- सरगुजा कलेक्टर के चहेते प्रभारी कार्यालय अधीक्षक की शिकायत पीएमओ में…जांच के लिए पत्र आया कलेक्टर कार्यालय, क्या होगी जांच?
- सरगुजा संभाग के एक मंत्री के करीबी के हैं करीबी…क्या यही वजह है कि प्रभारी कार्यालय अधीक्षक को नियम विरुद्ध रखा गया है ?
- सरकार किसी की भी हो पर प्रमोद सिंह का जलवा हमेशा कायम रहता है, क्या इस वजह से अधीक्षक के रहते हुए भी प्रभारी कार्यालय अधीक्षक बने हुए है?
- कलेक्टर कार्यालय में अधीक्षक मौजूद फिर भी प्रभारी कार्यालय अधीक्षक से ही सरगुजा कलेक्टर क्यों ले रहे काम?
- जिला निर्वाचन के सुपरवाइजर बन गए कलेक्टर के प्रभारी कार्यालय अधीक्षक और अपने हिसाब से चला रहे सरगुजा कलेक्टर को?
- सरगुजा कलेक्टर को सिर्फ अपने प्रभारी कार्यालय अधीक्षक पर ही… क्यों है भरोसा?
-भूपेन्द्र सिंह-
अम्बिकापुर,22 सितम्बर 2024 (घटती-घटना)। सरगुजा कलेक्टर के चहेते प्रभारी कार्यालय अधीक्षक के विरुद्ध लगाए गए हैं गंभीर आरोप और की गई है पीएमओ में शिकायत,जिसके जांच के लिए आया कलेक्टर कार्यालय पत्र लेकिन अपने ही जांच को दबा दिया प्रभारी अधीक्षक प्रमोद सिंह ने, ऐसे में प्रभारी कलेक्टर कार्यालय अधीक्षक की जांच कैसे होगी यह भी बड़ा सवाल है वहीं सूत्रों का यह भी दावा है कि प्रमोद सिंह की पहुंच कुछ ज्यादा ही ऊंची हो गई है सरकार किसी की भी रहे पर वह अपने मन मुताबिक अपना जुगाड़ लगा ही लेते हैं,पूर्व सरकार में तो अपना स्थानांतरण यथावत रखवा लिया था साथ ही वर्तमान सरकार में भी नियम विरुद्ध तरीके से कार्यालय अधीक्षक होने के बावजूद कलेक्टर के प्रभारी अधीक्षक बने हुए हैं यह भी बताया जा रहा है कि प्रमोद सिंह सरगुजा संभाग के एक मंत्री के करीबी के करीबी हैं,जिस वजह से अपनी मनमानी चला रहे हैं। जिस मंत्री के करीबी के करीबी हैं वह व्यक्ति भी कम नहीं है पहले भी सरगुजा के एक मंत्री के करीबी भी रह चुके हैं पर इस बार वह दूसरे मंत्री के पास चिपक गए हैं और अब अपना काम निकाल रहे हैं।
प्रभारी कार्यालय अधीक्षक प्रमोद कुमार सिंह,सहा0 ग्रेड-02 से सरगुजा जिले के समस्त प्रताडि़त अधिकारी एवं कर्मचारीगण ने बिना नाम के प्रधानमंत्री भारत सरकार,मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को शिकायत करते हुए आरोप लगया की प्रमोद कुमार सिंह सहायक ग्रेड-02,वर्तमान में मुख्य निर्वाचन आयोग रायपुर छ.ग. के द्वारा कार्यालय कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी जिला सरगुजा अम्बिकापुर छ.ग. में निर्वाचक पर्यवेक्षक के रूप में पदस्थ किया गया है। किन्तु अपने प्रभाव के कारण एक अन्य पद जो कलेक्टर कार्यालय अधीक्षक के पद पर प्रभारी अधीक्षक के रूप में कार्य दबंगई से कर रहा है। प्रमोद सिंह, सहा. ग्रेड-02 जो कि पूर्व कांग्रेस पार्टी के मंत्री सहयोगी माने जाते है छाीसगढ़ राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग मंत्रालय महानदी भवन, नवा रायपुर अटल नगर के आदेश क्रमांक एफ-4-6/2022/सात-3 नवा रायपुर अटल नगरं दिनांक 30 सितम्बर 2022 को सं.क. 13 में अंकित प्रमोद सिंह को कार्यालय कलेक्टर जिला सरगुजा से कार्यालय कलेक्टर बलरामपुर,जिला बलरामपुर में स्थानांतरण किया गया है। प्रमोद सिंह द्वारा पूर्व सरकार के मंत्री एवं पूर्व कलेक्टर कुंदन कमार से मिली भगत कर अपना स्थानांतरण रूकवा लिया गया है, जबकि जिला कार्यालय में प्रमोद सिंह के नाम से मात्र एक ही व्यक्ति यही है। तथा अवैधानिक रूप से राजेश सोनी को निर्वाचक पर्यवेक्षक के पद से हटाकर स्वयं प्रमोद सिंह निर्वाचक सुपरवाईजर के पद पदस्थ हुआ है। प्रमोद सिंह भाजपा एवं भाजपा शासन का घोर विरोधी है तथा भाजपा का होने का दिखावा करता है,वहीं यह भाजपा शासन की योजनाओ में बाधा उत्पन्न कर सकता है। कुंदन कुमार के खास आदमी होने के कारण प्रमोद सिंह का मनोबल इतना बढ़ गया है कि वर्तमान में पदस्थ सरगुजा कलेक्टर विलास भोसकर संदीपान को भी प्रमोद सिंह द्वारा अपने बस में कर लिया गया है और कलेक्टर महोदय को अपने चंगुल में फंसाकर कार्या0 कलेक्टर सरगुजा में प्रभारी अधीक्षक के पद पर कार्य कर रहा है।
जिले के समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों को प्रताडि़त करने का है प्रमोद सिंह पर आरोप
प्रमोद कुमार सिंह के द्वारा प्रभारी अधीक्षक बनकर जिले के समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों को प्रताडि़त करते हुए झूठा शिकायत किया जाता है ट्रांसफर करवा दूंगा बोल कर रकम की वसुली भी किया जा रही है जिससे जिले के अधिकारी एवं कर्मचारी अत्यधिक प्रताडि़त है। इस बात की जानकारी वर्तमान कलेक्टर को मालूम रहते हुए भी प्रमोद सिंह को प्रभारी अधीक्षक के पद से पता नहीं क्यों हटाया नहीं जा रहा है? क्या इस बात की जानकारी वर्तमान कलेक्टर को होने के बावजदू भी उनको दोनों जगह का प्रभार में रखा गया है।
प्रमोद सिंह उठा रहे दोहरे प्रभार का मजा
शिकायत में ये भी आरोप है की वर्तमान में इस जिले में पूर्व से ही अधीक्षक आर.एस. पाण्डेय एवं सहायक अधीक्षक श्रीमती उर्मिला देवी,एसपी सिंह पदस्थ हैं। इसके बाद भी प्रमोद सिंह को दोहरा प्रभार दिया गया है और प्रमोद कुमार सिंह का एक सूत्रीय कार्य बार-बार कर्मचारियों को प्रताडि़त करना है और अभद्र टिप्पणी करना है, प्रत्येक रीडर (वाचक) से पैसे की वसूली करना आदत में सुमार हो गया है इनके तथा कुछ ऐसे वाचक हैं जिनसे नये-नये वर्जन का मोबाईल की मांग की जाती है। बेचारे वाचक आपस में चन्दा करके प्रमोद सिंह को मोबाईल भी दे चुके हैं।
कार्यवाही न होने की वजह से प्रधानमंत्री को शिकायत
वर्तमान कलेक्टर द्वारा प्रमोद सिंह को नहीं हटाये जाने के कारण आपको (प्रधानमंत्री) शिकायत करनी पड़ रही है जिसके कारण एक उम्मीद से आप को पत्र लिखा जा रहा है कि हम समस्त अधिकारी कर्मचारीयों को राहत की उम्मीद है कि इस बार हमारे पत्र को संज्ञान में लेते हुए प्रमोद सिंह कलेक्टर कार्यालय अम्बिकापुर को उनको मूल पदस्थापना निर्वाचन कार्यालय में कार्य करने हेतु प्रशासन को आदेशित करने की महती कृपा करें या छ.ग. राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग महानदी भवन,नया रायपुर अटल नगर के आदेश क्रमांक एफ-4-6/2022/सात-3 नव रायपुर अटल नगर, दिनांक 30 सितम्बर 2022 के द्वारा की गई स्थानांतरण स्थल जिला बलरामपुर हेतु भारमुक्त कराया जाना आवश्यक है, तभी इस जिले के कर्मचारियों को राहत मिलेगी। अन्यथा कई कर्मचारी आत्महत्या करने के लिए भी तैयार है जिसकी पूरी जिम्मेदारी श्री सिंह के उपर होगी। यह पत्र शिकायत स्वरूप लिखा गया है कर्मचारियों द्वारा।
कलेक्टर कार्यालय के प्रभारी अधीक्षक का नही जमता अन्य कर्मचारियों से
बताया जा रहा है की सरगुजा कलेक्टर कार्यालय के प्रभारी अधीक्षक का अन्य कर्मचारियों से नहीं जमता। कार्यालय के ही अन्य कर्मचारी एक तरह से उन्हें पसंद नहीं करते क्योंकि वह मनमानी करने में माहिर हैं वहीं उच्च अधिकारियों के चापलूसी में वह अन्य कर्मचारियों की कमियां गिनाने का काम करते हैं। साथ ही एक कर्मचारी ने नाम ना बताने की शर्त पर यह भी बताया कि हर विभाग से इनके द्वारा वसूली की जाती है, दैनिक घटती-घटना इस बात की पुष्टि नहीं करता पर इस बात पर अधिकारियों को संज्ञान लेकर अंदरूनी जांच का आनी चाहिए।
सहायक ग्रेड दो का कर्मचारी नहीं बन सकता कलेक्टर कार्यालय का अधीक्षक
कलेक्टर कार्यालय का अधीक्षक सहायक ग्रेड 2 का लिपिक नहीं हो सकता। वह उससे उच्च श्रेणी लिपिक ही बन सकता है उसके बावजूद सरगुजा कलेक्टर कार्यालय का अधीक्षक एक सहायक ग्रेड 2 लिपिक बना हुआ है। ऐसा हम नहीं नियम कहते हैं। अधीक्षक का पद कलेक्टर कार्यालय में राजपत्रित श्रेणी का हो जाता है और सरगुजा में इस नियम के विपरीत कार्यालय अधीक्षक की मौजूदगी के बावजूद एक सहायक ग्रेड 2 असल अधीक्षक बनकर बैठा है और असल अधीक्षक दूसरा काम देख रहा है। खुद को नियम कायदे का पक्का बताने वाले सरगुजा कलेक्टर भी इस मामले में मौन हैं और सबकुछ जानकर भी वह अनजान बने हुए हैं। वैसे लोगों का कहना है की सरगुजा कलेक्टर की कुर्सी का मोह ही गजब का है जो आता है वह फिर नियम कायदा भूल जाता है और वही करता है जो पीछे अन्य कर गुजरे हैं।
निर्वाचन कार्यालय में निर्वाचन के समय अधिकारियों से अभद्रतापूर्वक व्यवहार का है आरोप
प्रमोद सिंह के द्वारा निर्वाचन कार्यालय में निर्वाचन के समय जिले के अधिकारियों से अभद्रतापूर्वक व्यवहार किया जाता है और डरा-धमकाकर ब्रांडेड कंपनी के जूते और कपड़े लिए जाते हैं यह कटु सत्य है। प्रमोद सिंह के उक्त कृत्य से सरगुजा जिले के सगस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों की अपने कर्तव्य के प्रति मनोबल गिरता जा रहा है तथा निडर होकर अपने कर्तव्यों का निर्वहन भी नहीं कर पा रहे हैं। प्रमोद सिंह के संबंध में तत्कालीन कलेक्टर एवं शासन-प्रशासन को कई बार पत्र लिखकर शिकायत की गई है. किन्तु हर बार निराशा ही हाथ लगी है क्योकि प्रमोद सिंह अपने आपको बहुत पहुंचे हुए फकीर बताते हैं पर इनकी सच्चाई इस पत्र में उकेरी गई है।
आय से ज्यादा सम्पति का भी है आरोप
प्रमोद सिंह इसके पहले नजूल अधिकारी के कार्यालय में रीडर कार्य करते थे तथा वर्तमान में निर्वाचक सुपरवाईजर के साथ-साथ प्रभारी अधीक्षक के रूप में कार्य करने के दौरान इतना अधिक सम्पति अर्जित कर चुके हैं की इनके दोनों बेटे एक का तो शासकीय तौर पर एमबीबीएस में एडमिशन हुआ है और पढ़ाई भी पूरी हो चुकी है पर दूसरे बेटे को पेमेंट शीट के तहत् एमबीबीएस की पढ़ाई कराई जा रही है। जिसमें कई लाख रूपये खर्चा होता है इतना अधिक खर्च एक छोटे कर्मचारी बाबू जैसे के बस में नहीं है,तो फिर प्रमोद सिंह कहां से इतना अधिक पैसा पाते हैं। इसकी भी जिला प्रशासन जांच करें। प्रमोद सिंह के विरूद्ध कई बार शिकायत की गई किन्तु स्वयं प्रमोद सिंह द्वारा शिकायत पत्रों को साइड कर दिया जाता है,कलेक्टर तक पहुंच ही नहीं पाता है क्योंकि वे स्वयं प्रभारी अधिक्षक है और सारे डाक पत्र उन्हीं के हाथों से होकर गुजरते है।
प्रमोद सिंह, सहा0ग्रेड-02 के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज कराने की मांग
शिकायतकर्ता जनों ने माननीय प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री छाीसगढ़ शासन व ओपी चौधरी कैबिनेट मंत्री छाीसगढ़ शासन से निवेदन करते हुए लिखा कि प्रमोद सिंह के विरुद्ध तथ्यात्मक जांच करायी जाये और जांच में किसी तरह की बाधा उत्पन्न ना हो, इसलिये प्रमोद सिंह, सहा. ग्रेड-02 को जिले से बाहर स्थानांतरण अनिवार्य है। तथा प्रमोद सिंह सहा. ग्रेड-02 के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज कराने एवं आय से अधिक सम्पçा का जांच कर ठोस कार्यवाही करने की मांग किया गया है। साथ ही यह भी लिखा की उक्त शिकायत पत्र में शिकायत करने वाले अधिकारी एवं कर्मचारी डर के मारे अपना नाम एवं हस्ताक्षर नहीं कर रहे हैं, क्योंकि प्रमोद सिंह द्वारा मारने की धमकी भी दी जाती है।
क्या चहेतों के लिए प्रदेश में सारे नियम शिथिल हो जाते है?
प्रदेश में क्या हो रहा है यह सवाल इसलिए उत्पन्न हो चुका है क्योंकि जो हो रहा है वह नियम को शिथिल करके ही हो रहा है, एक मामला सामने आया है वह मामला है कलेक्टर के अधीक्षक का पूरे प्रदेश में कुल 39 अधीक्षक का पद है 33 कलेक्टर अधीक्षक व पांच कमिश्नर अधीक्षक व एक रिवेन्यू बोर्ड अधीक्षक होते हैं पर इस समय पूरे प्रदेश के 33 जिले में से 20 जिला कलेक्टर अधीक्षक से चल रहा है तो वहीं 13 जिले के कलेक्टर के अधीक्षक प्रभारी हैं, जिसमें से हम बात करें सरगुजा जिले की तो यहां तो स्थिति और भी विपरीत है यहां पर कलेक्टर अधीक्षक का पद स्वीकृत है और कलेक्टर अधीक्षक इस जिले में मौजूद है फिर भी निर्वाचन कार्यालय के सुपरवाइजर से प्रभारी अधीक्षक बने प्रमोद सिंह पर कलेक्टर सरगुजा विलास भोसकर संदीपन का भरोसा ज्यादा है, इस समय सरगुजा कलेक्टर प्रभारी कलेक्टर कार्यालय अधीक्षक प्रमोद सिंह के मार्गदर्शन में चल रहे हैं, सवाल यह भी उत्पन्न होता है कि आखिर जब कलेक्टर कार्यालय के अधीक्षक मौजूद है तो फिर प्रभारी अधीक्षक की जरूरत क्या है और वह भी उस अधीक्षक की जो इस समय दोनों जगह का काम देख रहे हैं जिला के निर्वाचन विभाग के सुपरवाइजर भी हैं और कलेक्टर सरगुजा कार्यालय के प्रभारी अधीक्षक भी और उसके साथ ही यह वह व्यक्ति हैं जिनका नाम राजमोहिनी जमीन घोटाले में सामने आया था पुलिस ने बयान भी लिया था उस समय यह नजूल के बाबू थे।
प्रमोद सिंह का अब तक का कार्यकाल
आपको बता दें कि कलेक्टर सरगुजा के प्रभारी अधीक्षक प्रमोद सिंह किसी पहचान के मोहताज नहीं है इनकी कार्यशैली ही बड़ी अजीब है हम यदि इनके नौकरी के कार्यकाल पर नजर डालें तो प्रमोद सिंह की नौकरी संविदा में 1988 में जल संसाधन विभाग में लगी थी उसके बाद यह रेगुलर होकर सहायक ग्रेड 3 बन गए थे, फिर प्रमोशन होने के बाद सहायक ग्रेड 2 हो गए, यहां तक की 2022 में इनका स्थानांतरण बलरामपुर जिले में हुआ था पर उस समय के तत्कालीन कलेक्टर ने भारमुक्त नहीं किया, जिस वजह से वह आज भी सरगुजा में अपनी पैठ जमाए हुए हैं नजूल विभाग में रहते हुए इनका नाम राजमोहिनी जमीन घोटाले में भी सामने आया था, उस समय यह वहां के बाबू थे अचानक 2023 में जब सरगुजा के तत्कालीन कलेक्टर कुंदन कुमार की पदस्थापना हुई उस समय यह कलेक्टर अधीक्षक को हटाकर प्रभारी अधीक्षक का जगह लेने में सफल हो गए, और प्रभारी अधीक्षक होने की वजह से ही राजमोहिनी जमीन घोटाले में भी बचने में भी सफल हो गए। वर्तमान में भी वह सरगुजा कलेक्टर विलास भोसकर संदीपान के प्रभारी अधीक्षक हैं, चर्चा तो यह भी है कि कलेक्टर धृतराष्ट्र बने हुए हैं और प्रभारी अधीक्षक प्रमोद सिंह दुर्योधन,जो प्रमोद सिंह कहते हैं वही कलेक्टर साहब करते हैं चाहे क्यों ना उन्हें नियम के विरुद्ध जाना पड़े।