बैकुण्ठपुर@पटना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के लिपिक ने रिलीव होने के बाद भी नियम विरुद्ध तरीके से हरा भरा पेड़ कटवाकर बेचा:सूत्र

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-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर,23 सितम्बर 2024 (घटती-घटना)। अभी तक स्वास्थ्य विभाग में दवाई व उपकरण के घोटाले सुनने को मिले होंगे पर पहली बार स्वास्थ्य विभाग में पेड़ कटाई व लकड़ी बेचने का घोटाला सामने आया है, यह बात इस समय चर्चा का विषय बना हुआ है, जिले में इस तरह का पहला घोटाला स्वास्थ्य विभाग में चर्चा का विषय है, आखिर यह घोटाला कैसे हुआ और क्यों हुआ? इसको समझने के लिए काफी मशक्कत की गई तब जाकर यह बात सामने आई कि यह घोटाला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पटना के एक लिपिक का है जो सहायक ग्रेड 3 का कर्मचारी है और ट्रेनिंग के लिए उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से रिलीव कर दिया गया है पर इसके बावजूद लिपिक ने पेड़ कटवाए और उसकी लकड़ी बिना किसी अनुमति के निजी व्यक्ति को बेच दिया, जबकि नियमतः यह लकड़ी वन विभाग को भी दी जा सकती थी और वहां से भी राजस्व वसूला जा सकता था, बेसकीमती को कौड़ी के भाव बेच दिया गया या कहा जाए की बेचा तो ज्यादा में गया पर दिखाया गया कम। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पटना के बाबू की बात हो रही है वह बाबू इतना शातिर है कि उसकी अनियमिताओं की कहानी एक नहीं कई है पर हर बार बाबू अपनी चतुराई व राजनीतिक पकड़ की वजह से कार्यवाही से बच निकलता है, इस बार भी कुछ ऐसा ही होने वाला है। पटना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में रेगुलर अकाउंटेंट का पद रिक्त है यहां पर सहायक ग्रेड 2 के कर्मचारी की नियुक्ति की जरूरत है पर न होने की वजह से सहायक ग्रेड 3 के लिपिक को दोनों प्रभार दिया गया है, जहां वह विाीय अनियमितताओं को जन्म देते हैं, सूत्रों का यह भी कहना है की एक बार पूर्व में भी नियम विरुद्ध तरीके से कर्मचारियों का वेतन निकाल दिए थे पर उस समय भी उन पर कार्रवाई नहीं हो पाई।
आईए जानते हैं क्या है आरोप
कोरिया जिले के नए नए बने नगर पंचायत पटना में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कई हरे भरे पेड़ कटवा दिए गए बिना अनुमति और उन्हें या तो बेच दिया गया या अन्यत्र ले जाया गया जिसकी जानकारी खंड चिकित्सा अधिकारी को भी नहीं है यह आरोप युथ कांग्रेस कोरिया के जिलाध्यक्ष कार्यवाहक सुजीत सोनी ने लगाया है। सुजीत सोनी ने कलेक्टर कोरिया को पत्र लिखकर शिकायत की है और जांच कर कार्यवाही की मांग की है। वैसे एक पत्र 4 सितंबर का खंड चिकित्सा अधिकारी का लिखा हुआ अनुविभागीय अधिकारी राजस्व बैकुंठपुर को एक पत्र भी समाने आया है जिसमे कुछ पेड़ों की कटाई के लिए अनुमति मांगी गई है जो अस्पताल भवन को नुकसान पहुंचा सकते हैं लेकिन उस पत्र में या उसके आधार पर अनुमति मिली है ऐसा कोई पत्र सामने नहीं आया है। वैसे जानकारों की माने तो हरे वृक्षों को काटना अपराध है वह भी बिना अनुमति काटना वह भी शासकीय भूमि पर लगे पेड़ों को यह और बड़ा अपराध है। जानकारों की ही माने तो पेड़ काटे गए भी तो उन्हें वन विभाग के हवाले किया जाना चाहिए या उनकी नीलामी की खुली प्रकिया अपनाई जानी चाहिए लेकिन शिकायत अनुसार पेड़ काटे गए लकड़ी कहां गई यह कोई नहीं जानता वहीं यदि खंड चिकित्सा अधिकारी की माने तो पेड़ों की लकड़ी कहां कई उन्हे भी नहीं पता। वैसे शिकायत के अलावा एक बात और सामने आई है और वह यह की पेड़ जिन्हे काटा जाना था उनकी जगह कई अन्य पेड़ काटे गए और उनकी लकड़ी या तो बेची गई या कहीं ले जाया गया जिसकी जानकारी कुछ लोगों को ही है। वैसे अब देखना यह है की युथ कांग्रेस अध्यक्ष की शिकायत पर क्या कलेक्टर कोरिया संज्ञान लेती हैं और इस मामले में जांच कर कार्यवाही करती हैं।
खंड चिकित्सा अधिकारी थे 6 तारीख तक की छुट्टी पर और 4 तारीख के डेट पर किया हस्ताक्षर
पेड़ कटाई छटाई के मामले में खंड चिकित्सा अधिकारी जो छुट्टी पर है वह भी इस बात को भूल गए कि वह 6 तारीख तक छुट्टी लिए हुए हैं और उनके बाबू द्वारा दिए गए आदेश पर चार तारीख को ही हस्ताक्षर कर दिया जो काफी बड़ी भूल है यह जान बूझकर की कई गलती है,सवाल यह उठता है कि क्या खंड चिकित्सा अधिकारी को बाबू ने चतुराई से फसाया या फिर बीएमओ खुद जानबूझकर फसे? यह भी अनसुलझी पहेली हो गई है और पेड़ घोटाले की जांच भी अब जरूरी हो गई है बताया जा रहा है कि पेड़ बचने के बाद जीडीएस में 30 हजार जमा किए गए पर वही लोगों का यह कहना है कि पेड़ तो लाखों में बिके हैं अब यह जांच का विषय है।
ढाई रुपए किलो बेचने की आ रही बात
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पटना के पांच पेड़ जिसे छंटाई करनी थी उसकी पूरी कटाई हो गई और कटाई भी तब हुई जब बाबू को अंबिकापुर ट्रेनिंग के लिए रिलीव कर दिया गया था, अब सवाल यह उठता है कि जब सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से बाबू रिलीव हो गए थे तब भी ट्रेनिंग के जगह वह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के आसपास ही जिले में मंडराते क्यों थे? अब सवाल यह उठता है कि जब वह यही मंडरा रहे हैं और यहीं पर उनका हस्तक्षेप है तो फिर ट्रेनिंग के लिए रिलीव क्यों है? 4 महीने के लिए वह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से रिलीव हो चुके हैं पर इसके बावजूद अस्पताल के सभी कार्यों में उनका हस्तक्षेप जारी है पेड़ कटाई मामले में भी इन बाबू का नाम आ रहा है जब वह पेड़ कटाई से पहले ही अस्पताल से रिलीव हो गए थे तो फिर पेड़ कटाई के मामले में शामिल कैसे हुए?
बाबू को पटना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से हटाने वहीं उनपर कार्यवाही करने की उठ रही मांग
जिस बाबू में पेड़ कटवाया और उसे बेचा और जो आज पटना खंड चिकित्सालय का सर्वे सर्वा बना हुआ है राजनीतिक रसूख से खंड चिकित्सा अधिकारी तक को दबाकर रखता है उसे पटना खंड चिकित्सालय से हटाने की मांग हो रही है वहीं उसके विरुद्ध कार्यवाही की मांग हो रही है। इस बाबू के पिछले कार्यकाल में भी किए गए कई अनियमितताओं आर्थिक की बात भी सामने आ रही है और यह मांग हो रही है की सभी की जांच हो और इसे यहां से हटाया जाए और जांचकर इसके विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाए। वैसे इस लिपिक को लेकर कहा जाता है की यह पटना खंड चिकित्सालय को बर्बाद करने में लगा हुआ है शुरू से।
शासकीय आवास पर कब्जा करने और गृह भाड़ा भत्ता भी लेने का आरोप है
इस बाबू को लेकर बताया जाता है की यह शासकीय आवास बैकुंठपुर का एक कब्जा कर रखा है और उसमे यह रहता नहीं है और उस आवास में पिकनिक पार्टी ही होती है। यह बातें सूत्रों द्वारा बताई गई हैं और इसकी सच्चाई की पुष्टि घटती-घटना नही करता जांच की मांग जरूर करता है। बताया जाता है की कई शासकीय कर्मचारी आवास के लिए परेशान हैं और यह बाबू शासकीय आवास कजे में लेकर उसमे रहता नहीं है बल्कि इसका घर बैकुंठपुर में है वहीं रहता है और आवास में पिकनिक पार्टी करता है। इस संदर्भ में कई शासकीय कर्मचारी भी इसके विरुद्ध हैं और उनका कहना है की जब रहना नहीं है तो केवल पिकनिक पार्टी लिए आवास पर कब्जा अनुचित है। अब देखना है की क्या यह शासकीय आवास पर कजा और एचआरए लेने की बात सही है या वह एचआरए नहीं लेता है
एक तरफ एक वृक्ष मां के नाम का मुख्यमंत्री का अभियान, एक तरफ हरे भरे पेड़ों की कटाई
प्रदेश के मुख्यमंत्री एक तरफ एक पेड़ मां के नाम अभियान चलाकर पर्यावरण की सुरक्षा का अभियान चला रहे हैं वहीं यदि यूथ कांग्रेस कोरिया के कार्यकारी अध्यक्ष सुजीत सोनी की शिकायत सही है तो इस अभियान को पटना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के कुछ लोग नाकाम करने में लगे हैं और हरे पेड़ों की कटाई कर उसे बेच चुके हैं। यदि शिकायत में सच्चाई है तो जांच कर कार्यवाही होनी चहिए क्योंकि मामला पर्यावरण से जुड़ा हुआ है।
युथ कांग्रेस कार्यवाहक अध्यक्ष सुजीत सोनी की शिकायत को लेकर लोग भी हैं सहमत
युथ कांग्रेस अध्यक्ष सुजीत सोनी की शिकायत जो हरे पेड़ों की कटाई मामले की शिकायत है सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पटना के परिसर के भीतर के को लेकर नगर के लोग भी सहमत हैं और हरे पेड़ों की कटाई करने वालों के ऊपर कार्यवाही हो वह भी चाहते हैं। मामला तूल पकड़ सकता है यदि हरे पेड़ों की लकड़ी की भी बिक्री गलत तरीके से हुई है वहीं पेड़ों की कटाई भी जब पर्यावरण के हिसाब से अनुचित है। वैसे अब जांच और कार्यवाही का लोगों को इंतजार है।
बाबू अपने चहेतो को काम दिलाने के लिए हो चुके हैं प्रसिद्ध
यह बाबू अस्पताल में अपने ही चहेतों को काम भी दिलाता है। यदि इसके ऊपर लगे आरोपों की बात करें तो बताया जाता है की यह अस्पताल के अंदर के कई कार्य जो जीडीएस मद से होते हैं या जिन्हे खंड चिकित्सा अधिकारी की स्वीकृति से कराया जा सकता है उसे यह खुद के लोगों को ही प्रदान करता है और अपना तय कमीशन लेता है। इस बाबू की शिकायतों की लंबी सूची है और अब कई और शिकायतें सामने आने वाली है।
बाबू का सिर्फ कमाई पर है ध्यान
यह बाबू केवल कमाई पर ध्यान देता है। बताया जा रहा है की पटना खंड चिकित्सालय में यह अपने अनुसार ही सभी को चलाने का काम करता है और ऐसा नहीं होने पर यह विरुद्ध जाने वाले के खिलाफ दूसरे कर्मचारी को भड़काकर उससे शिकायत करवाता है। जहां मरीजों को सेवा का अवसर मिलना चाहिए उन्हे सुविधा मिलनी चाहिए उन संसाधनों उपलध राशि को यह बंदरबांट में ही लगा देता है और अपना हिस्सा तय रखता है। यह बाते सूत्रों के अनुसार सामने आई है और सच्चाई कितनी है बातों में यह जांच का विषय है जो युथ कांग्रेस जिला कोरिया के कार्यवाहक अध्यक्ष की शिकायत के बाद यदि जांच होती है तो सामने आएगी ही।
जल्द नहीं मिलती हरे वृक्षों को काटने बेचने की अनुमति
खंड चिकित्सा अधिकारी पटना के द्वारा पेड़ों की कटाई के लिए पत्र जरूर अनुमति के लिए अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को लिखा गया है लेकिन इतनी जल्द हरे पेड़ों की कटाई की अनुमति मिल जाए यह असंभव है यह जानकारों का कहना है। वैसे पेड़ काटने और उसे ठिकाने लगाने में एक अस्पताल कर्मचारी का ही मुख्य रूप से हांथ है यह बताया जा रहा है।
काटना था कहीं और का पेड़ काटा गया कहीं और का पेड़
सूत्रों की माने तो अस्पताल भवन सुरक्षा के नाम पर कहीं और का पेड़ काटा जाना चाहिए इसके लिए खंड चिकित्सा अधिकारी ने अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को पत्र लिखा था लेकिन बताया जा रहा है पेड़ कहीं और का काटा गया जिसे काटना जरूरी नहीं था। वैसे सच्चाई क्या है यह घटती घटना पुष्टि नहीं करता लेकिन शिकायत यदि सही है तो जांच और वन्य पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के तहत कार्यवाही आवश्यक हो जाती है जिससे आगे से लोग सचेत रहें।
बाबू की गजब की दादागिरी रिलीव होने के बाद भी नहीं दिया प्रभार
पटना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के बाबू वीरेंद्र सिंह की दादागिरी कहें या फिर उनकी मनमर्जी? उन्हें ट्रेनिंग के लिए रिलीव कर दिया गया है 4 महीने तक वह अंबिकापुर में ट्रेनिंग करेंगे, यहां से रिलीव होने के बाद भी वह अभी तक बाबू को प्रभार नहीं दे रहे हैं, आखिर क्यों वीरेंद्र सिंह अपना प्रभार संबंधित बाबू को नहीं दे रहे? क्या आदेश को अपने पैकेट में लेकर घूम रहे है,या तो उन्हें किसी का डर नहीं या उन्हे बड़ा कोई संरक्षण प्राप्त है यही कहना उचित होगा?


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