मनेंद्रगढ़,@मनेंद्रगढ़ जनपद कार्यालय का रसूखदार लेखापाल रिश्वत लेते एसीबी के हत्थे चढ़ा

Share

-रवि सिंह-
मनेंद्रगढ़,21 सितम्बर 2024 (घटती-घटना)। बीते शुक्रवार को मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर जिले के मनेंद्रगढ़ जनपद कार्यालय में एसीबी की टीम ने दबिश देकर लेखापाल सत्येंद्र सिन्हा को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा लिया। उसके बंद कमरे में एसीबी के डीएसपी सहित कई अधिकारियों ने पूछताछ की और फिर जनपद के लेखापाल सत्येंद्र सिन्हा को रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है। जिसे अंबिकापुर ले जाया गया है सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उसे शुक्रवार को बैकुंठपुर न्यायालय में पेश किया गया था।
मिली जानकारी के अनुसार पिछले कई वर्षों से एक ही पद पर विराजमान मठाधीश सत्येंद्र सिंह को जनपद का अंगद कहा जाता था, वह अब एंटी करप्शन ब्यूरो गिरफ्त में आ गया है, अकूत संपत्ती का मालिक बंद कमरे में एंट्री करप्शन ब्यूरो के अधिकारियों को भी सेट करने का प्रयास कर रहा था, कई लाख रुपए देने की बात कर रहा था किंतु ईमानदार अफसर के आगे उसकी एक भी नहीं चली और अंत में उसे अपने किए गए अपराध के कारण उसे गिरफ्तार होना पड़ा।
लगभग आधा दर्जन ठेकेदारों के नाम से करता था यह सप्लाई और निर्माण कार्य
एंटी करप्शन ब्यूरो की बड़ी कार्यवाही के बाद शहर में एक चर्चा आम हो चली है कि सिन्हा बाबू के सिपहसालार जो रात दिन उनके आगे पीछे उनके हर हां पर हां करने वाले लोग जो उसके फर्जी काम में उसका सहयोग करते थे और उसके आशीर्वाद से खुद अपने नाम पर सप्लाई लेते थे और फर्जी भुगतान करवाते थे क्या उन पर भी इसी प्रकार की कार्यवाही होगी? क्या एंटी करप्शन ब्यूरो के अधिकारी इन्हें भी पूछताछ के लिए बुलाएंगे या इन पर भी मुकदमा दर्ज करेंगे? यह बड़ा सवाल पूरे मनेद्रगढ़ शहर में बना हुआ है।
मनेंद्रगढ़ का सबसे धनाढ्य व्यक्ति कहना भी गलत नहीं होगा लेखापाल सिन्हा को
लेखापाल सिन्हा मनेद्रगढ़ का सबसे धनाढ्य व्यक्ति है यह कहना भी गलत नही होगा यदि सूत्रों की माने तो। अकूत संपçा का मालिक दान पुण्य में शहर का सबसे बड़ा दानी भी था जो अवैध कमाई के भरोसे वह देता था और एक मंदिर निर्माण भी भव्य उसने कराया है यह बताया जाता है।
इनके साथ काम करने वाले सप्लायर भी बने करोड़पति
बाजार में यह भी चर्चा है कि कभी इनका खास रहने वाला एक सप्लायर जो आज कई करोड़ का आसामी बना बैठा है उसने ही एंटी करप्शन यूरो और आवेदक को तैयार कर पूरा षड्यंत्र रचा है अब यह बात कितना सही है श्री राम जाने..।
सरपंच के शिकायत पर एंटी करप्शन ब्यूरो की कार्रवाई
एसीबी के डीएसपी प्रमोद कुमार ने पत्रकारों को बताया कि ग्राम लालपुर सरपंच के महेंद्र सिंह के द्वारा एसीबी को 2 सितम्बर 2024 को शिकायत दर्ज कराई थी। वर्ष 2019-20 मे सीसी रोड़ और निर्मला घाट के निर्माण कार्य के लिए जिला और जनपद पंचायत लगभग 8 लाख 60 हजार रूपये स्वीकृत हुआ था, उसके बाद पंचायत के द्वारा निर्माण कार्य पूरा कराया गया था। जिसकी अंतिम किस्त 4 लाख 74 हजार जारी करने के लिए 20 हजार रूपए रिश्वत की मनेंद्रगढ़ जनपद के लेखपाल सत्येंद्र सिन्हा के द्वारा रिश्वत की मांग की जा रही थीज्आज एसीबी की टीम ने जनपद पंचायत मे दबिश देकर 19 हजार रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा है। उसके बाद लेखपाल के चेम्बर मे बंद कमरे मे पूछताछ की जा रही थी, काफी देर तक जनपद कार्यालय में गहमागहमी का माहौल बना रहा। पूछताछ करने के बाद एसीबी की टीम ने गिरफ्तार कर लिया है। उसके बाद लेखपाल के घर पर भी बड़ी कार्यवाही की गई है।
इनके चहेते ठेकेदार व सप्लायर का था कार्यालय में दबदबा
मनेद्रगढ़ जनपद में पिछले एक दशक से जिन सप्लायरों और ठेकेदारों का दबदबा था वह भी शहर के सबसे तेज करोड़पति बनकर तरक्की करने वाले लोगों में शुमार हो चले हैं यदि एंटी करप्शन यूरो के अधिकारी इन फर्जी कंपनी बनाकर फर्जी सप्लायर की खोज कर ले तो पता चलेगा कि सिन्हा बाबू के ही इस वज्र भ्रष्टाचार में अकेले दोषी नहीं है, उनके इर्द-गिर्द घूमने वाले सप्लायर और ठेकेदार भी भ्रष्टाचार में उनका पूरा सहयोग करते आ रहे हैं और खूब मालामाल हो चले हैं यह लोग सभी सरपंचों को सिन्हा बाबू का धमकी देकर बलपूर्वक काम हथियाने का काम करते थे और मात्र 5 से 10 परसेंट सरपंचों सचिवों को पैसा देकर पूरे कार्य को खुद करते थे और आज भी कई कार्य कर रहे हैं यदि इसकी जांच की जाए तो एक बड़ा स्कैंडल का खुलासा हो सकता है, चर्चित ठेकेदारों और सप्लायरों में जब एंटी करप्शन ब्यूरो कार्रवाई कर रही थी तो बाहर यह कहा जा रहा था की बॉस हमारे बॉस हैं सेटिंग में महारत हासिल है सब बैठे-बैठे मैनेज कर लेंगे एक मांगेंगे एक लाख दिया जाएगा इसीलिए हम सब खड़े हैं और देखो आधे घंटे के अंदर सब मामला रफा दफा हो जाएगा अभी ऊपर के भी अधिकारियों को फोन आएगा इन एंटी करप्शन ब्यूरो के अधिकारियों को वापस जाना ही पड़ेगा,वही एक सप्लायर कह रहा था, पहले भी ऐसे अधिकारी आते रहे हैं और बस उन्हें मैनेज करते रहे हैं यह सतत चलने वाली प्रक्रिया है इससे आप सब घबराइए मत अभी दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा…।
आय से ज्यादा संपत्ति कर रखा अर्जित
सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार सिन्हा की मनेद्रगढ़ सहित अंबिकापुर में कई करोड़ की संपत्ती होनी बताई जाती है,कहते हैं कि मनेंद्रगढ़ में ऐसा कोई वार्ड नहीं है जहां उसका घर नहीं है या फिर उसकी जमीन नहीं है कई वार्डों में तो दो-दो तीन-तीन जमीन हैं सिर्फ अपने और अपने परिवार के विभिन्न सदस्यों के नाम पर करोड़ों रुपए की जमीन खरीद रखी है, कई सरकारी जमीनों पर भी इसने कब्जा जमाया हुआ है दर्जनों घर इसके किराए में चल रहे हैं,बस स्टैंड के पीछे नदी की जमीन को कब्जा कर ईसने करोड़ों रुपए का घर बनाया है जिसे उस मोहल्ले का सबसे खूबसूरत घर बताया जाता है और उसमें रहने वाले लोगों ने बताया कि बाजार की दर से उन्हें दुगने दर पर यहां पर किराया देना पड़ता है क्योंकि उस घर में लगने वाली सामग्रियां काफी महंगी है सजावट में भी काफी पैसा इसके द्वारा खर्च किया गया है इसलिए हमें उसका अधिक पैसा पटाना पड़ता है।
एक स्कूल भी है संचालित
शहर के मध्य इसके द्वारा अपने परिवारजनों के नाम पर एक बड़ा स्कूल भी संचालन कराया जा रहा है जिसका नाम गुरुकुल बताया जा रहा है जहां 500 बच्चे पढ़ते हैं यह सूत्रों का कहना है जो काफी महंगा होना बताया जाता है उसमें भी उसने अपनी काली कमाई का बड़ा हिस्सा लगा दिया है सत्ता किसी की भी हो सिन्हा बाबू की अपनी सत्ता चलती थी वह किसी का नहीं सुनता था काफी मीठा बोलता था धीरे बोलता था, उसे यदि पता चल जाए कि इस व्यक्ति से उसका नुकसान हो सकता है तो उसे मुस्कुरा कर मिलकर अपने कार्यालय में चाय पिलाता था और उसकी आवश्यकताओं की पूर्ति करता था यही कारण था कि बलशाली लोग उसके गुलाम हो चुके थे और वह अपने वसूली और उगाही के कार्यक्रम को निरंतर जारी रखा था।
18 से 19 लाख नगद घर से हुआ बरामदःसूत्र
सूत्रों की माने तो लेखापाल को उनके घर लेकर भी गई एसीबी की टीम जहां से नकद 18 से 19 लाख बरामद हुआ वहीं इसमें जेवरात भी शामिल हैं नहीं हैं इसकी पुष्टि नहीं हुई।
घर से कई स्थाई संपत्तियों के दस्तावेज भी हुए जब्त:सूत्र
सूत्रों की माने तो लेखापाल के घर से कई स्थाई संपत्ती के दस्तावेज भी बरामद हुए जिनमे जमीन संबधी दस्तावेज ज्यादा थे। बताया जा रहा है की एसीबी को भी इतने बड़े पैमाने पर बरामदगी की खुलासे की अकूत संपत्ती की संभावना नहीं थी।


Share

Check Also

रायपुर,@ निगम-मंडल और स्वशासी संस्थाओं को मिलने वाली अतिरिक्त सुविधाओं पर लगी रोक

Share @ वित्त विभाग ने जारी किया आदेश…रायपुर,26 अक्टूबर 2024 (ए)। वित्त विभाग ने तमाम …

Leave a Reply