लेख@सरगुजा स्वार्थ के गड्ढे में गिर गया है अब यहां आतंक,अपराध और उत्पात एक आम बात हैःआदित्य

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लेख@हर तरफ समस्या ही समस्या हो गई है। हर तरफ उत्पात और आतंक मचा हुआ है। कहीं किसी गली में आवारा कुत्तों का आतंक है तो कहीं किसी गांव में हाथियों ने उत्पात मचा रखा है। कहीं लूटपाट करने वालों का आतंक है कहीं हत्या करने वालों का आतंक है कहीं गाड़ी चोरी करने वालों का आतंक है तो कहीं महिलाओं से सोने की चेन लूटने वाले चोरों का आतंक है। हर तरफ शहर में नशे का आतंक है। तो कहीं मनचले प्रवृति के लोगों का आतंक है। शहर में रात के वक्त सड़कों पर महिलाएं सुरक्षित नहीं है तो दिन में कॉलेज और कोचिंग जाने वाले बच्चे सुरक्षित नहीं है तो कहीं गंदगी और गंदगी से होने वाली बीमारियों का आतंक है। कहीं हजारों पेड़ों की हत्या करने वाले ठेकेदारों का आतंक है तो कहीं बेवजह और दिखावे के लिए हजारों पौधों की हत्या करने वालों का आतंक है।
हमारे सरगुजा जिले में हर तरफ उत्पात और आतंक मचा हुआ है। नेताओं के आसपास घूमने वाले चापलूस और चमचों का भी एक बड़ा उत्पात है क्योंकि वह लोग नेताओं की चमचागिरी करके और उनकी झूठी तारीफ करके नेताओं को इस तरह भटक रहे हैं की 2024 में जो शहर बुलेट ट्रेन की तरह दौड़ना चाहिए था वहीं शहर अब दो-दो इंजनों के बाद भी मालगाड़ी की तरह अटक-अटक कर चल रहा है और लगभग 10 वर्ष पीछे जा चुका है। कुल मिलाकर सरगुजा जिले में हर तरफ उत्पाद मचा हुआ है। जिसकी सूत्रधार सरगुजा की जनता। क्योंकि किसी ने सही कहा है किसी शहर के नेता, किसी शहर के अधिकारी या किसी शहर की व्यवस्था बिल्कुल वैसी ही होती है जैसी शहर की जनता होती है फिलहाल अम्बिकापुर शहर की जनता अपने स्वार्थ के गड्ढे में गिरी हुई है बिल्कुल उसी तरह और लोग भी अपने-अपने स्वार्थ के गड्ढे में गिर गए हैं।
-आदित्य गुप्ता-
अम्बिकापुर,सरगुजा(छ.ग.)


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