कोरबा,@कच्चे मकानों में रह जाएंगी बस यादें,गरीबों के घरों की मजबूत होने लगी हैं बुनियादें

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कोरबा,11 अक्टूबर 2024 (घटती-घटना)। अंतिम छोर के गाँव की अपनी पहचान होती है। शहर से दूर होने के साथ यहाँ की अपनी जीवनशैली होती है। दूर-दूर घर होते हैं। घर पर गाय बकरियां होती है। हरे-भरे पेड़ पौधे होते हैं। छोटी-छोटी बाडि़याँ होती है,जहाँ पसंद की साग सçजयां उगाई गई और आसपास मुर्गे-मुर्गियां छोटे चूजे घूमते-फिरते होते हैं। सुबह से शाम तक चहल-पहल होती है। अपनी परम्पराएं, अपनी संस्कृति और मजबूत रिश्ते मगर कच्चे घर होते हैं…इन्हीं पहचान के बीच किसी के टूटे हुए तो किसी के जैसे-तैसे बने मिट्टी और खपरैल वाले घर भी होते हैं। गाँव में किसी के पक्के मकान का होना उनके रसूखदार होने की पहचान हुआ करती थी…क्योंकि गरीबी की वजह से पक्के मकान का सपना अनगिनत ग्रामीणों के लिए महज सपना ही था, खेती-किसानी या फिर पीढ़ी दर पीढ़ी कच्चे मकानों में ही जिंदगी गुजार देने वाले ग्रामीणों ने कभी सोचा भी नहीं था कि एक दिन उनका भी पक्का मकान बनेगा और अपने जीते-जी वे किसी रसूखदारों के बीच पक्के मकान में रह पाएंगे। कुछ ऐसा ही सपना कोरबा जिले के अन्तिम छोर के गाँव पतुरियाडाँड़ में रहने वाले गरीब परिवारों को खुशी और गर्व है कि किसी मजबूत रिश्तों की तरह उनके घरों की बुनियादें भी मजबूत हो रही है और कई मुश्किलों से गुजरी कच्चे मकानों में बस यादें ही रह जाएंगी। कोरबा जिले के पोड़ी उपरोड़ा के अन्तिमछोर के गाँव पतुरियाडाँड़ में रहने वाले गुलाब सिंह अपने तीन बेटों के साथ घर पर रहते हैं। लगभग 60 बसंत देख चुके गुलाब सिंह बताते हैं कि किसी तरह गाँव में खेती किसानी और मजदूरी से घर का खर्च चल जाता था। अब बेटे भी यहीं करते हैं। उनकी कई पीढ़ी गुजर गई पर पक्का मकान बन पाएगा, ऐसा कभी सोचा भी नहीं था। उन्होंने बताया कि उनके कच्चे मकान में जिंदगी कट गई। कच्चे मकान में बारिश के समय बहुत ही ज्यादा समस्याओं का सामना करना पड़ा। कभी खपरैल के बीच से टपकते बारिश के पानी में रातों की नींदे खराब हुई तो कई बार नीचे फर्श कीचड़मय हुआ। गुलाब सिंह से बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना में नाम आने के बाद उन्हें इस बात की चिंता थी कि वास्तव में पक्का मकान बनाने के लिए पैसे मिलेंगे या नहीं। कई बार तो लगता था कि खाते में पैसा नहीं आएगा और पक्के मकान का सपना कभी पूरा नहीं हो पायेगा। गुलाब सिंह ने बताया कि जब खाते में राशि आई तो मकान का सपना हकीकत में बदल गया है। खाते से राशि निकालकर अपनी मकान को मूर्त रूप दे रहा है। गुलाब सिंह ने बताया कि उन्हें खुशी है कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने प्रधनमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों के खाते में पैसा डाला है और यह राशि उनके जैसे गरीब परिवारों के सपनों को सच कर रहा है। उन्होने पीएम आवास के लिए प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के प्रति आभार जताया और अपने सपने के आशियाने को लेकर गौरवान्वित महसूस करते हुए खुशी व्यक्त की।


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