@ जिस नेता के बीजेपी में एंट्री पर खामोश था संगठन
उसी के साथ जमकर नाचते हुए दिखाई दिए सीएम,
@नंदकुमार साय ने हाल ही में ली है बीजेपी की सदस्यता
@छत्तीसगढ़ में नंद कुमार को लेकर लग रही थीं अटकलें
@विधानसभा चुनाव से पहले छोड़ दिए थे बीजेपी
रायपुर,15 सितम्बर 2024 (ए)। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय राजधानी रायपुर के इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित करमा तिहार कार्यक्रम में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हमारी संस्कृति हमारे पूर्वजों की देन है। प्रगति के साथ-साथ आदिवासी संस्कृति का संरक्षण भी जरूरी है। मुख्यमंत्री ने पारम्परिक विधान से पूजा-अर्चना कर कार्यक्रम की शुरुआत की। इस दौरान एक अनोखी बात देखने को मिली। जिस नेता के बीजेपी में शामिल होने के बाद प्रदेश संगठन कोई टिप्पणी नहीं कर रहा था सीएम साय उनके साथ नाचते हुए दिखाई दिए।
नंद कुमार साय के साथ सीएम ने किया डांस
मुख्यमंत्री विषअणुदेव साय करमा तिहार के उल्लास में शामिल होने से खुद को रोक नहीं पाए और मांदर पर थाप देते हुए ‘हाय से सरगुजा नाचे गीत पर जमकर झूमे। इस दौरान उनके साथ वरिष्ठ नेता नंद कुमार साय दिखाई दिए। नंद कुमार साय ने हाल ही में बीजेपी की सदस्यता ली है। साय के बीजेपी में शामिल होने के बाद पार्टी के बड़े नेता बोलने से बच रहे थे। नंद कुमार साय की गिनती कभी पार्टी के सीनियर नेता के तौर पर होती थी लेकिन विधानसभा चुनाव 2023 के कुछ महीनों पहले ही वह कांग्रेस में शामिल हो गए थे।
विधानसभा चुनाव के बाद छोड़ दी थी कांग्रेस
विधानसभा चुनाव के रिजल्ट आने के बाद नंद कुमार साय ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था उसके बाद से अटकलें लगाई जा रही थीं कि नंद कुमार साय बीजेपी में शामिल होंगे लेकिन वह बीजेपी में शामिल नहीं हुए थे। कहा जा रहा है कि प्रदेश और शीर्ष नेतृत्व से सहमति नहीं मिलने के बाद नंद कुमार साय की बीजेपी में सदस्यता नहीं हो पाई थी। इसके बाद जब बीजेपी ने ऑनलाइन सदस्यता अभियान की शुरुआत की तो नंद कुमार साय तीन सितंबर को बीजेपी में शामिल हो गए थे। उन्होंने ऑनलाइन अपनी सदस्यता कार्ड को शेयर किया था। जिसके बाद से राज्य की सियासत तेज हो गई थी हालांकि इस दौरान प्रदेश का कोई भी बड़ा नेता नंद कुमार साय को लेकर बोलने के लिए तैयार नहीं थी।
क्या कहा सीएम विष्णुदेव साय ने
मुख्यमंत्री साय ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा- करमा तिहार मनाया गया। आदिवासी संस्कृति में कई तरह के करमा तिहार मनाये जाते हैं।यह त्योहार हमारी कुंवारी बेटियों का त्योहार है। इस करमा पर्व को मनाने का उद्देश्य है कि हमारी बेटियों को अच्छा वर और अच्छा घर मिले। भगवान शिव और माता पार्वती का पूजन करके बेटियां अच्छे वर और अच्छे घर की कामना करती हैं। इसके बाद दशहरा करमा का त्योहार भी आता है, जिसमें शादी के पश्चात पहली बार जब बेटी मायके आती है तो वह उपवास रहकर विजयादशमी का पर्व मनाती है। पुत्र-पुत्रियों के लंबे जीवन की कामना के साथ जियुत पुत्रिका करमा मनाया जाता है। यह एक बहुत कठिन व्रत होता है, जिसमें माताएं चौबीस घण्टे बिना अन्न-जल ग्रहण किये इस करमा पर्व को मनाती हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें आदिवासी संस्कृति को कभी भूलना नहीं है। हमें अपनी संस्कृति को जिंदा रखना है। ये नृत्य-गीत हमारे समाज को जोड़ के रखते हैं । प्रगति के साथ हमें इसे बरकार रखना है। ये बहुत गर्व का विषय है कि आज आपका एक आदिवासी बेटा मुख्यमंत्री है। उन्होंने कहा कि 9 महीने की सरकार में हमारी सरकार में 21 मि्ंटल प्रति एकड़ धान की खरीदी की जा रही है। धान का मूल्य 3100 रुपये प्रति मि्ंटल हम दे रहे हैं। दो साल का बकाया बोनस भी हमने दिया है। महतारी वंदन योजना के तहत हर महीने 1 हज़ार रुपये माताओं-बहनों के खाते में दिया जा रहा है।