बिलासपुर,02 अक्टूबर 2024 (ए)। न्यायधानी बिलासपुर में बीते कई सालों में राजस्व विभाग के पटवारी से लेकर तहसीलदारों ने जो घोटाले किये हैं, वे बरी-बरी से उजागर होते जा रहे हैं। इस बार जिले के पचपेड़ी तहसील स्थित एक गांव की 9 एकड़ 44 डिसमिल भूमि को दूसरे व्यक्ति के नाम पर चढ़ाने वाले तत्कालीन नायब तहसीलदार के खिलाफ निलंबन का प्रस्ताव भेजने के निर्देश कलेक्टर अवनीश शरण ने दिए हैं। इसके साथ ही नायब तहसीलदार के विरुद्ध एफआईआर की कार्यवाही के निर्देश भी एसडीएम मस्तूरी को दिए गए हैं।
9 एकड़ जमीन
की हुई हेराफेरी
पचपेड़ी तहसील के ग्राम भुरकुंडा सूर्यवंशीपारा स्थित गौरीबाई एवं अन्य की 9 एकड़ 44 डिसमिल जमीन को तत्कालीन नायब तहसीलदार रमेश कुमार कमार ( वर्तमान में जीपीएम जिला में नायब तहसीलदार ) ने अपने क्षेत्राधिकार से बाहर जाकर वाद भूमि को निजी भूमि के रूप में दर्ज करने का आदेश पारित किया था। उक्त जमीन को पटवारी ने अपने प्रतिवेदन में निस्तार पत्रक में दर्ज होना बताया हैं। उक्त भूमि को विक्रम सिंह पिता हेमलाल निवासी धनगवा के नाम दर्ज कर दिया गया। जिसकी शिकायत टीएल की बैठक में मिली थी।
एसडीएमकी जांच में उजागर हुआ पूरा मामला
कलेक्टर अवनीश शरण ने मस्तूरी एसडीएम को जांच के निर्देश दिए थे। जांच में जानकारी लगी कि 24 सितंबर 2021 को ज्ञापन जारी कर हल्का पटवारी को 7 दिनों में बी-1, खसरा समेत पालन-प्रतिवेदन प्रस्तुत करने हेतु ज्ञापन जारी किया
गया है। जिसके परिपालन में पटवारी ने रिकार्ड दुरस्त किया है।
कार्यालय से
दस्तावेज हैं गायब
तत्कालीन नायब तहसीलदार द्वारा प्रकरण की सत्यापित दस्तावेज जांच के दौरान उपलब्ध नहीं करवाए गए। तहसीलदार पचपेड़ी द्वारा मौखिक रूप से प्रकरण कार्यालय में उपस्थित नहीं होने और मूल प्रकरण के भौतिक रूप से कार्यालय में नहीं होने की जानकारी दी गई।
एसडीएम मस्तूरी की जांच रिपोर्ट को कलेक्टर ने ज्वाइंट कलेक्टर मनीष साहू से परीक्षण करवाया। फिर कार्यवाही हेतु एसडीएम को निर्देशित किया।
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