नई दिल्ली@चंद्रयान-4 को मिली मोदी कैबिनेट की मंजूरी

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ये मिशन बहुत अहम और बड़े हैं…
नई दिल्ली,18 सितम्बर 2024 (ए)।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में चंद्रयान-4 मिशन को भी मंजूरी दी गई है। इस मिशन के तहत भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा पर उतारने और उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाने के लिए आवश्यक प्रौद्योगिकियों को विकसित करने की योजना है। चंद्रयान-4 अभियान के तहत चंद्रमा की चट्टानों और मिट्टी को भी पृथ्वी पर लाया जाएगा, ताकि उसका अध्ययन किया जा सके।
मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए फैसलों के बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि कैबिनेट ने शुक्र ग्रह की कक्षा संबंधी अभियान, गगनयान और चंद्रयान-4 अभियान के विस्तार को मंजूरी दी है। उन्होंने बताया कि कैबिनेट ने भारी वजन ले जाने में सक्षम अगली पीढ़ी के प्रक्षेपण यान को भी मंजूरी दी है, जो पृथ्वी की निचली कक्षा में 30 टन का पेलोड स्थापित करेगा।
एक बयान में कहा गया है कि चंद्रयान-4 मिशन प्रस्तावित वर्ष 2040 तक भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा पर उतारने और उन्हें सुरक्षित धरती पर वापस लाने के लिए मूलभूत प्रौद्योगिकियों को विकसित करेगा। इसमें कहा गया है कि इस मिशन के तहत डॉकिंग/अनडॉकिंग, लैंडिंग, पृथ्वी पर सुरक्षित वापसी और चंद्रमा पर से नमूना संग्रह और उसके विश्लेषण को पूरा करने के लिए आवश्यक प्रमुख प्रौद्योगिकियों का विकास किया जाएगा। बयान में कहा गया है कि चंद्रयान-4 मिशन पर कुल 2,104.06 करोड़ रुपये फंड की जरूरत होगी। बयान में कहा गया है कि चंद्रयान-4 मिशन में इसरो अंतरिक्ष यान के विकास और प्रक्षेपण के लिए जिम्मेदार होगा। उम्मीद जताई गई है कि उद्योग और शिक्षा जगत की भागीदारी से यह मिशन 36 महीने के भीतर पूरा होगा। इस मिशन के तहत सभी अहम तकनीकों और प्रौद्योगिकियों को स्वदेशी रूप से विकसित किए जाने की बात कही गई है।

एक देश एक चुनाव के प्रस्ताव को आज मोदी कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में बनी कमेटी की रिपोर्ट के बाद इस प्रस्ताव को कैबिनेट में मंजूरी मिल गई है। जो भारत में विधानसभा और लोकसभा चुनावों को एक साथ कराने का रास्ता साफ करेगा। माना जा रहा है कि अब शीतकालीन सत्र में बिल पेश किया जाएगा।
मोदी सरकार पिछले कार्यकाल से ही एक देश एक चुनाव को लेकर गंभीर थी। इस प्रस्ताव के पीछे सरकार का मुख्य तर्क है कि बार-बार होने वाले चुनाव विकास कार्यों में बाधा डालते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अपने भाषण में इसका उल्लेख किया था।अमित शाह ने भी सरकार के 100 दिन पूरे होने पर इस मुद्दे पर बात की थी और कहा था कि एनडीए सरकार इस संकल्प को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। कोविंद कमेटी की रिपोर्ट 18,626 पन्नों की है, जिसे मार्च 2024 में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को सौंपा गया था।


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