कोरिया@क्षतिग्रस्त तालाब घाट का क्यों किया लोकार्पण?

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-रवि सिंह-
कोरिया,07 अक्टूबर 2024 (घटती-घटना)। अजीबो-गरीब मामला हमेशा ही कोरिया जिले में देखने को मिलता है और उस पर खबर प्रकाशित करने पर पत्रकार ही विरोधी हो जाते हैं पर क्या करें काम भी ऐसा है कि विरोधी बनना पड़ता है, एक बार फिर खबर प्रकाशित हो रही है और एक बार फिर विरोधी बनेंगे, इस बार सवाल यह भी है कि जिस ग्राम पंचायत से आप निर्वाचित होकर जनप्रतिनिधि बनते हैं यदि उस ग्राम पंचायत में गुणवत्ता के साथ कार्य न हो तो फिर आपके जनप्रतिनिधि होने का क्या फायदा? अभी बात हो रही है कोरिया जिले के जनपद पंचायत बैकुंठपुर के जनपद उपाध्यक्ष की जिनका गृह ग्राम कोचिला है और पंचायत चिरगुडा है पर इनका जनपद क्षेत्र में चार पंचायत आते हैं उसमें से एक गांव उनके ग्राम पंचायत का पड़ोसी गांव जिसे छिंदिया कहा जाता है अपने ही जनपद क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत तलाब घाट का उद्घाटन किया जो उद्घाटन पहले ही क्षतिग्रस्त हो चुका था, कहे तो गुणवत्ताहींन कार्य की वजह से वह क्षतिग्रस्त हो गया, क्या ऐसे कार्य का भी जनपत उपाध्यक्ष का लोकार्पण करना अशोभनीय नहीं?
आप को बता दे की मामला ग्राम पंचायत छिंदिया का है जहां बांधपारा स्थित तालाब में घाट का निर्माण कराया गया। घटिया निर्माण सामग्री और भ्रष्टाचार की परिणीति ऐसी हुई कि लोकार्पण के पूर्व ही घाट क्षतिग्रस्त हो चुका था, बावजूद इसके रात के अंधेरे में एक बड़े आयोजन के साथ इसका लोकार्पण किया गया। इस लोकार्पण कार्यक्रम का क्रियान्वयन जनपद पंचायत बैकुंठपुर के उपाध्यक्ष श्रीमती आशा साहू के द्वारा किया गया। और जैसी जानकारी मिल रही है, और जो उन्होंने अपने सोशल मीडिया पोस्ट पर प्रसारित भी किया था की ग्राम वासियों के विभिन्न मांग को देखते हुए इन तथाकथित विकास कार्यों की स्वीकृति भी उन्होंने अपने मद से दी थी और निर्माण कार्य भी उन्हीं की देखरेख में कराया गया। अब बड़ा सवाल यह है कि जब ग्राम वासियों की मांग और आवश्यकता पर उन्होंने कार्यों को स्वीकृत किया और कराया और जब निर्माण भी उनके देखरेख में हुआ तो यह इतना गुणवत्ता विहीन कैसे हो गया की लोकार्पण के पूर्व ही क्षतिग्रस्त हो गया। मामले में हास्यास्पद बात यह है कि क्षतिग्रस्त कार्य का लोकार्पण करने के पूर्व रिपेयरिंग का कार्य भी जरूरी नहीं समझा गया। कार्यक्रम में विभिन्न अतिथियों को आमंत्रित कर रात को किए गए इस लोकार्पण कार्यक्रम से यही समझा गया होगा कि रात के अंधेरे में निर्माण की गुणवत्ता नजर किसको आएगी। जबकि एक जनप्रतिनिधि होने के नाते होना यह चाहिए था कि लोकार्पण के पूर्व जनपद उपाध्यक्ष श्रीमती आशा साहू को निर्माण कार्यों का निरीक्षण करना चाहिए था,कर्मियों को दूर करना चाहिए था, घटिया निर्माण और लोकार्पण पूर्व क्षतिग्रस्त होने की बात पर निर्माण एजेंसी, ठेकेदार और कर्मचारियों को फटकार लगाई जानी चाहिए थी।
सूत्रों के हवाले से जब घटती घटना प्रतिनिधि को इस बात की जानकारी मिली तो प्रतिनिधि ने मौके पर जाकर मुआयना किया और सूत्रों के बात की पुष्टि भी हुई। वहीं कुछ लोगों से बात करने पर यह लगा कि यह सारा काम-धाम आने वाले चुनाव को दृष्टिकोण में रखकर किया जा रहा है। गुणवत्ता से कोई लेना-देना नहीं, किसी तरह बस अपने कार्यों की गिनती कराई जानी है, और चुनावी लाभ लेना है। जनता के लाभ के लिए जब किसी कार्य की स्वीकृति मिलती है, तो घटिया निर्माण हमेशा के लिए उसे लील जाता है। क्योंकि इस कार्य की पुनः स्वीकृति और पुनरावृति होना संभव नहीं होता। जब एक बार कोई निर्माण कार्य भ्रष्टाचार की बलि चढ़ता है तो इसका सीधा नुकसान जनता को होता है। क्योंकि घटिया निर्माण अपना स्थान तो घेर लेता ही है, परंतु वह किसी काम का नहीं होता। जनता को इससे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कोई लाभ नहीं मिलता। हां भविष्य के लिए पुनः उसी निर्माण को प्राप्त कर पाना कठिन हो जाता है। वहीं निर्माण एजेंसी, ठेकेदार और पूरे मामले की जानकारी लेने के लिए जब अखबार प्रतिनिधि द्वारा ग्राम पंचायत छिंदिया के सरपंच से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने कॉल ही रिसीव नहीं किया।


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