@ छत्तीसगढ़ के सात लोगों के खिलाफ अपराध दर्ज
रायपुर ,27 सितबर 2024 (ए)। झारखंड में कथित शराब घोटाले में आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) ने अनवर ढेबर, एपी त्रिपाठी, अनिल टुटेजा, अरविंद सिंह सहित सात लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी और अपराधिक साजिश की धारा में अपराध दर्ज किया है। इसमें झारखंड के दो आबकारी अधिकारियों के नाम भी शामिल हैं। ये सभी आरोप वर्तमान में छत्तीसगढ़ में हुए करोड़ों के शराब घोटाले में जेल में बंद हैं।
ईओडब्ल्यू में दर्ज एफआईआर के अनुसार दिसंबर 2022 में झारखंड की शराब नीति के टेंडर में बदलाव किया गया है। इसकी बैठक रायपुर में अनवर ढेबर के ठिकाने में की गई। इस दौरान एपी त्रिपाठी, अनिल टुटेजा, अरविंद सिंह सहित झारखंड के आबकरी अधिकारी मौजूद थे। नीति में बदलाव करने के पीछने सुमित कंपनी को फायदा दिलाना बताया गया है। इससे करोड़ों रुपये का सरकार का नुकसान हुआ है। यही कंपनी छत्तीसगढ़ में भी शराब ठेके का काम कर रही थी।
नकली होलोग्राम का भी मामला
छत्तीसगढ़ कांग्रेस सरकार में नकली होलोग्राम लगाकर पूरे राज्य में शराब की सप्लाई की गई थी। उसी तरह से झारखंड में शराब सप्लाई की बात कही गई है। आरोप है कि होलोग्राम लगातार शराब बेची गई है। इसका हिसाब भी नहीं है।
11 करोड़ की सुरक्षा निधि तय की गई थी। नीति में बदलाव कर एक कंपनी को फायदा दिलाने के लिए 11 करोड़ रुपये सुरक्षा निधि तय की गई थी। इसके अलावा एक कर्मचारी की अनिवार्यता थी। छह महीने में 200 करोड़ का टर्नओवर भी शर्त में था। वहीं शराब के होल-सेल के टेंडर में शामिल होने के लिए 25 लाख रुपये नन रिफंडेबल राशि तय की गई थी।
बड़ा शराब घोटाला की तैयारी : बाबूलाल मरांडी
बता दें कि झारखंड भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने शराब घोटाले पर बयान देकर सत्ता में गलियारों में सनसनी फैला दी थी। उन्होंने गुरुवार को सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि मैं फिर से जनता के सामने यह बात सार्वजनिक कर रहा हूं कि झारखंड में तीसरी बार शराब घोटाले की साजिश रची जा रही है। पिछली बार इसमें छत्तीसगढ़ के शराब माफिया शामिल थे। इस बार पंजाब और हरियाणा के शराब माफियाओं को लाने की योजना बन रही है। इस घोटाले की पटकथा भी बिरसा मुंडा जेल से लिखी जा रही है।
अनवर ढेबर के ठिकाने पर रची गई शराब घोटाले की साजिश
झारखंड में बहुचर्चित शराब घोटाले की पूरी साजिश रायपुर में रची गई थी। छत्तीसगढ़ ईओडब्ल्यू ने अपनी प्राथमिकी में अनवर ढेबर, एपी त्रिपाठी, अनिल टुटेजा, अरविंद सिंह सहित सात लोगों का जिक्र किया है। इन पर धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश की धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है, उत्पाद विभाग झारखंड के दो अधिकारियों के नाम भी शामिल हैं। आरोपियों में से कई वर्तमान में छत्तीसगढ़ में हुए 2200 करोड़ रुपये के घोटाले में जेल में बंद हैं।
बड़े शराब घोटाला की तैयारी
बाबूलाल ने आगे लिखा है कि घोटालों, चोरी और धोखाधड़ी के लिए कुख्यात हेमंत सोरेन सरकार जाते-जाते एक बार फिर से बड़ा शराब घोटाला करने की तैयारी में हैं। पहले भी मैंने झारखंड में संभावित शराब घोटालों के बारे में चिंता व्यक्त की थी और मुख्यमंत्री को इस बारे में चेताया था, लेकिन उन्होंने नैतिकता को पूरी तरह नजरअंदाज कर हेरा-फेरी का रास्ता अपनाया। उन्होंने अपने पोस्ट में सीएम को लिखा पत्र भी अटैच किया है।
काला धन जुटाना चाहते हैं…
बाबूलाल ने कहा है कि ज़्यादा से ज़्यादा धन कमाने की आदत से मजबूर हेमंत सोरेन लगातार तीसरी बार शराब नीति बदलकर चुनाव के लिये कालाधन जुटाना चाहते हैं। इस बार घोटाले का मुख्य मकसद चुनाव के लिए भारी फंड जुटाना और चुनाव के समय गांव-गांव में शराब बांटना है। जिस सरकार का कार्यकाल दो महीने बचा है वह अगले तीन साल के लिए शराब दुकान का ठेका परोक्ष रूप से पंजाब-हरियाणा वालों को सौंप कर मोटा काला धन वसूलना चाहती है।
सीएम को लिखे पत्र का भी किया जिक्र
बीते 1 सितंबर को पत्र लिखकर मुख्यमंत्री को सुझाव दिया था कि गांव की गरीब आदिवासी महिलाएं, जो शराब बेचती हैं, उन्हें सरकारी शराब वितरण के माध्यम से जोड़ा जाए, लेकिन मुख्यमंत्री अपनी आदत से मजबूर हैं. सही ही कहा गया है कि चोर चोरी से जाये हेरा फेरी से न जाए। झारखंड की जनता को यह भी यक¸ीन दिलाता हूं कि भाजपा की सरकार आने पर इस प्रस्तावित शराब नीति को रद्द किया जाएगा। छत्तीसगढ़, पंजाब, हरियाणा से आये हुए शराब माफç¸या एवं घोटाले में शामिल अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।