंग स्टैंड के सामने बीच सड़क पर खड़े होकर आधा दर्जन से ज्यादा अराजक तत्व आने-जाने वाली जनता को जबरन वाहन स्टैंड में गाड़ी खड़ी करने के लिए बाध्य कर रहे थे। यही नहीं जिन लोगों को इस रास्ते से रेलवे ओवर ब्रिज होते हुए मनेन्द्रगढ़,राजनगर,रामनगर या डोला भी जाना था उनको भी जबरन रोककर अवैध वसूली का प्रकरण इस समय सोशल मीडिया में वायरल हो रहे वीडियो के कारण चर्चा में बना हुआ है। इस संबंध में प्राप्त जानकारी के अनुसार नगर पालिका बिजुरी के द्वारा दशहरा मेला के अवसर पर बिजुरी के मार्केट में वाहनों के कारण जाम जैसी स्थिति न पैदा हो जाए और आम लोगों को परेशानी ना हो इसके लिए जगह-जगह वाहन पार्किंग स्टैंड बनाए गए थे जहां पर निर्धारित शुल्क जमा करने पर आम जनता अपना वाहन सुरक्षित खड़ा कर सकती थी। लेकिन बिजुरी नगर पालिका में सुबह से लेकर शाम तक अपना अड्डा जमाए बैठे कुछ दलाल किस्म के अराजक तत्व जो अपने चेहरे पर पत्रकारिता का नकाब लगाए हुए हैं ऐसे ही किसी अवसर को भूनाने की ताक में रहते हैं और यही कारण था कि वह नगर पालिका को सहयोग करने का ढीढोरा पीटते हुए पहले से ही अपनी जेब में रखी हुई वाहन पार्किंग की फर्जी रसीद काटकर अपनी जेब भरते रहे।
अवैध वसूली प्रकरण में जिम्मेदारों की चुप्पी
वायरल वीडियो के बाद जब एक-एक करके कई चेहरे बेनकाब हो रहे थे तो ऐसे ही एक अराजक तत्व ने जो पत्रकारिता का चोला ओढ़कर अवैध वसूली के दौरान उसका कहना था कि वह जनता की सुविधाओं को ध्यान में रखकर सहयोग कर रहा था। जबकि सच क्या है यह पूरी जनता वायरल वीडियो के बाद देख चुकी है और सबसे बड़े आश्चर्य की बात तो यह है कि जिस नगर पालिका के नाम पर फर्जी रसीद काट करके अवैध वसूली की गई उस नगर पालिका के जिम्मेदार इस सनसनीखेज प्रकरण पर चुप्पी साधे हुए हैं। इसके बाद अब आम जनता कहने लगी है कि कहीं ना कहीं इस फजी अवैध वसूली में नगर पालिका के जिम्मेदारों का भी तो हाथ नहीं है। फिलहाल तो यह जांच का विषय है और देखना है कि नगर पालिका अपने नाम की फर्जी रसीद काट कर वसूली करने वालों के खिलाफ क्या कार्रवाई करती है।
तो…खुलेआम चली फर्जी रसीद से अवैध वसूली
इसी तर्ज पर लगातार पूरी शाम कई अन्य वाहनों के सामने जाकर वाहन मालिकों और चालकों से बदसलूकी करने वाला यह एंकर बिलाल अहमद के पीछे एक शख्स लाठी लेकर भी चल रहा है। अब तो सवाल यह खड़ा हो रहा है कि क्या इसी लाठी के दम पर जनता से अवैध वसूली की गई या फिर नगर पालिका में बैठकर वहां की रणनीति जानने के बाद अपनी रोटी पकाने के लिए पूरी प्लानिंग करके आधा दर्जन से ज्यादा अराजक तत्व सड़क पर खुलेआम फर्जी रसीद के सहारे अवैध वसूली करते रहे और ना तो इसकी भनक पुलिस को लगी और ना प्रशासन को.? वहीं नगर पालिका भी अपने को इस पूरे प्रकरण से अनजान बता रही है ऐसे में तो सवाल खड़ा ही होता है कि आखिर यह बिना इनके जानकारी या संरक्षण में कैसे संभव हो गया।
सहयोग का चोला ओढ़कर सरेआम गुंडागर्दी
वायरल हो रहे वीडियो में अपने आप को टीवी 27 का एंकर बताने वाले इस शख्स को देखिए जो डिवाइडर पर बैठकर आने जाने वाली आम जनता का किस तरह से सहयोग कर रहा है यह देखने सुनने वाले ही अच्छी तरह से बता सकते हैं। फिलहाल अपनी पत्नी के साथ मनेन्द्रगढ़ जाने वाला एक युवक मौके पर गिड़गिड़ाते हुए यह बता रहा है कि उसे मेले के अंदर नहीं जाना है रेलवे ओवर ब्रिज के रास्ते से वह मैनेंद्रगढ़ जाएगा उसे जाने दिया जाए अर्जेंट है। लेकिन जनता के सहयोग का चोला ओढ़कर गुंडागर्दी के साथ फर्जी रसीद काटकर अवैध वसूली करने के खातिर बीच सड़क में अवरोध लगाकर बैठा यह शख्स वायरल हो रहे वीडियो में अपनी पहचान बड़े गर्व के साथ टीवी 27 का रिपोर्टर एंकर बिलाल अहमद के रूप में बताते हुए कहता है कि चाहे जिसको बुला लो गाड़ी तो स्टैंड में खड़ी करनी ही पड़ेगी।
नगर पालिका के पास नहीं है सवाल के जबाब
वायरल हो रहे वीडियो और दो-दो तरह की अलग-अलग वाहन पार्किंग की रसीद सामने आने के बाद नगर पालिका बिजुरी के जिम्मेदार अधिकारियों और जनता के चुने गए जनप्रतिनिधियां के पास इस प्रकरण से संबंधित किसी भी सवाल का कोई जवाब नहीं है। इस संबंध में जब मुख्य नगर पालिका अधिकारी से बात की गई तो उनका कहना था कि नगर पालिका की तरफ से स्टैंड बनाया गया था और वहां पर नगर पालिका के ही कर्मचारी तैनात किए गए थे। इस दौरान वहां पर बाहरी लोग कैसे पहुंचे और क्या किया इस संबंध में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। वहीं नगर पालिका अध्यक्ष से लेकर कई पार्षदों को जब इस संबंध में फोन पर बातचीत करने की कोशिश की गई तो बार-बार फोन करने के बावजूद उनका फोन रिसीव नहीं हो रहा था। जिसका एक ही मतलब निकाला जा रहा है कि वायरल हो रहे वीडियो और स्टैंड की फर्जी रसीद सामने आने के बाद नगर पालिका के संरक्षण की पोल खुल जाने से अब इनके पास हमारे सवालों के जवाब नहीं है जिसके कारण यह फोन रिसीव नहीं कर रहे हैं। फिलहाल जनता के हितों और सुविधाओं के लिए जनता के द्वारा चुनी गई इस नगर सरकार के कार्यालय में कुछ जिम्मेदारों की शह के कारण जिस तरह से दलालों और अराजक तत्वों का कजा है उसको देख कर तो यही कहा जा सकता है कि अब इस नगर की जनता का भगवान ही मालिक है।