चिरमिरी/मनेंद्रगढ़/रायपु@1 अक्टूबर सन 1976 को रतनपुर में जन्मे थे स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल

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  • स्वास्थ्य मंत्री के जन्मदिवस पर विशेष:


-रवि सिंह-
चिरमिरी/मनेंद्रगढ़/रायपुर 30 सितम्बर 2024 (घटती-घटना)। हम बात कर रहे हैं छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल की…ऐसे तो मंत्री जी व दैनिक घटती घटना अखबार का संबंध जग जाहिर है,अखबार स्वास्थ्य मंत्री की कमियों को व उनके आलोचनाओं को जाहिर करने में कभी भी पीछे नहीं रहा है,जिसकी वजह से अखबार को नुकसान भी उठाना पड़ा…और आगे भी कमियों व आलोचनाओं को जाहिर करने पर नुकसान उठाने को भी तैयार है…दैनिक घटती घटना का वास्ता सच से है और सत्य आधारित खबरों से है…अखबार नुकसान के बावजूद सच प्रकाशित करने पर ही ध्यान देगा और अपने दायित्वों का ही निर्वहन करना चाहेगा, वह कमी हो या फिर उस व्यक्ति या उस पद पर बैठे या उस पद की अच्छाई यह भी लिखना अखबार का दायित्व है,सच को दिखाना चाहे वह कमी हो या फिर अच्छाई ही, इस बार हम स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के जन्मदिवस पर उनकी उपलब्धियां की बात करने जा रहे हैं और कुछ आग्रह भी उनसे करेंगे…वैसे स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल का जीवन परिचय लगभग सभी लोग जानते हैं…इससे पूर्व में भी दैनिक घटती-घटना अखबार ने उनके परिचय को प्रकाशित किया है,पर इस बार हम उनके कैबिनेट मंत्री बनने के बाद पहले जन्मदिन की बात करेंगे,यह जन्मदिन इसलिए भी खास होगा,क्योंकि इस जन्मदिन पर वह अपने प्रदेश को क्या सौगात देते हैं? इस पर भी लोगों की नजर होगी…साथ ही क्या अपने विभाग को भ्रष्टाचार मुक्त विभाग बनाएंगे…इसका भी संकल्प उन्हें लेना चाहिए…ताकि छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य व्यवस्था बाकी प्रदेशों के मुकाबले अच्छी हो और एक नया कीर्तिमान अपने नाम स्वास्थ्य मंत्री दर्ज कर सकें? ऐसा करते हैं या नहीं यह तो वक्त के गर्भ में है,अभी स्वास्थ्य मंत्री अपने विभाग के अलावा एक बड़ी जिम्मेदारी और भी निभा रहे हैं वह जिम्मेदारी है मुख्यमंत्री के प्रतिनिधित्व की,जहां पर मुख्यमंत्री नहीं पहुंच पाते वहां पर स्वास्थ्य मंत्री उनका प्रदेश प्रतिनिधित्व करके आते हैं और मुख्यमंत्री की बातों को वहां पर रखते हैं,अपने विभाग की जिम्मेदारियों के बीच यह भी एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी है और यह जिम्मेदारी उसी को मिलती है जिस पर भरोसा होता है दो उप मुख्यमंत्री होने के बावजूद स्वास्थ्य मंत्री को ही प्रतिनिधित्व करने की जिम्मेदारी मिलना यह बताता है की सरकार का भरोसा स्वास्थ्य मंत्री पर ज्यादा है। स्वास्थ्य मंत्री भले ही शुरुआती दौर में विवादों से घिरे रहे,विभाग को ना संभाल पाने का आरोप भी लगे और लग भी रहे हैं,पर यह ऐसा विभाग है कि आरोप-प्रत्यारोप तो लगता रहेगा,क्योंकि सीधे जनता से जुड़ा हुआ विभाग है पर अपने सहयोगियों की भी वजह से वह सुर्खियों में रहे पर इसके बावजूद वह अपने विभाग व अपने पार्टी व प्रदेश के लिए काम करते रहे, कमियों के बावजूद पार्टी ने उन पर भरोसा बनाए रखा और बनाए हुए हैं यही उनकी दूसरी उपलçध है कहीं ना कहीं पार्टी उन्हें सीखा भी रही है और काम करवा भी रही है।

छत्तीसगढ़ प्रदेश का नंबर दो विधानसभा जिसे मनेंद्रगढ़ के नाम से जाना जाता है। यहां दो पंचवर्षीय भाजपा के विधायक सत्तासीन रहे और दोनों ही बार भाजपा के दो अलग-अलग व्यक्तित्व ने विधायक पद को सुशोभित किया। 15 वर्ष के भाजपाई कार्यकाल के बाद साा विरोधी लहर और जनता से चुनाव पूर्व किए गए बड़े-बड़े वायदो ने कांग्रेस के विधायक को जनता ने मौका दिया। मौका मिलने के बाद जनता को लगा कि उन्होंने अच्छा जनप्रतिनिधि जनसेवक के तौर पर चुना है,क्योंकि उससे पहले इनके अंदर की जनसेवा खूब देखने को मिल रही थी,जिस जनसेवा को देखकर लोग मोहित हुए और डॉक्टर विनय जायसवाल को मनेन्द्रगढ़ विधानसभा का विधायक बनाया पर कांग्रेस विधायक डॉ विनय जायसवाल भी अपना 5 साल संभाल नहीं पाए 5 साल उनका लोगों को संतोषजनक नहीं लगा, यहां तक की पार्टी भी उनसे संतुष्ट नहीं थी जिस वजह से उनका टिकट कटा और वहीं से श्याम बिहारी जायसवाल को दूसरी बार फिर से विधायक बनने का रास्ता खुला और हुआ भी ऐसा ही श्याम बिहारी अपना तीसरा विधानसभा चुनाव जीतकर यह बता दिया कि वह पूर्व विधायक व कांग्रेस के वर्तमान प्रत्याशी से ज्यादा अच्छे विधायक बन सकते हैं, क्योंकि यह निर्णय जनता का था जिसने उन्हें चुनाव जितवाया,श्याम बिहारी जायसवाल को कैबिनेट में जगह मिलेगी यह उम्मीद किसी को भी नहीं थी, पर उन्होंने कैबिनेट में जगह भी पाया और बहुत महत्वपूर्ण पद भी पाया आज उन्हें लोग स्वास्थ्य मंत्री के नाम से जानते हैं।

श्याम बिहारी जायसवाल अपने पूर्व कार्यकाल के दौरान उनके द्वारा कराए गए विकासकार्य,जनता के प्रति प्रेम, उनकी साधारण जीवन शैली,उनकी जीवटता और लोगों से सामान्य जुड़ाव, क्षेत्र के प्रत्येक मतदाता के दिल मे इनका व्यक्तित्व योद्धा की तरह राज कर रहा था। बदलाव के दौर में भी इनका ना बदलना इनकी सबसे बड़ी ताकत थी पर मंत्री बनने के बाद उनके में बदलाव भी दिखने लगा श्याम बिहारी वर्तमान में अलग ही श्याम बिहारी जायसवाल लग रहे है, यह हम नहीं कह रहे यह अब चर्चाओं में है खबरों की सुर्खियों में भी श्याम बिहारी को लोगों ने चुनकर सिंहासन दिलाया क्या वह श्याम बिहारी फिर से अपने अंदर हुए बदलाव की समीक्षा कर पाएंगे और फिर से जनता के लिए उसी सहजता में आएंगे?

श्याम बिहारी जायसवाल अपने पूरे रजनीतिक जीवन में कभी भी अपने परिवार और जीवन की विकट परिस्थितियों को जनता के सामने ला कर वोट के लिए राजनितिक लाभ नहीं लिया। उन्होंने कभी भी इस बात को साझा नही किया कि वे परिवार चलाने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों के विभिन्न साप्ताहिक बाजारों के समीप पगडंडियों के किनारे फट्टी लगाकर,बोरा में बैठकर कृषि उपज एवं वनोपज में महुआ,डोरी, इत्यादि ग्रामीणों से अल्प मात्रा में खरीदकर परिवार चलाते थै। 1 अक्टूबर सन 1976 को रतनपुर में जन्मे श्याम बिहारी जायसवाल ने गृह ग्राम रतनपुर से ही प्राथमिक शिक्षा ग्रहण की थी, प्राथमिक शाला रतनपुर से सन 1985 में पांचवी पास करने के पश्चात माध्यमिक शाला तामडांड़ से 1988 में आठवीं की परीक्षा उत्तीर्ण की। जिसके बाद हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी की परीक्षा खंडगवा हायर सेकेंडरी विद्यालय से पास की। बड़ी बात यह है कि अपने शिक्षा काल के दरमियान अपने गांव रतनपुर से खंडगवा तक शिक्षा ग्रहण करने के लिए पैदल और साइकिल से सफर किया। विज्ञान के होनहार विद्यार्थी श्याम बिहारी जायसवाल ने अपना ग्रेजुएशन विज्ञान से करने के बाद सन 1998 में रसायन शास्त्र से स्नातकोार की उपाधि प्राप्त की। योग्यता ऐसी की इन्होंने स्नातकोत्तर की उपाधि पूरे विश्व विद्यालय में द्वितीय स्थान पर रहकर प्राप्त की और यह अपने क्षेत्र के रसायन शास्त्र से पहले स्नातकोत्तर विद्यार्थी रहे। श्याम बिहारी जायसवाल का जीवन संघर्ष से भरा रहा है। क्योंकि उन्होंने जब शिक्षा ग्रहण की तब पुरा क्षेत्र साधन विहीन था। यातायात के साधन के नाम पर मात्र बाबरा बस ही थी और एक आदर्श/अली अहमद बस बिलासपुर वाली ही थी। रतनपुर से चिरमिरी आ कर उन्होंने उच्च शिक्षा ग्रहण की, तथा वे पढ़ाई के दौरान जब प्रेक्टिकल या एक्स्ट्रा क्लास चलता था तो वे अपने परिचितों के यहां टिकरापारा में एक छोटे से कमरे में रात बिताते थे और हाँ रावण दहन कार्यक्रम में भी रतनपुर से चिरमिरी दिन में ही बोरा शॉल लेकर आ जाते थे। रावण दहन कार्यक्रम के बाद दुसरे दिन वे रतनपुर जाते थे, लेकिन इन सब बातों का जिक्र उन्होंने राजनैतिक या निजी जीवन में कभी भी नही किया। पूरे पढ़ाई के दरमियान पैदल और साइकिल का सफर,साथ ही विद्यालय समय से अलग परिवार की आजीविका के लिए हाट बाजारों में फट्टा लगाकर वनोपज की खरीदी और बिक्री,आसपास के बाजारों में गल्ला के व्यवसाय ने उन्हें समय से पहले संघर्षशील बना दिया था और पूरे क्षेत्र में बाजारों में भ्रमण के कारण क्षेत्रवासियों से पहचान भी काफी समय से हो गई थी। पढ़ाई पूरी होने के बाद उन्होंने व्यवसाय को अपना कैरियर चुना और अपने ग्राम में राइस मिल की स्थापना की। अपनी व्यवसायिक गतिविधियों और राइस मिल की स्थापना के बाद लोगों से उनका जुड़ाव बनता चला गया। और यही जुड़ाव भविष्य में उनकी लोकप्रियता का कारण भी बना।

श्याम बिहारी जायसवाल कि किस्मत भी गजब की थी। कभी इन्होंने सोचा नहीं था कि राजनीति में प्रवेश होगा।अचानक भाजपा से जनपद सदस्य का फॉर्म भरा और घरेलू विवाद के बावजूद बिना घरवालों की मर्जी उन्होंने चुनाव लड़ा और पहली बार में ही उन्हें जीत मिली और जीत मिलने के बाद निर्विरोध जनपद उपाध्यक्ष भी चुने गए। यह भी एक अजीबो-गरीब इत्तिफाक था। पहली बार इन्होंने जहां से चुनाव लड़ा वह तत्कालीन ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष का गढ़ था और पहली बार में ही है निर्विरोध जनपद उपाध्यक्ष चुने गए। कद्दावर शख्सियत को हराने के कारण भाजपा में इनकी बेहद मजबूत पृष्ठभूमि बनी। 2010 में जनपद सदस्य एवं जनपद उपाध्यक्ष बनने के बाद 2013 में ही इनसे जनपद सदस्य पद से इस्तीफा ले लिया गया और इन्हें क्षेत्र का विधानसभा का टिकट भाजपा की ओर से मिला। उन्होंने पहली विधानसभा चुनाव में भी धमाकेदार जीत दर्ज की और शानदार अपना 5 साल का कार्यकाल पूरा किया।

चुनाव से पूर्व दैनिक घटती-घटना के संवाददाता से बातचीत में श्याम बिहारी जायसवाल ने बताया कि यदि क्षेत्र की जनता और प्रदेश की जनता भाजपा को साा में लाती है,और मुझे दोबारा मौका मिलता है तो कुछ महत्वपूर्ण कार्य जो क्षेत्र के लिए मेरे विगत कार्यकाल में नहीं हो पाए,जो सदैव से मेरे जेहन में हैं वह यह की क्षेत्र को प्रदेश के आदर्श जिले,आदर्श क्षेत्र के रूप में स्थापित करना, मनेंद्रगढ़ विधानसभा में बेरोजगारी दूर करने के लिए लघु कुटीर उद्योग, व्यवसायिक कृषि को बढ़ावा देने के लिए योजनाओं को लाना, नवीन खदानों के माध्यम से विस्थापन को रोकना, नागपुर चिरमिरी रेल लाइन को पूर्ण कराना, 100 लघु कुटीर उद्योग की स्थापना, इनके अलावा भी कई बृहद योजनाएं मेरे महत्वपूर्ण विजन बतया था जो अभी भी अधुरा है।

मनेंद्रगढ़ विधायक स्वास्थ्य मंत्री का कैबिनेट मंत्री बनने उपरांत यह पहला जन्मदिवस होगा। क्या जन्मदिवस सादगीपूर्ण तरीके से मनाया जायेगा या फिर जन्मदिवस में काफी खर्च किया जाएगा यह देखने वाली बात होगी। वैसे प्रदेश की आर्थिक स्थिति को लेकर यह माना जा रहा है की वह अभी बहोत अच्छी नहीं है लेकिन उसके बावजूद क्या स्वास्थ्य मंत्री के जन्मदिवस पर खर्च की सीमाएं लांघी जाएंगी यह देखने वाली बात होगी। वैसे जन्मदिवस क्या वह केवल अपने निर्वाचन क्षेत्र में ही मात्र मनाएंगे या प्रदेश में या संभाग में वह और भी जगहों पर जाएंगे यह भी देखने वाली बात होगी। स्वास्थ्य मंत्री होने के नाते क्या वह मरीजों के बीच भी पहुंच पाएंगे या जायेंगे यह भी देखना होगा क्योंकि उनके बीच जाकर उनका जन्मदिवस के दिन हाल चाल जानना एक अलग उदाहरण हो सकता है जिसका पालन करते हैं की नहीं मंत्री जी नजर आने वाला है।

स्वास्थ्य विभाग के भ्रष्टाचार से हर कोई वाकिफ है,आज सरकारी चिकित्सक अपना कर्तव्य छोड़कर सरकारी अस्पताल के बगल में ही अपना अस्पताल चला रहे हैं और वह जन सेवक का भी तमगा खुद लगा रहे हैं। शासकीय अस्पताल के भ्रष्टाचार को यदि समझा जाए तो एक अदना सी शाखा का बाबू भी करोड़ों के घर का मालिक है वह भी एक नहीं कई और कई। मरीजों की सुविधाओं के लिए जारी राशि बंदरबांट कर ली जा रही है। खरीदी में भ्रष्टाचार,भर्ती में भ्रष्टाचार सभी जगह भ्रष्टाचार ही भ्रष्टाचार है। निजी अस्पताल फल फूल रहे हैं और सरकारी में मजबूर जा रहे हैं यह हर कोई जानता है। अब देखना है की क्या स्वास्थ्य मंत्री अपने जन्मदिवस के दिन संकल्प लेते हैं की वह भ्रष्टाचार मुक्त विभाग स्वास्थ्य विभाग को बनायेगे या वह इस ओर ध्यान नहीं देंगे।

इस जन्मदिवस में उन्होंने 10 माह के कार्यकाल के दौरान क्या क्या किया इसका भी यौरा लोग जानना चाहेंगे। स्वास्थ्य मंत्री का कार्यकाल आगे कैसा होगा यह भी लोग उत्सुकता से जानना चाहेंगे और उन्हे उम्मीद होगी की वह इसको लेकर जरूर कोई संकल्प लेंगे। क्या उनकी घोषणाएं अमल में आईं,क्या उनकी घोषणाएं कहीं किसी के लिए फायदेमंद साबित हुईं इस दौरान यह लोग जानना जरूर चाहेंगे।

अब तक की उपल्धियां…स्वास्थ्य क्षेत्र में वह बेहतर करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कई जिलों में कई स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार किया है। उन्होंने कई जिला अस्पतालों को सर्व सुविधा युक्त बनाने का भी संकल्प लिया है।


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