खड़गवां@खड़गवां थाने में काम कम-वसूली ज्यादाक्या सेटिंग में चल रहा राम राज?

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-राजेन्द्र शर्मा-
खड़गवां,16 सितम्बर 2024 (घटती-घटना)।
थाना क्षेत्र में इन दिनों सेटिंग का बोलबाला है । यंत्र तंत्र सर्वत्र मौजूद रहने वाले पुलिसिया खौफ से अपराध मिटाने का हथियार बनाने के बजाय यहां जेब भरने का जरिया बना लिया गया है । लंबे समय से अवैध धंधों, में गांजा शराब के संचालन में पुलिस की भूमिका संदेहास्पद रही है। सूत्रों ने इन अवैध धंधों के मास्टरमाइंड कहते हैं कि हम बकायदा पुलिस को मुंहमांगी प्रोटेक्शन मनी देते हैं ऐसे में पुलिसिया कार्यवाही का भय समाप्त होने से इन अवैध कार्यो को करने वालों के हौसले बुलन्द है। जिससे नए अपराधों के अंकुरण का मार्ग साफ हो जाता है ।
चोरों की भी है मौज,कई चोरियों का आज तक नही हुआ खुलासा
क्षेत्र में चोरों की भी मौज है । कई छोटी बड़ी चोरियों के मामले में पुलिस के हाथ आज भी खाली हैं । शराब पीते ग्रामीणों को पकड़ कर वाहवाही करने में सफल है खड़गवां थाना गेट के सामने कपड़े की दुकान में हुई थी चोरी उसी रात दो अन्य जगह पर भी चोरी हुई थी। सूत्रों से ये जानकारी भी मिली है कि जिनके यहां चोरी कि वारदात हुई थी उनकी रिपोर्ट भी दर्ज नहीं कि गई थी इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि स्थानीय जनता कि सुरक्षा खड़गवां पुलिस कितने सही रूप से कर रही है ? चोरों को पकड़ने चोरी के मामले थाने में आज भी लंबित है जिस पर किस तरह की और क्या कार्यवाही की गई इसका अता पता नही है?
अवैध धंधे गांजा शराब बने सोने के अंडे देने वाली मुर्गी
क्षेत्र में गांजा शराब ग्रामीण क्षेत्रों में इस कदर अपने पैर पसार चुका है कि समीपस्थ जिलों से भी लोग बड़े पैमाने पर अवैध गांजा शराब पहुंचने के खेल में लगे हैं। लाखों के वारे न्यारे जहा कर रहे हैं वहीं प्रोटेक्शन मनी के नाम पर पुलिस की जेब में भी वजन डाला जा रहा है जिससे अवैध गांजा शराब को रोकने के बजाय पुलिया का संरक्षण प्रदान कर अपराध और अपराधियों को बढ़ावा देने में लगी है
पूर्व की तरह नहीं हो रही कार्यवाही
इससे पूर्व थाना प्रभारी खड़गवां के द्वारा माह में लगभग तीन से चार प्रकरण अवैध नशे के कारोबार करने वालों पर ताबड़तोड़ कार्यवाही किया जाता था तब भी वहीं स्टाफ इस थाने में मौजूद था और आज भी वही स्टाफ मौजूद है फिर अवैध नशे के कारोबार पर अंकुश क्यों नहीं लग पा रहा है या खड़गवां पुलिस अंकुश लगाना नहीं चाहती है आखिर क्यों ? स्थानीय ग्रामीणों ने रात्रि गश्त पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं अगर रात्रि गश्त होती है तो कैसे एक ही रात में मुख्यालय में थाने के सामने चोरी कैसे हो गई खड़गवां क्षेत्र के ग्रामीण अपने आप को सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं ?


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