अंबिकापुर,28 सितम्बर 2024 (घटती-घटना)। सरगुजा के बहुचर्चित संदीप लकड़ा हत्याकांड का मामला पिछले 22 दिनों से सुर्खियों में बना रहा। संदीप के परिजनों द्वारा मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी तक शव का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया गया था। वहीं सर्व आदिवासी समाज द्वारा 12 सितंबर से विरोध प्रदर्शन किया जा रहा था। इसी बीच प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री द्वारा मृतक के परिजनों को 25 लाख रुपए मुआवजा, पत्नी को कलेक्टर दर पर नौकरी, दोनों बच्चों को हायर सेकेंडरी तक मुफ्त शिक्षा व अन्य मांगें माने जाने का प्रस्ताव दिए जाने के बाद परिजन अंतिम संस्कार को राजी हुए थे। ऐसे में शव मिलने के 22वें दिन संदीप के शव का अंतिम संस्कार किया गया।
सीतापुर के ग्राम बेलजोरा निवासी राजमिस्त्री संदीप लकड़ा की हत्या कर शव को पानी टंकी के फाउंडेशन में दफन कर दिया गया था। हत्या के 3 महीने बाद 6 सितंबर को पुलिस ने पानी टंकी को ढहाकर शव को बरामद किया था। इसके बाद से परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार नहीं किया था। शासन स्तर से परिजनों व सर्व आदिवासी समाज द्वारा की जा रही मांगों पर समझौता होने के बाद संदीप के शव का अंतिम संस्कार किया गया। शनिवार की सुबह पुलिस वाहन से संदीप का शव उसके गृहग्राम बेलजोरा पहुंचा। यहां सीतापुर विधायक रामकुमार टोप्पो,लुंड्रा विधायक प्रबोध मिंज, नायब तहसीलदार आरएस पैंकरा, सीतापुर थाना प्रभारी मोरध्वज देशमुख, बतौली थाना प्रभारी जेसी तिवारी, लुंड्रा थाना प्रभारी शिशिरकांत सिंह, सर्व आदिवासी समाज के पदाधिकारी, मृतक के परिजनों व ग्रामीणों की उपस्थिति में शव का अंतिम संस्कार किया गया। संदीप के शव का 22 वें दिन गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान काफी संख्या में समाज के लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। वहीं किसी भी विवाद की स्थिति को देखते हुए पुलिस बल की भारी मौजूदगी रही। हालांकि बिना विवाद के ही अंतिम संस्कार का कार्यक्रम संपन्न हुआ। इससे पूर्व विधायक द्वय, सर्व आदिवासी समाज के पदाधिकारी व ग्रामीणों ने मृतक को श्रद्धांजलि दी। इधर सीतापुर विधायक ने मुख्य आरोपी ठेकेदार अभिषेक पांडेय की गिरफ्तार नहीं होने तक पीडि़त परिवार को सुरक्षा व्यवस्था मुहैया कराई है। गौरतलब है कि संदीप हत्याकांड के 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है, जबकि मुख्य आरोपी अब भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। पुलिस उसकी खोजबीन में जुटी हुई है।
इन मांगों पर अंतिम
संस्कार को हुए थे राजी
मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी, संदीप के परिजन को 2 करोड़ का मुआवजा व मृतक की पत्नी को सरकारी नौकरी सहित अन्य मांगों को लेकर संदीप का अंतिम संस्कार नहीं करने पर अड़े थे। ऐसे में 27 सितंबर को प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल,अंबिकापुर,लुंड्रा, सीतापुर व प्रेमनगर विधायकों के साथ सर्व आदिवासी समाज के धरना स्थल पर पहुंचे थे। यहां उन्होंने मृतक के परिजन को 25 लाख मुआवजा, पत्नी सलीमा लकड़ा को कलेक्टर दर पर नौकरी, दोनों बच्चों को हायर सेकेंडरी तक मुफ्त शिक्षा, शासन की अन्य योजनाओं का लाभ तथा मामले के दोषियों पर कार्रवाई का प्रस्ताव दिया। दो बार हुई चर्चा के बाद प्रस्ताव पर समझौता हुआ और वे संदीप के शव का अंतिम संस्कार करने को राजी हो गए थे।
यह था मामला
राजमिस्त्री संदीप लकड़ा का 07 जून को अपहरण कर लिया गया था। उसी रात हत्या कर मैनपाट के लुरैना में शव को दफना उसके ऊपर पानी टँकी बना दिया गया था। तीन माह बाद 06 सितंबर को उसका शव पानी टँकी को जमींदोज कर बरामद किया गया था। आरोपितों ने योजनाबद्ध तरीके से घटना की थी। स्वजन द्वारा अंतिम संस्कार नहीं करने पर शव को 06 सितंबर से ही मेडिकल कालेज अस्पताल अंबिकापुर के मोर्चरी में रखा गया है। संदीप लकड़ा हत्याकांड मामले में पुलिस ने टीआई, एएसआई और एक आरक्षक को निलंबित किया था। मामले में पुलिस 06 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। मुख्य आरोपी अभिषेक पांडेय घटना के बाद से अब तक फरार है। जिसपर पुलिस सहित सर्व आदिवासी समाज ने इनाम की घोषणा भी की है।
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