कोरिया@क्या कलेक्टर के जनदर्शन में सिर्फ विधायक ही याचक बन आ सकते हैं?

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-रवि सिंह-
कोरिया,10 अक्टूबर 2024 (घटती-घटना)। क्या कलेक्टर के जनदर्शन में सिर्फ विधायक ही आ सकते हैं? अब आप सोच रहे होंगे कि यह कैसा सवाल है तो यह सवाल इसलिए सामने आया है क्योंकि मंगलवार को कोरिया जिले के जनदर्शन में कुछ ऐसा ही देखने को मिला जब प्रार्थी अपनी समस्या लेकर जनदर्शन में कलेक्टर के सामने पहुंचे तो कलेक्टर महोदया ने प्रार्थी से पूछा क्या नाम है जब प्रार्थी ने नाम बताया तो कलेक्टर ने बोला क्या तुम विधायक हो? ऐसे में अब सवाल यह उठता है कि क्या जनदर्शन में विधायक आएंगे या फिर पीडि़त व याचक आएंगे…कलेक्टर का यह पूछना प्रार्थी को नागवार गुजरा प्रार्थी ने कलेक्टर से कहा कि आप पहले आवेदन तो पढ़ लीजिए हम अपनी समस्या लेकर आए हैं।
सूत्रों की माने तो कलेक्टर कोरिया वर्तमान, जबसे जिले में अपना नए कलेक्टर के रूप मे कार्यकाल सम्हाल पाईं हैं तभी से यह लगातार देखने-सुनने को मिल रहा है की काम कम डांट फटकार से ही जिला प्रशासन चल रहा है एक तरफ जहां जिला स्तर के गैर राजस्व विभाग अधिकारी कलेक्टर कोरिया से प्रताडि़त हैं और प्रताड़ना उपरांत मौन हैं वहीं यह भी अब देखने-सुनने को मिल रहा है की शासन की महत्वाकांक्षी कार्यक्रम में जहां हफ्ते में एक दिन फरियादियों को जिलेभर के न्याय मिलना है जनदर्शन कार्यक्रम के दौरान कलेक्टर कोरिया फरियादियों पर ही भड़क रही हैं साथ ही वह भरी सभा में फरियादियों को विधायक हो क्या कहकर यह जता रही हैं की वह केवल विधायक की सुनने आईं हैं,वैसे कलेक्टर कोरिया विधायक को लेकर भी स्पष्ट हैं और उन्हे भी सुनने वह बाध्य नहीं उनका कहना है ऐसा सूत्रों का ही कहना है लेकिन जैसा जिले में चल रहा है जल्द ही जिले में अधिकारी-कर्मचारी तनाव में चले जायेंगे साथ ही फरियादी भी जिला कार्यालयों से दूरी बना लेंगे यह नजर आने लगा है,दबी जबान में सभी कहने भी लगे हैं।
प्रार्थी की यह थी शिकायत
शिकायत के अनुसार जनपद बैकुण्ठपुर के ग्राम पटना के गायत्री चौक स्थित नव निर्मित व्यवसायिक दुकान क्रमांक-01 से 12 की विधि विरुद्ध निलामी दिनांक 23/05/2023 का प्रमाणीकरण दिनांक-27/05/2023 को की गई थी, निलामी की संपूर्ण प्रक्रिया व कार्यवाही अनावेदकगण द्वारा करायी गई थी, तथा उक्त निलामी में मेरे द्वारा दुकान कमांक-12 को क्रय किया गया था, तथा अन्य व्यक्तियों द्वारा भी दुकान कमांक-01 से लगायत 11 को उच्च बोली लगाकर क्रय किया गया तथा अनावेदकगण को 59.86 लाख रूपये प्राप्त हुआ। अनावेदक-01 व 02 के द्वारा व्यवसायिक दुकान क्रमांक-01 से 12 दुकान का आकर 4 ङ्ग 5, 1/2 मीटर प्रतिदुकान, दुकान का आरक्षण-अनारक्षित, अपसेटप्राईज-2.75 लाख प्रति दुकान, अमानत राशि-27,500/-रूपये (सताईस हजार पांच सौ रूपये) प्रतिदुकान, मासिक किराया-1,000/- रूपये प्रतिदुकान की दर से निलामी सूचना प्रकाशित कराकर निर्धारित नियम एवं शर्ते की कंडिका क्रमांक-01 से लेकर कंडिका कमांक-22 तक जारी कर दिनांक-23/05/2023 को निलामी की कार्यवाही ग्राम पंचायत भवन में उत्तरवादी कमांक-01 व 02 द्वारा सम्पन्न करायी गई थी। जिसमें निम्न व्यक्ति दुकान को सफल बोली लगाकर क्रय किया, अनावेदक क्रमांक-01 व 02 द्वारा जारी किये गये निलामी की नियम व शर्त दिनांक-23/05/2023 के कमांक-01 में स्पष्ट रूप से दुकान कमांक-01 से 12 का आकार लगायत 4 ङ्ग 5 1/2 मीटर निर्धारित कर सम्पूर्ण रूप से तैयार कर दिनांक-22/08/2023 के बाद सफल बोलीकर्ता को प्रदान किये जाने का सूचना नियम व शर्त की कंडिका कमांक-20 में अंकित कराये थे। उक्त नियम व शर्त के मुताबित ही आवेदक दुकान परिसर को क्रय किया था, किन्तु आज दिनांक तक अनावेदकगण कमांक-01 व 02 के लापरवाही व विधि विरूद्ध कृत्य से आवेदक को एवं अन्य बोलीकर्ताओं को आवंटित परिसर के आकार में हुई असामनता एवं उत्पन्न समस्या का निराकरण नहीं किये, और न ही दुकान का आधिपत्य दिये। आवेदक द्वारा ग्राम पंचायत अनावेदकगण को कई बार मौखिक व लिखित निवेदन कर दुकान के आधिपत्य प्रदान किये जाने का निवेदन किया गया, किन्तु अनावेदकगण के द्वारा आवेदक के निवेदन को हमेशा नजरअंदाज कर दर किनार करते रहे, तब आवेदक द्वारा एक प्रकरण न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी बैकुण्ठपुर के समक्ष प्रस्तुत किया है, जिसमें अनुविभागीय अधिकारी बैकुण्ठपुर द्वारा कथित दुकान के आकार व असमान्ता से करायी गई निर्माण की जांच जनपद पंचायत सीओ बैकुण्ठपुर व तहसीलदार पटना से कराये जाने का आदेश दिया गया है, किन्तु आज दिनांक तक न ही जनपद पंचायत सीओ व तहसीलदार पटना द्वारा जांच नहीं किया गया और न ही मुझ आवेदक के द्वारा प्रस्तुत प्रकरण का निराकरण किया गया, ऐसी स्थिति में मुझ आवेदक एवं अन्य सफलबोलीकर्ताओं में भारी निराशा है तथा अपने आपको अनावेदकगण के कृत्य से ठगी महसूस कर रहे है तथा मुझे एवं अन्य सफलबोलीकर्ताओं को अपूर्णनीय व्यवसायिक क्षति हो रही है।
फरियादी बनना है गुनाह?
अब आगे इस तरह के व्यवहार के बाद शायद ही कोई फरियादी उनके सामने जनदर्शन में जायेगा या समस्या का समाधान चाहेगा वहीं मंगलवार 8 अक्टूबर वाले याचक का साफ कहना है की जनदर्शन राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी एक योजना अभियान है जिसके तहत हर मंगलवार फरियादियों की समस्या का होना है निदान यदि इस दिन भी फरियादी बनना है गुनाह तो वह अब कभी नहीं जायेगा फरियाद लेकर कम से कम इस कलेक्टर के रहते कभी नहीं। वैसे राज्य सरकार ने कोरिया जिले के लिए कलेक्टर तो नियुक्त किया लेकिन वर्तमान कलेक्टर का कार्य व्यवहार साथ ही उनका हमेशा खुद का कोई तनाव अन्य पर डालना अब न अधिकारियों कर्मचारियों को पसंद आ रहा है न ही अब जिले के परेशान उन लोगों को जो फरियादी बनकर उनके पास पहुंच रहे हैं। जिले में कार्य उसी गति में आगे बढ़ रहे हैं कोई प्रगति अधिकारियों के दबाव ज्यादा देने से हो रही है ऐसा नजर बिलकुल नहीं आ रहा है हां यह जरूर है की लोग अनावश्यक अब परेशान हो रहे हैं और अब याचना का भी कोई लोगों के पास विकल्प नहीं है क्योंकि कलेक्टर कोरिया की माने तो उन्हें विधायक ही फरियादी चाहिए अन्य की वह फरियाद भी नहीं सुनना चाहतीं।
जिले की इतिहास में पहला कोई कलेक्टर ऐसा आया है जो सभी को मानसिक अवसाद में डाल रहा है…
वैसे जिले में या जिले के इतिहास में पहला कोई कलेक्टर ऐसा आया है जो सभी को मानसिक अवसाद में डाल रहा है यह पुराने कई लोग जो व्यवस्था से जुड़े हैं कार्यालयों से सम्बद्ध रह चुके हैं उनका कहना है मानना है। तानाशाही से कभी व्यवस्था नहीं सुधर सकती यह ऐसे लोगों का मानना है। वैसे कल के जनदर्शन कार्यक्रम में जिसमे आम फरियादियों की शिकायत का निराकरण होना तय रहता है उन्हे अपनी बात रखने का शासन की तरफ से अधिकार प्राप्त रहता है उसमे एक फरियादी को कलेक्टर कोरिया ने ऐसा लताड़ा की वह अब कभी फरियाद लेकर नही जाएगा उनके सामने वह यह तय कर चुका है। वैसे कलेक्टर कोरिया के व्यवहार को लेकर यह भी अब लोग कहने मजबूर हैं की क्या कलेक्टर के जनदर्शन में सिर्फ विधायक ही आ सकते हैं?
आइए जानते है क्या हुआ जनदर्शन में…
प्रार्थी ने बताया कि मंगलवार को जनदर्शन दर्शन लगा हुआ था और ग्राम पंचायत पटना में दुकान नीलामी में हुई अन्य नेताओं की शिकायत लेकर प्रार्थी कलेक्टर के सामने पहुंचा तब कलेक्टर ने शिकायत की प्रति एक और आदमी को दो दिखाने पर शिकायतकर्ता से पूछती हैं की तुम कौन हो, प्रार्थी ने अपना नाम बताया तो कलेक्टर ने कहा तो क्या तुम विधायक हो, अब कलेक्टर का क्या यह पूछना उचित था या फिर कलेक्टर अपने आप को सुपर साबित करना चाह रही थी,या वह फरियादी को उसकी औकात बताना चाह रही थीं जैसा की वह जिले के राजस्व विभाग के अधिकारियों को छोड़कर अन्य को लगातार बता रही हैं, और यह बात अब जनचर्चाओं में शुमार हो गया है। फरियादी ने बताया कि ग्राम पंचायत पटना द्वारा गायत्री मंदिर चौक के पास दुकान की नीलामी की गई थी इश्तिहार में दुकान का जो साइज दिया गया था वह साइज की दुकान उन्हें बनाकर नहीं मिली यहां तक की दुकान में पानी भी चु रहा है पैसा देने के बावजूद आज तक उन्हें दुकान नहीं मिल पाई है। अब इतना सुनते ही कलेक्टर भड़क गईं और फरियादी को विधायक हो क्या कहकर फटकार लगाने लगीं।


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