कोरिया,@क्या अयोध्या धाम तीर्थदर्शन यात्रा का बन रहा जिले में मजाक?

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-रवि सिंह-
कोरिया,07 अक्टूबर 2024 (घटती-घटना)। भाजपा ने वृद्ध जनों को अयोध्या दर्शन करने के लिए अयोध्या धाम तीर्थदर्शनी यात्रा शुरू की थी, ताकि लोगों को रामलला के दर्शन करने का सौभाग्य मिल सके और जो व्यक्ति गरीब तबके कहें वह भी तीर्थ कर सके, पर क्या यह योजना सही तरीके से क्रियान्वयन हो रही है? ऐसा तो दिख नहीं रहा कोरिया जिले में इस यात्रा को राजनीतिक बना दिया गया है यहां पर उन्हें को शामिल किया जा रहा है जो सक्षम है जो पैसे लगाकर भी तीर्थ कर सकते हैं और जो राजनीति से जुड़े हैं, उन्हीं को ही यह प्राथमिकता मिल रही है वहीं उन लोगों का नंबर नहीं आ पा रहा जिसके लिए यह योजना शुरू की है यह योजना खास कर वृद्ध जनों व असहाय व्यक्तियों के लिए है जो तीर्थ में जाने के लिए पैसा खर्च नहीं कर पाते, उनके पास इतने संसाधन नहीं होते हैं कि वह पैसे खर्ज कर तीर्थ कर सकें, ऐसे लोगों की सपना आज भी सपना ही रह जाएगा, क्योकि यह योजना भी पैरवी खोज रही है।
ज्ञात हो की विगत विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने अपनी चुनावी घोषणा पत्र में छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ नागरिकों और बुजुर्गों को अयोध्या में निर्मित भव्य राम मंदिर एवं रामलला के दर्शन की तीर्थ यात्रा योजना का वादा किया था। सत्ता शासन में आने के बाद भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने इसे फलीभूत भी कर दिखाया और लगातार प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से ट्रेन के द्वारा मुफ्त में प्रदेश के नागरिकों को अयोध्या धाम के दर्शन करा रही है। परंतु इस योजना का कोरिया जिले के बैकुंठपुर जनपद में पलीता लगता हुआ दिख रहा है।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी और अयोध्या धाम दर्शन जाने को आतुर वरिष्ठ नागरिकों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, जिन्होंने कई महीनों पूर्व यात्रा के लिए आवेदन किया था, आज तक सूची में उनका नाम नहीं आ पाया है। परंतु उनके बताये अनुसार उनके बाद जमा किए हुए कनिष्ठ नागरिक या तो यात्रा कर चुके हैं, या आने वाले दिनों में यात्रा करने वाली सूची में उनका नाम सम्मिलित हो गया है। बैकुंठपुर विकासखंड के कई नागरिकों ने इस बात को लेकर जनपद पंचायत बैकुंठपुर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी से मुलाकात की तो जनपद सीईओ के निर्देश पर उनका नाम सूची में सम्मिलित किया गया। परंतु जानकारी के अनुसार जो सूची जिला कार्यालय भेजी गई उसमें कहीं पर भी शिकायतकर्ता वरिष्ठ नागरिकों का नाम नहीं है। अपितु लोगों का कहना यह है कि यह पूरी सूची प्रभावी व्यक्ति के इशारे पर उसके चहेतों को शामिल करने के लिए तैयार की गई है, ताकि आने वाले समय में पंचायत चुनाव में इस बात का लाभ लिया जा सके। बड़ा सवाल यह उठता है कि जब यात्रा के लिए किए गए आवेदन में उम्र से ही वरिष्ठता का पता लगाया जा सकता है, तो कनिष्ठों को वरीयता कैसे दी जा सकती है। साथ ही साथ आगामी दिनों में होने वाली अयोध्या धाम तीर्थ दर्शन यात्रा के लिए जारी सूची में कुछ ऐसे लोगों का नाम भी सम्मिलित है, जिन्होंने हाल में ही इस योजना के तहत इस यात्रा का फार्म भरा है। सोचनीय बात यह है कि जब हजारों की तादाद में यात्रा के लिए फॉर्म पूर्व में भरे गए हैं, तो कुछ व्यक्तियों को तात्कालीक मौका कैसे मिल रहा है। स्पष्ट है कि वरीयता क्रम को दरकिनार कर यात्रा की सूची जारी हो रही है।
सारी कवायद आने वाले पंचायत चुनाव में लाभ लेने की मंशा से
आने वाले कुछ महीनो में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव होना है। जिसमें लाभ लेने की मंशा से अपने-अपने कार्यकर्ताओं और चहेतों को इस तीर्थ यात्रा का तात्कालिक लाभ देने का प्रयास तथाकथित नेताओं के द्वारा किया जा रहा है। योजना भले ही भारतीय जनता पार्टी की हो, परंतु अपने-अपने क्षेत्र में प्रभावी रूप से इस योजना का वरिष्ठ नागरिकों और बड़े बुजुर्गों को लाभ दिलाने के लिए भारतीय जनता पार्टी के नेता, कार्यकर्ता इतने सक्रिय नहीं हैं। जबकि उन्हीं की सरकार में शासन की इस महती, महत्वाकांक्षी योजना का लाभ अपने कार्यकर्ताओं को दिलाने के लिए कांग्रेसी नेता सक्रिय नजर आ रहे, जिससे कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में अपने निर्वाचन क्षेत्र में इसका लाभ लिया जा सके। राजनीति के इस खेल में बड़ा सवाल यह है कि जिन वरिष्ठ नागरिकों और बड़े बुजुर्गों को इस योजना का प्राथमिकता के साथ लाभ मिलना था, वे पीछे छुटे जा रहे हैं। जबकि कनिष्ठ और कम उम्र के वे लोग जो भक्ति भाव से परे उद्देश्य लिए हैं, उनका क्रम पहले आ रहा है। नाम न लेने के शर्त पर एक कर्मचारी के उद्गार कुछ इस प्रकार हैं कि सूची दबाववश मनमर्जी से तैयार करवाई जाती है।


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