कोरिया/पटना,@ग्राम पंचायत महोरा हुआ सचिव विहीन प्रशासन के संज्ञान में नहीं

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-रवि सिंह-
कोरिया/पटना,08 अक्टूबर 2024 (घटती-घटना)। ग्राम पंचायत महोरा इन दिनों सुर्खियों में बना हुआ है…पर पता नहीं इन सुर्खियों की आवाज कोरिया जिले के शासन प्रशासन के कानों तक पहुंच भी रही है या नहीं या फिर प्रशासनिक अधिकारी कान में तेल डालकर बैठे हैं। मामला कोरिया जिले के बैकुंठपुर जनपद के महोरा ग्राम पंचायत का है जो विगत एक माह से सचिव विहीन है। बगैर सचिव के पूरे ग्राम पंचायत का कार्य कलाप ठप्प पड़ा हुआ है। निर्वाचन जैसे महत्वपूर्ण कार्य जिसे प्रशासन सर्वोपरि मान कर चलता है, उसका कार्य भी पंचायत में आज तक प्रारंभ नहीं हो पाया है। जबकि आगामी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए पूरे जिले के ग्राम पंचायतों में वार्डवॉर मतदाता सूची पुनरीक्षण का कार्य जोर-शोर से प्रगति पर है। इसके अलावा शासन की महत्वपूर्ण और महत्वाकांक्षी आयोजन जो प्रतिवर्ष 2 अक्टूबर गांधी जयंती के अवसर पर होता है, विशेष ग्राम सभा का आयोजन, वह भी इस पर ग्राम पंचायत महोरा में आयोजित नहीं हो पाया।
देखने-सुनने में बड़ा अजीब लगता है, और यह विडंबना भी है कि बैकुंठपुर जनपद पंचायत कार्यालय से चंद किलोमीटर दूर हाईवे पर लगा हुआ यह ग्राम पंचायत सचिन विहीन है। जिसकी वजह से ग्राम पंचायत के निवासियों के अलावा निर्वाचित पंच, सरपंच, उप सरपंच और अन्य लोग भी बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं। यह कैसे मान लिया जाए की शासन प्रशासन के अधिकारियों को इस स्थिति की जानकारी नहीं है, क्योंकि पूरे छाीसगढ़ में आगामी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत में वार्डवॉर मतदाता सूची पुनरीक्षण का कार्य चल रहा है। और निर्वाचन जैसा महत्वपूर्ण कार्य शासन प्रशासन के सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक होता है। जब बैकुंठपुर जनपद पंचायत के प्रत्येक पंचायत में यह कार्य अनवरत चल रहा है, तो कैसे उच्च अधिकारियों को इस बात की भनक तक नहीं की एक ग्राम पंचायत ऐसा भी है, जहां इतना महत्वपूर्ण कार्य अभी तक प्रारंभ भी नहीं हो पाया। वहीं प्रतिवर्ष अक्टूबर माह के प्रथम सप्ताह में होने वाले विशेष ग्राम सभा का आयोजन भी जब इस ग्राम पंचायत महोरा में नहीं हुआ तो उच्च अधिकारियों ने इस बात का संज्ञान क्यों नहीं लिया।
ग्राम पंचायत महोरा की यह स्थिति यहां पदस्थ महिला सचिव के आकस्मिक प्रसव के कारण निर्मित हुई है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत महोरा में पदस्थ महिला सचिव का अपेक्षित प्रसव नवंबर माह में होना था, परंतु एक माह पूर्व ही प्रसव की स्थिति निर्मित हो जाने से उन्हें आकस्मिक मातृत्व अवकाश पर जाना पड़ा और इस कारण उन्होंने उच्च अधिकारियों से विधिवत अवकाश भी नहीं लिया तथा किसी अन्य को अपना प्रभार भी नहीं सौंपा। वर्तमान में स्थिति यह है कि जिस पंचायत सचिव को बतौर संलग्नीकरण ग्राम पंचायत महोरा की जिम्मेदारी दी गई, उसका भी क्रियान्वयन इतने दिनों के बीत जाने के बाद भी नहीं हो पाया। क्योंकि उक्त कर्मचारी जिस स्थान पर वर्तमान में पदस्थ है, वहां से उसे रिलीविंग नहीं मिल पा रही। विडंबना यह है कि इतनी बड़ी बात पंचायत विभाग के अधिकारियों के संज्ञान में अभी तक क्यों नहीं है, और उन्होंने इतना लंबा समय बीत जाने पर भी इस दिशा में कोई ठोस पहल क्यों नहीं किया। बहरहाल आगे क्या होगा और इतनी बड़ी चूक की जवाबदारी और जिम्मेदारी किस पर थोपी जाएगी, यह तो भविष्य के गर्भ में है। परंतु देखने सुनने में अपनी तरह का यह पहला मामला लग रहा है। निश्चय ही लापरवाहों के ऊपर कार्यवाही सुनिश्चित की जानी चाहिए और जनहित में तत्काल पंचायत सचिव की पदस्थापना होनी चाहिए।


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