बिलासपुर,@ शिक्षक को 16 साल बाद मिला हाईकोर्ट से न्याय

Share

बिलासपुर,08 अक्टूबर 2024 (ए)। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में बर्खास्त शिक्षक को आखिरकार न्याय मिल ही गया। लेकिन न्याय भी तब मिला है जब उसकी सेवानिवृत्ति हो गई है। बर्खास्त सहायक शिक्षक ने अपनी बर्खास्ती के बाद से ही न्याय के लिए लड़ाई लड़नी शुरू कर दी थी लगातार न्यायालय में अपना पक्ष रखते हुए न्याय मांगा। लेकिन अंतिम में हाईकोर्ट से न्याय मिला है कोर्ट ने सहायक शिक्षक की पक्ष में फैसला सुनाते हुए सेवानिवृत्त आयु दिनों से पिछला सभी परिणामी लाभ देने के निर्देश शिक्षा विभाग को दिया है। 16 साल बाद शिक्षक को न्याय मिला है।
हाईकोर्ट ने करदाता के खिलाफ एकपक्षीय मूल्यांकन को ठहराया सही
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने आयकर अधिनियम 1961 की धारा 144 के तहत किसी करदाता के खिलाफ एकपक्षीय मूल्यांकन को सही ठहराया है। यह फैसला उस करदाता के खिलाफ लिया गया जिसने न तो मूल्यांकन कार्यवाही में भाग लिया और न ही अपने बैंक खाते में जमा 11 लाख 44 हजार 070 की नकद राशि के स्रोत की संतोषजनक व्याख्या की। जस्टिस संजय के अग्रवाल और जस्टिस अमितेंद्र किशोर प्रसाद की पीठ ने कहा कि आयकर अधिनियम की धारा 68 और 69ए के अनुसार यदि कोई करदाता अस्पष्टीकृत नकदी जमा के लिए संतोषजनक स्पष्टीकरण नहीं देता है तो उस राशि को कर योग्य आय के रूप में माना जा सकता है। मामले में करदाता को कई बार नोटिस भेजे गए, परंतु उसने किसी नोटिस का जवाब नहीं दिया और न ही अधिकारियों के सामने पेश हुआ, जिसके कारण यह एकपक्षीय मूल्यांकन हुआ।
मूल्यांकन अधिकारी, आयकर आयुक्त (अपील), और आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण (आईटीएटी) ने करदाता के खिलाफ फैसला सुनाया, क्योंकि वह अपने दावे को ठोस दस्तावेजी साक्ष्यों से प्रमाणित करने में असमर्थ रहा। करदाता ने आईटीएटी के इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी लेकिन न्यायालय ने आईटीएटी के फैसले की पुष्टि की। न्यायालय ने स्पष्ट किया कि नकद जमा की स्पष्ट व्याख्या करने में करदाता की विफलता के कारण इसे आय के रूप में माना जा सकता है।


Share

Check Also

रायपुर,@साय कैबिनेट में सोनी या चंद्राकर?

Share कांग्रेस नेता का बड़ा बयानरायपुर,25 नवम्बर 2024 (ए)। राजधानी रायपुर की दक्षिण विधानसभा सीट …

Leave a Reply