- राज्य के चार नवीन मेडिकल कालेज भवन निर्माण के लिए 1020 करोड़ रूपए का ई-टेंडर जारी
- 24 माह में पूरा होगा निर्माण कार्य, सीजीएमएससी होगी निर्माण एजेंसी
- विष्णु के सुशासन में हम जो कहते हैं,उसे कर के दिखाते हैःश्याम बिहारी जायसवाल
रायपुर/चिरमिरी/मनेंद्रगढ़,11 अक्टूबर 2024 (घटती-घटना)। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय राज्य की तरक्की के लिए कृतसंकल्पित हैं। तरक्की और सुशासन का ये सफर स्वास्थ्य सुविधाओं में विकास के बिना अधूरा है। इस बात का विशेष ध्यान रखते हुए मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल के साथ मिलकर स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार और नई सुविधाओं के विकास पर विशेष जोर दिया है। इसी बात के मद्देनजर मुख्यमंत्री श्री साय की पहल और और स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल के मार्गदर्शन में राज्य के चार नवीन मेडिकल कालेजों के भवन के लिए निविदा जारी कर दी गयी है। राज्य में जांजगीर चांपा, कबीरधाम, मनेंद्रगढ़ और दंतेवाड़ा के गीदम में चार नवीन मेडिकल कालेज बनेंगे। इनकी प्लानिंग, डिजाइनिंग, इंजीनियरिंग और निर्माण कार्य के लिए 1020.60 करोड़ रूपए का प्रावधान रखा गया है। 11 अक्टूबर से बिड डाक्यूमेंट आनलाइन उपलध होंगे तथा इन्हें जमा करने की अंतिम तारीख 7 नवंबर होगी।
हम जो कहते हैं, वो कर के दिखाते हैःश्याम बिहारी जायसवाल
चार नवीन मेडिकल कालेजों के लिए ई टेंडर जारी होने के बाद स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा है कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में हम जो कहते हैं उसे कर के भी दिखाते हैं। श्री जायसवाल ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने नवीन मेडिकल कालेज की स्थापना करने की घोषणा तो की, लेकिन उसके निर्माण और संचालन को लेकर कोई पहल नहीं की। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार कभी भी विकास की पक्षधर नहीं रही है और सिर्फ खोखले वायदों पर काम करना जानती है। लेकिन प्रदेश के युवाओं के हित में विष्णु के सुशासन में हमारी सरकार लगातार काम कर रही है और अपने वायदों को पूरा कर रही है। विा मंत्री श्री ओपी चौधरी ने बजट में इन मेडिकलव कालेजों के लिए बजट देने की बात कही थी और उन्होंने इसके लिए 1020.60 करोड़ रूपए की राशि को स्वीकृत भी किया है। श्री जायसवाल ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री होने के नाते उनकी पहली प्राथमिकता प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं का इजाफा करना है ताकि राज्य के युवाओं के साथ ही प्रत्येक वर्ग के लोगों को ज्यादा से ज्यादा लाभ मिल सके और स्थानीय लोगों को बेहतर इलाज उपलब्ध हो सके।