बिलासपुर@ हाईकोर्ट ने रोकी बुलडोजर की कार्रवाई

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बिलासपुर,24 सितम्बर 2024 (ए)। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक ऐसे मामले में तहसीलदार को कड़ी फटकार लगाई, जिसमें इस अधिकारी ने ग्रामीण को शाम के वक्त वाट्सएप पर नोटिस भेजा और अगले दिन पहुंच गए अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई करने। बरपाली के तहसीलदार से कोर्ट ने पूछा कि ऐसी जल्दबाजी क्यों की गई और तहसीलदार के खिलाफ क्या कार्रवाई होनी चाहिए। इस पर अधिकारी ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए क्षमा मांगी और प्रोबेशन (प्रशिक्षु) होने का हवाला दिया। कोर्ट ने अधिकारी को चेतावनी देते हुए अतिक्रमण हटाने पर लगी रोक को आगे बढ़ा दिया है।

कोरबा जिले के बरपाली तहसील के ग्राम कनकी निवासी नूतन राजवाड़े को 20 सितंबर की शाम 6 बजे बरपाली के प्रभारी तहसीलदार चंद्रशेखर चंद्रा ने वाट्सएप पर बेदखली नोटिस भेजा। अगले दिन, 21 सितंबर की सुबह, तहसीलदार ने दलबल के साथ अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी। काफी प्रयास के बाद इस कार्रवाई को रोका जा सका।

इस कार्रवाई के खिलाफ नूतन राजवाड़े ने अधिवक्ता रजनीश सिंह बघेल और चेतना शर्मा के माध्यम से याचिका दायर की। अवकाश के दिन अर्जेंट सुनवाई के दौरान जस्टिस पार्थ प्रतीम साहू की बेंच ने कार्रवाई पर रोक लगाते हुए तहसीलदार को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में उपस्थित होने का आदेश दिया था।
सोमवार को सुनवाई के दौरान जस्टिस पी. पी. साहू ने तहसीलदार चंद्रशेखर चंद्रा से पूछा कि बरपाली से एसडीओ कार्यालय की दूरी कितनी है। अधिकारी ने बताया कि यह 20 किलोमीटर है। कोर्ट ने पूछा कि अपील खारिज होने की सूचना कब मिली, जिस पर तहसीलदार ने कहा कि शाम 6 बजे फोन से सूचना मिली थी। इस पर कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि क्या आप जैसा चाहेंगे, वैसा ही करेंगे? कोर्ट ने यह भी पूछा कि आपके खिलाफ कार्रवाई क्यों न की जाए। तहसीलदार ने माफी मांगी और शपथ-पत्र देकर भविष्य में गलती नहीं दोहराने की बात कही है।

इस मामले में पीçड़त नूतन रजवाड़े ने बताया कि उसकी जिस जमीन को सरकारी बताया जा रहा है वह उसकी पुश्तैनी है और गलत तरीके से नापजोख कर उसे बेदखल करने की कार्रवाई की जा रही थी। नूतन ने इस भूभाग पर सब्जियां लगा रखी है। तहसीलदार चंद्रा ने इस भूभाग को अतिंक्रमण बताते हुए शाम को व्हाट्सएप्प किया और अगली सुबह 4 बुलडोजर (जेसीबी) लेकर अतिक्रमण हटाने के लिए पहुंच गए।

नूतन ने बताया कि तहसीदार के निर्देश पर दस्ते ने बुलडोजर से सब्जी की फसल को उजाड़ना शुरू कर दिया, जबकि वह बार-बार हाई कोर्ट के स्टे आदेश की जानकारी देता रहा। आखिरकार उसने जब ऑनलाइन हाई कोर्ट के आदेश को देखने को कहा तब तहसीलदार चंद्रा ने आदेश को देखा और अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई रोकी। हालांकि तब तक तक उनका दस्ता लगभग एक एकड़ सब्जी की फसल को उजाड़कर वहां पर शासकीय भूमि होने का बोर्ड गाड़ चुका था।नूतन का कहना है कि इस मामले में प्रशासन ने मनमानीपूर्वक कार्रवाई की है और वे इस दौरान हुए नुकसान की भरपाई के लिए अपने वकील से चर्चा करके दावा पेश करेंगे।


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