बिलासपुर/रायपुर@ गरीबों के खातों के जरिये 300 करोड़ का लेनदेन

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मामला किया गया आयकर के सुपुर्द…हाईकोर्ट से नहीं मिली अग्रिम जमानत…
तांत्रिक क्रिया के चलते बड़े-बड़े महानुभाव पहुंचते थे चौखट पर…
बिलासपुर/रायपुर,08 अक्टूबर 2024 (ए)।
15 करोड़ की ठगी के मामले में पुलिस द्वारा एफ आईआर दर्ज करने के बाद से फरार व्यवसायी केके श्रीवास्तव को जहां एक ओर भगोड़ा घोषित किया गया वहीं दूसरी ओर उसे हाई कोर्ट से भी राहत नहीं मिली और उसकी अग्रिम जमानत याचिका रद्द कर दी गई। इस दौरान सबसे बड़ा खुलासा यह हुआ है कि श्रीवास्तव ने गरीबों के खाते खुलवा कर कई सौ करोड़ रुपयों का लेनदेन किया है। इस मामले की जांच अब आयकर विभाग करेगी, वहीं ईडी की भी जल्द ही इंट्री होने की खबर सामने आ रही है।
दिल्ली के व्यवसायीसे की ठगी
कांग्रेस के शासनकाल में पूर्व सीएम के करीबी रहे केके श्रीवास्तव की राज्य की सत्ता पर दखलंदाजी थी। वे छत्तीसगढ़ से लेकर देश के अलग-अलग राज्यों में सत्ता का प्रभाव दिखाकर बेजा इस्तेमाल भी करते रहे हैं। रसूख का इस्तेमाल करते हुए श्रीवास्तव ने बिलासपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड में काम दिलाने का झांसा देकर दिल्ली के व्यवसायी रावत एसोसिएट के मालिक अशोक रावत से 15 करोड़ रुपये की उगाही कर ली। ठेका ना मिलने और रुपये ना लौटाने पर रावत ने श्रीवास्तव से कई बार संपर्क किया और फिर राशि नहीं लौटाने पर पुलिस में केके श्रीवास्तव और उसके बेटे कंचन श्रीवास्तव के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी।
जांच में हुआ नया खुलासा
अशोक रावत की एफ आईआर के बाद पुलिस की जांच में पता चला कि श्रीवास्तव ने ईडब्ल्यूएस के मकान में रहने वाले गरीबों के बैंक अकाउंट के जरिए 300 करोड़ रुपयों का लेनदेन किया है। इस मामले की प्रारंभिक जांच के बाद पुलिस ने इसे आयकर विभाग के सुपुर्द कर दिया है।
सर्वे के नाम पर गरीबों को दिया झांसा
अभी तक की जांच में जो खुलासा हुआ है उसके मुताबिक केके श्रीवास्तव ने गरीबों के खाते खुलवाने के लिए वही तरीका अपनाया जो महादेव सट्टा एप्प के एजेंट करते हैं। बताया जा रहा है कि श्रीवास्तव के कर्मियों ने सर्वे के नाम पर गरीबों के आवासीय इलाकों का दौरा किया और योजनाओं का लाभ दिलाने का झांसा देकर उनके बैंक खाते खुलवाकर अपने पास रख लिए। इन्हीं खातों का इस्तेमाल करोड़ों के लेनदेन में किया गया। स्वाभाविक है कि यह रकम दो नंबर की ही होगी। बताया जा रहा है कि ऐसे खातों में लगभग 300 करोड़ रुपयों का ट्रांजेक्शन हुआ है। धीरे-धीरे इन खातों का राज खुलता जा रहा है।
अधिकारी से बने दलाल
फरारी काट रहे केके श्रीवास्तव अखंड मध्य प्रदेश के दौरान रतनपुर नगर पालिका में सीएमओ (मुख्य नगर पालिका अधिकारी) हुआ करते थे। कार्य के दौरान वित्तीय गड़बड़ी के आरोप में निलंबन और तबादले के बाद श्रीवास्तव का नाम तब प्रकाश में आया जब उसने बिलासपुर को अपना ठिकाना बनाया और तांत्रिक क्रिया के नाम पर खुद को प्रचारित किया। आलम यह था कि श्रीवास्तव के कथित आश्रम में पूर्व सीएम से लेकर बड़े-बड़े नेता, ब्यूरोक्रेट्स और राजनितिक रसूख वाले व्यक्ति तांत्रिक क्रिया के लिए पहुंचने लगे थे। श्रीवास्तव की एक तस्वीर काफी चर्चा में रही जिसमें वे कांग्रेस नेत्री प्रियंका गांधी को प्रसाद स्वरूप कोई चीज भेंट कर रहे हैं। वे उन्हें कुछ बता भी रहे हैं।
फ्लाई ऐश परिवहन के ठेके से आया नया मोड़
कांग्रेस की सरकार के आने के पहले तक श्रीवास्तव जमीन की दलाली किया करते थे। उन्होंने कोरबा की एक कोल एन्ड पॉवर एनर्जी से जुडी कंपनी के लिए काम किया और एक नया उद्योग स्थापित करने के लिए बड़े पैमाने पर ग्रामीणों की जमीन की खरीदी कराई। भूपेश बघेल की सरकार के आने के बाद केके श्रीवास्तव ने ब्लैक स्मिथ नाम की ट्रांसपोर्ट कंपनी बनाई और अपने रसूख के बूते बालको के पावर प्लांट से फ्लाई ऐश परिवहन का ठेका ले लिया। इस काम में उसने करोड़ों रूपये कमाए। बताया जाता है कि इस दौरान राख के परिवहन के नाम पर काफी उलटे-सीधे काम किये गए और आम लोगों की लाख शिकायत के बावजूद इस कंपनी के खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं हुई।
पहले किया मजा,अब भुगत रहे
कांग्रेस की पिछली सरकार के कार्यकाल के दौरान काफी रसूख और रुतबा रखने वाले के के श्रीवास्तव राज्य की सत्ता से कांग्रेस के बाहर होते ही ठगी के आरोप में फंस गए हैं,और अब फरारी काट कर रहे हैं। श्रीवास्तव पर 15 करोड़ रुपये ठगने के आरोप में पुलिस ने एफआइआर दर्ज कर लिया है। पकड़ में नहीं आने के चलते उसे पुलिस ने अब जाकर भगोड़ा घोषित कर दिया है। वहीं हाई कोर्ट ने भी उसकी अग्रिम जमानत की अर्जी निरस्त कर दी है। हालात बता रहे हैं कि केके श्रीवास्तव के और भी बुरे दिन आने वाले हैं। उसके खिलाफ 15 करोड़ के फ्रॉड के बाद गरीबों के खातों में करोड़ों के लेनदेन का मामला भी जांच के बाद खुलेगा, और स्वाभाविक है कि आयकर और श्वष्ठ जैसी एजेंसियां इस मामले में कार्रवाई करेंगी। बहरहाल लोगों को इंतजार है, श्रीवास्तव के पुलिस की गिरफ्त में आने का, जिसके बाद यह पता चलेगा कि उसके खिलाफ और कितने मामलों में एफ आईआर दर्ज किया जा रहा है।
बड़ा ठेका दिलाने के नाम पर लिए रूपये
बताया जाता है कि सूबे के पूर्व मुखिया से सीधे संपर्क रखने वाले केके श्रीवास्तव ने लोगों को बड़े-बड़े ठेके दिलवाना शुरू कर दिया था। इसी कड़ी में उसने दिल्ली के अशोक रावत को भी 500 करोड़ रुपयों का काम दिलाने का वादा किया और इसके एवज में 15 करोड़ रूपये ले लिए। मगर उसका दुर्भाग्य रहा कि वह रावत को ठेका दिलवा नहीं सका, और लिए हुए रूपये भी वापस नहीं कर सका। ऐसे में उसकी उलटी गिनती शुरू हो गई।


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