अम्बिकापुर@महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के तर्ज पर वाईएम क्लब अंबिकापुर द्वारा बनाया जा रहा है दुर्गा पण्डाल

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अम्बिकापुर,01 अक्टूबर 2024 (घटती-घटना)। अश्वनी मास में शुक्ल पक्ष के प्रतिपदा तिथि से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत होती है हिंदू धर्म में नवरात्र का बहुत अधिक महत्व होता है हिंदू पंचांग के अनुसार शारदीय नवरात्रि का पर्व गुरुवार 3 अक्टूबर से प्रारंभ हो रहा है जो 12 अक्टूबर को समाप्त होगा, दुर्गा पूजा को लेकर जगह-जगह तैयारी हो रही है और मां दुर्गे की प्रतिमा स्थापित करने के लिए पंडालो को सजाया जा रहा है। मां दुर्गा के आने के लिए उनके दरबार सजने लगे है और पंडालो को अंतिम रूप देने का प्रयास चल रहा है, एक से एक भव्य पांडाल तैयार किया जा रहे हैं कुछ ऐसा ही अंबिकापुर के केदारपुर वाईएम क्लब द्वारा दुर्गा पूजा के लिए भी पंडाल बनाया जा रहा है, पंडाल की आकृति 12 ज्योतिर्लिंग में से एक महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर की आकृति बनाई जा रही है जो काफी भव्य आकर्षक है, जिसे देखने के लिए लोगों का अभी से ही आना-जाना लगा हुआ है इस पंडाल को कोलकाता के कारीगर द्वारा तैयार किया जा हैं।
वाईएम क्लब के अध्यक्ष किशन सिंह, उपाध्यक्ष अंकित दुबे, संरक्षक शशिकांत सिंह, रविंद्र दुबे, सुशील पांडे एवं इश्वर ठाकुर ने जानकारी देते हुए बताया कि वाईएम क्लब केदारपुर अंबिकापुर की स्थापना 50 वर्ष पूर्व हुई थी उसे उस समय से यह क्लब गणेश पूजा व जन्माष्टमी का कार्यक्रम आयोजित करता आ रहा है, बीच में कुछ वर्षो से समिति के लोगों ने रुचि नहीं दिखाई जिस वजह से पूजा स्थगित रहा, पीछले २० वर्षो से एक बार फिर से यह लगातार समय-समय पर गणेश पूजा कृष्ण जन्माष्टमी का पूजा अर्चना करते आ रहे है, पिछले 4 वर्षों से शारदीय नवरात्रि पर मां दुर्गे की प्रतिमा स्थापित कर पूरे 9 दिन विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती है, लोगों में काफी उत्साह रहता है और लोगों को इस दिन का बहुत पेशाबरी से इंतजार रहता है, यहां का आकर्षक दुर्गा पंडाल लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र भी होता है, प्रथम वर्ष सर्वमंदीर बनाने के बाद हमारी समिति के द्वारा निर्णय लिया गया था कि भारत के 12 ज्योतिर्लिंग के आकृति के समान ही पंडाल बनाए जाएंगे, जिसमें से हमने पिछले तीन सालों में तीन ज्योतिर्लिंगों के आकृति पर पंडाल बना चुके हैं जिसमें केदारनाथ उत्तराखंड व विश्वनाथ (उत्तर प्रदेश) के तर्ज पर पंडाल बन चुके हैं इस बार हम चौथी ज्योतिर्लिंग ओंकारेश्वर (मध्य प्रदेश) की तर्ज पर पंडाल बना रहे हैं जो काफी आकर्षित है और इसे बनाने के लिए कारीगर कोलकाता से आए हुए हैं।
शारदीय नवरात्रि 2024 घटस्थापना समय
ज्योतिषियों की मानें तो शारदीय नवरात्रि के शुभ अवसर पर घटस्थापना मुहूर्त 03 अक्टूबर को सुबह 06 बजकर 15 मिनट से लेकर सुबह 07 बजकर 22 मिनट तक है। वहीं, अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 46 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 33 मिनट तक है। इन दोनों शुभ योग समय में घटस्थापना कर मां दुर्गा की पूजा कर सकते हैं।
शारदीय नवरात्र 2024 तिथि
हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 03 अक्टूबर को देर रात 12 बजकर 18 मिनट से शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 04 अक्टूबर को देर रात 02 बजकर 58 मिनट पर होगा। सनातन धर्म में सूर्योदय से तिथि की गणना की जाती है। अतः गुरुवार 03 अक्टूबर से शारदीय नवरात्र की शुरुआत होगी। इस विशेष तिथि पर हस्त नक्षत्र और चित्रा नक्षत्र का संयोग बन रहा है। इस वर्ष शारदीय नवरात्र 03 अक्टूबर से लेकर 11 अक्टूबर तक है। वहीं, 12 अक्टूबर को दशहरा यानी विजयादशमी है।
शारदीय नवरात्र 2024
03 अक्टूबर 2024- मां शैलपुत्री की पूजा
04 अक्टूबर 2024- मां ब्रह्मचारिणी की पूजा
05 अक्टूबर 2024- मां चंद्रघंटा की पूजा
06 अक्टूबर 2024- मां कूष्मांडा की पूजा
07 अक्टूबर 2024- मां स्कंदमाता की पूजा
08 अक्टूबर 2024- मां कात्यायनी की पूजा
09 अक्टूबर 2024- मां कालरात्रि की पूजा
10 अक्टूबर 2024- मां सिद्धिदात्री की पूजा
11 अक्टूबर 2024- मां महागौरी की पूजा
12 अक्टूबर 2024- विजयदशमी (दशहरा)


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