सूरजपुर@मांग पूरी न होने पर दी रेल रोको आंदोलन की चेतावनी

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सूरजपुर,23 सितम्बर 2024 (घटती-घटना)। सूरजपुर जिला के ग्राम पंचायत ऊंचडीह में स्थित दक्षिण-पूर्व मध्य रेलवे सूरजपुर रोड रेलवे स्टेशन की दूसरी ओर स्थित हजारों एकड़ कृषि भूमि पर खेती-किसानी के लिए मवेशी,ट्रैक्टर सहित अन्य कृषि उपकरणों व स्वयं की आवाजाही के लिए रेल मार्ग में पुलिया व सड़क की मांग को लेकर बड़ी संख्या में कलेक्टर जनदर्शन में पहुंचे ग्रामीणों ने प्रशासन के समक्ष मांगों पर जल्द कार्रवाई करने की मांग की है। मांग पूरी नहीं होने की स्थिति में सड़क पर उतरकर उग्र आंदोलन करने के साथ ही वर्तमान में चल रहे प्लेटफार्म व रेल लाईन विस्तार कार्य के लिए गांव के सड़क से होकर वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित करने व रेल रोको आंदोलन की चेतावनी दी है। बड़ी संख्या में कलेक्ट्रेट पहुंचे ग्रामीण व किसानों ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि दक्षिण-पूर्व मध्य रेल खण्ड पर ग्राम पंचायत ऊंचडीह स्थित सूरजपुर रेलवे स्टेशन की दूसरी ओर गांव के किसानों की हजारों एकड़ की भूमि मौजूद है। जहां बड़े रकबे पर रबी व खरीफ दोनो ही सीजन में किसान खेती-बाड़ी का कार्य करते हैं। उन्होंने बताया कि वे पिछले लंबे समय से खेतों तक पहुंचने के लिए उक्त रेल खण्ड में पुलिया व सड़क की मांग कर रहे हैं, ताकि उनके मवेशी, ट्रैक्टर सहित अन्य वाहनों की आवाजाही सुगम हो सके, लेकिन इस दिशा में अब तक न तो शासन और न ही जिला व रेलवे प्रशासन के द्वारा ही कोई पहल की गई। जिससे उन्हें 8-10 किमी अतिरिक्त दूरी तय कर सूरजपुर-भैयाथान मुख्य मार्ग से होते हुए अपने खेतों तक जाना पड़ता है। क्योंकि उक्त रेल पथ हर हमेशा या तो कोयला लोड रेलगाड़ी खड़ी रहती है या फिर यात्री ट्रेन का आना-जाना होता रहता है। जिससे उन्हें यह अतिरिक्त दूरी का सफर तय करना पड़ता है। जिसको लेकर गांव के किसानों सहित ग्रामवासियों में आक्रोश व्याप्त है। उन्होंने जिला प्रशासन से सड़क व पुलिया निर्माण की मांग पर जल्द से जल्द पहल करने की मांग की है। विदित हो शुरू में जब उक्त मार्ग में रेल लाईन का विस्तार हुआ तो रेलवे प्रशासन के द्वारा सूरजपुर रोड रेलवे स्टेशन के पश्चिमी छोर पर पानी निकासी के लिए एक संकरी पुलिया का निर्माण कराया गया है। जो कि बारिश के समय पूरी तरह से घुटने तक पानी से लबालब भरा रहता है। उक्त संकरी पुलिया से ही किसान किसी तरह अपने हल इत्यादि के साथ खेती-किसानी करने अपने खेतों तक जाने मजबूर होते थे, लेकिन वर्तमान में फिर से रेल लाईन का विस्तार होने के कारण उक्त संकरी पुलिया में आवागमन पूरी तरह से ठप है। वहीं दूसरी ओर मार्ग में 24 घण्टे कोयला लोड रेलगाड़ी के साथ यात्री रेलगाड़ी का परिचालन होता रहता है। ऐसे में कई ग्रामीण व किसान या तो अपनी जान जोखिम में डाल रेल लाईन को पार करते हैँ या फिर अतिरिक्त 8 से 10 किमी की दूरी तय कर अपने खेतों तक पहुंचते हैं। कुल मिलाकर उक्त रेल लाईन ग्रामीणों के लिए जी का जंजाल बना हुआ है। ज्ञात हो कि रेलवे लाईन पार करने के चक्कर में अचानक रेलगाड़ी आ जाने के कारण पूर्व में कई मवेशी भी चपेट में आकर काल के गाल में समा चुके हैं। बावजूद इसके ग्रामीणों की मांगों पर आज तक न तो शासन स्तर पर और न ही रेलवे व जिला प्रशासन स्तर पर ही कोई पहल हुआ। जिससे स्थिति जस की तस बनी हुई है और किसान रोज अपनी व मवेशियों की जान जोखिम में डालकर रेलवे लाईन को क्रास करने मजबूर हो रहे हैं। उल्लेखनीय है कि आज से करीब दो वर्ष पूर्व सूरजपुर रोड रेलवे स्टेशन के दौरे पर पहुंचे रेलवे प्रशासन के डीआरएम को ग्रामीणों ने पुलिया व सड़क निर्माण की मांग को लेकर ज्ञापन भी सौंपा था,लेकिन इस दिशा में कोई कारगर पहल नहीं हुई। इधर दूसरी ओर मांगों पर पहल नहीं होने से नाराज ग्रामीणों ने अभी सूरजपुर रोड रेलवे स्टेशन में चल रहे प्लेटफार्म व रेल लाईन विस्तार के कार्य में लगने वाले सामग्री जैसे रेत, मिट्टी, मुरूम इत्यादि के लिए स्थानीय स्तर पर कोई भी सहयोग न करने 300 से अधिक ग्रामीणा का हस्ताक्षरयुक्त प्रस्ताव पास किया गया है। साथ ही गांव की सड़कों पर निर्माण सामग्री लेकर आने वाले वाहनों की आवाजाही पर भी रोक लगाने का ग्रामीणों ने निर्णय लिया है। कलेक्टर पहुंचे लोगों में सरपंच प्रतिनिधि बोधन सिंह,उप सरपंच घनश्याम राजवाड़े, जनपद सदस्य प्रतिनिधि रज्जेलाल राजवाड़े, अतिलाल राजवाड़े, कंवलसाय यादव सहित भूपेन्द्र राजवाड़े, गुड्डा राजवाड़े, गिरधारी राजवाड़े, विजय देवांगन, जुगेन्द्र राजवाड़े, अंबिका राजवाड़े, रामशखा राजवाड़े, अमोल सिंह, आनंद राजवाड़े,रामप्रकाश, मनमोहन राजवाड़े, मोती राजवाड़े सहित बड़ी संख्या में ग्रामवासी व किसान शामिल रहे।
भारी वाहनों के चलने
से धंसकी सड़क

रेल मंत्रालय के द्वारा दक्षिण-पूर्व मध्य रेल खण्ड पर प्लेटफर्म व अतिरिक्त रेलवे लाईन विस्तार के कार्य को स्वीकृति प्रदान की गई है। जिससे ठेकेदार कार्य को युद्ध स्तर पर करने में जुटा हुआ है। जिससे गांव की सड़कों से होकर रोज बड़ी संख्या में भारी मालवाहक वाहनों का आना-जाना होता है। जिसके कारण गांव की सड़क मालवाहक वाहनों के कारण जगह-जगह से धंसने के साथ ही गड्ढ़ों में तदील हो गई है। गांव की कच्ची सड़क की स्थिति तो पूरी तरह से दयनीय हो गई है। इसके साथ ही बड़ी संख्या में वाहनों के चलने के कारण सड़क पर धूल के गुबार भी उड़ते रहते हैं, जिससे ग्रामीणों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। जनदर्शन में पहुंचे ग्रामीणों ने कलेक्टर के समक्ष ठेकेदार से क्षतिग्रस्त सड़क की तत्काल मरम्मत कराये जाने की भी मांग की है,ताकि उन्हें आवागमन में कोई असुविधा न हो।


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