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अंबिकापुर,@अधिकारी-कर्मचारी रहे एक दिवसीय हड़ताल पर,कार्यालयों में काम काज ठप्प

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अंबिकापुर,27 सितम्बर 2024 (घटती-घटना)। महंगाई भाा,लंबित एरियर्स सहित अन्य मुद्दों को लेकर प्रदेश भर के अधिकारी-कर्मचारी हड़ताल पर रहे। इसका असर सरगुजा में भी देखा गया। अधिकारी-कर्मचारियों के हड़ताल से शासकय दफ्तरों का काम काज प्रभावित रहा।
छाीसगढ़ कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन के बैनर तले चार सूत्रीय मांगों को लेकर जिले भर के अधिकारी-कर्मचारी शुक्रवार को एक दिवसीय कलम बंद हड़ताल पर रहे। एसबीआई कलेक्टोरेट शाखा के सामने अधिकारी-कर्मचारी धरना दिया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। फेडरेशन ने मोदी की गारंटी का क्रियान्वयन नहीं होने के स्थिति में चरणबद्ध आंदोलन का ऐलान किया है। दूसरे चरण में 20 से 30 अगस्त 24 तक सांसदों और विधायकों को ज्ञापन सौंपा गया था। तीसरे चरण में 11 सितंबर को जिला, लॉक व तहसील में मशाल रैली निकालकर प्रदर्शन किया गया। चौथे चरण में 27 सितंबर को प्रदेश के कर्मचारी अधिकारी ने अवकाश में रहकर कलम बन्द हड़ताल किया है। फेडरेशन के अध्यक्ष कमलेश सोनी ने बताया कि फेडरेशन की चार सूत्रीय मांगों के समर्थन में लगभग सभी विभाग के कर्मचारियों ने हड़ताल में हिस्सा लिए हैं। कर्मचारियों का आरोप है कि भाजपा ने साा में आने से पहले सरकारी कर्मचारियों से उनकी मांगें पूरी करने का वादा किया था। अगर सरकार मांगों पर ध्यान नहीं देती तो फेडरेशन अनिश्चितकालीन हड़ताल का आह्वान करेगा। प्रदेश के 33 जिलों और 146 विकासखंडों में कर्मचारी अधिकारी प्रदर्शन कर अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी सौंपा जा रहा है। अधिकारी-कर्मचारियों के हड़ताल का असर जिला मुख्यालय सहित सभी लॉकों में देखा गया। कार्यालयों में एक्का-दुक्का ही कर्मचारी नजर आए। कर्मचारियों के न रहने से कार्यालयिन कार्य प्रभावित रहा। अंबिकापुर में एसडीएम कार्यालय, तहसील कार्यालय सहित अन्य कार्यालयों के अधिकांश कर्मचारी अधिकारी हड़ताल पर रहे।
ये है प्रमुख मांगें…
भाजपा घोषणा पत्र के अनुसार प्रदेश के कर्मचारियों को केन्द्र के समान 1 जनवारी 2024 से 4 प्रतिशत महंगाई भाा दिया जाए। साथ ही प्रदेश के कर्मचारियों को जुलाई 2019 से देय तिथि पर महंगाई भाों के एरियर्स राशि का समायोजन जीपीएफ खाते में किया जाए। भाजपा घोषणा पत्र के अनुसार प्रदेश के शासकीय सेवकों को चार स्तरीय समयमान वेतनमान दिया जाए। केन्द्र के समान गृह भाड़ा भाा दिया जाए। घोषणा पत्र के अनुसार मध्यप्रदेश सरकार की भांति प्रदेश के शासकीय सेवकों को अर्जित अवकाश नकदीकरण 240 दिन के स्थान पर 300 दिन किया जाए।


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