- जनपद पंचायत खड़गवां के पिछली सरकार में निर्माण हुए चेकर टाइल्स सड़क निर्माण कार्य के गुणवत्ता और मानकों के जांच की मांग उठ रही है ?
- जनपद पंचायत खड़गवां के 77 ग्राम पंचायतों में ग्रामीण यांत्रिकी विभाग से सिर्फ एक इंजीनियर ही पदस्थ हैं और निर्माण कार्यों की कमीशन का रेट भी बढ़ा हुआ है?
-राजेन्द्र शर्मा-
खड़गवां,14 सितम्बर 2024 (घटती-घटना)। ग्रामीण यांत्रिकी विभाग का एसडीओ भी निर्माण कार्यों के कमीशन की चासनी में डूबकर मस्त हैं। इन्हें निर्माण कार्यों से कोई मतलब नहीं है ग्रामीण यांत्रिकी विभाग में सिर्फ कमीशन खोरी हावी है ?
एमसीबी जिले के विकास खंड खड़गवां के अधिकांश पंचायतों में होने वाले कार्यों में जमकर भ्रष्टाचार का खेल चल रहा है जो कई पंचायतों में देखने को मिल रहा है यही कारण है कि शासन द्वारा जिस मनसा से कार्य स्वीकृत किया गया है वही पूरी तरह से विफल होता दिखाई दे रहा है और ग्रामीण आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हो रहे हैं।
यह मामला विकासखंड खंडगवा के विभिन्न ग्राम पंचायतों के मोहल्लो में लाखों रुपए की लागत से चेकर टाइल्स सड़क बनाने का कार्य स्वीकृत हुआ है जिसका निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत है किंतु चेकर टाइल्स सड़क का निर्माण ग्राम पंचायत के द्वारा कराया जाना बता कर भ्रष्टाचार किया गया चेकर टाइल्स सड़क निर्माण कार्य में विभाग द्वारा जारी प्राक्कलन के अनुरूप कार्य नहीं कराया गया मानक एवं मापदंड के अनुरूप मटेरियल एवं चेकरटाइल्स की गुणवाा सही नहीं है सीमेंट गिट्टी एवं रेत भी नहीं उपयोग किया गया है जिससे यह चेकर टाइल्स सड़क महज चंद दिनों में ही उखड़ने एवं टूटने लगी है।
निर्माण कार्य स्थल पर बोर्ड भी नहीं लगाया गया शासन का स्पष्ट निर्देश है कि किसी भी कार्य को शुरू करने से पूर्व निर्माण एजेंसी द्वारा संबंधित कार्य का बोर्ड लगाना अनिवार्य होता है उसके बाद ही कार्य को शुरू किया जाना है लेकिन निर्माण एजेंसी एवं संबंधित जिम्मेदार अधिकारियों के द्वारा यहां पर इसका भी पालन नहीं किया जाता है और चेकर टाइल्स सड़क निर्माण कार्य को पूर्ण करा देते के कई दिनों के बाद बोर्ड लगाया जाता है इस तरह के कई सड़कों पर आज तक बोर्ड नहीं लगाए गए हैं।
इससे स्पष्ट है कि निर्माण एजेंसी एवं संबंधित जिम्मेदार अधिकारी अपने कर्तव्य के प्रति कितने जिम्मेदार हैं और नियम कि खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे। जनपद पंचायत एवं ग्रामीण यांत्रिकी विभाग में कमीशन खोरी इतनी हावी है कि स्वीकृत राशि का 40 से 50 प्रतिशत तक पहले ही राशि खत्म हो जाती है। जनपद पंचायत के अधिकारी एवं कर्मचारी और ग्रामीण यांत्रिकी विभाग के अधिकारीओ को अलग अलग प्रतिशत कमीशन की मांग करते हैं सभी को देना पड़ता है तो चेकर टाइल्स की सड़क का निर्माण मानक एवं मापदंड के अनुसार कैसा होगा ये सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है?
स्थानीय ग्रामीणों के द्वारा बताया गया कि कुछ दिनों पूर्व ही चेकर टाइल्स सड़क का निर्माण कार्य किया गया है जिसमें जमकर भ्रष्टाचार किया गया है चेकर टाइल्स सड़क की गुणवााहीन बनाया गया है जिस पर साइकिल चलने से सड़क उखड़ रही है और वाहन चलाने से सड़क धंस रही है एवं लगे टाइल्स भी टूट रहे हैं खड़गवां के ग्रामीण यांत्रिकी विभाग के इंजीनियर एवं एसडीओ निर्माण कार्य का सही कराया जाना बता रहे हैं। स्थानीय ग्रामीणो के द्वारा चेकर टाइल्स सड़क को पुनः बनाने की मांग की है।
खड़गवां जनपद पंचायत के इंजिनियर एवं एसडीओ गले तक भ्रष्टाचार में लिप्त है। जिसका प्रत्यक्ष प्रमाण विकास खंड में हो रहे और हुए निर्माण कार्य खुद बयां कर रहे हैं। इसमें कोई किसी सबूत देने की कोई जरूरत नहीं है सिर्फ इनके निर्माण कार्यों की सही और इमानदारी से जांच हो जाए तो सारा दुध का दुध और पानी का पानी हो जाएगा। कार्यालय में अनुविभागीय अधिकारी और इंजिनियर बैठे-बैठे ही सभी कार्यों की पूर्ति करते हैं क्योंकि इंजीनियर एवं अनुविभागीय अधिकारी को सड़क की गुणवाा से नहीं अपने कमीशन से मतलब होता है। जिस तरह ग्राम पंचायत ठेकेदारी प्रथा से कार्य को कराया जा रहा है वह बद से बदतर हैं और चेकर टाइल्स सड़क निर्माण होते ही चंद दिनों में धराशाही हो गई है इस चेकर टाइल्स सड़क का कोई लाभ ग्रामीणों को नहीं मिलने वाला है ये सड़क ठेकेदारी एवं निर्माण कार्य को देखने वाले इंजीनियर और एसडीओ के सामने भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया चढ़े भी क्यों ना ग्रामीण यांत्रिकी विभाग के इंजीनियर और एसडीओ को कार्यालय में बैठकर ही निर्माण कार्य का मूल्यांकन करना है। जिसका प्रत्यक्ष प्रमाण विभिन्न ग्राम पंचायतो में बनाया गया चेकर टाइल्स सड़क निर्माण कार्य है। ऐसे में शासन की महत्वपूर्ण योजना पर पूरी तरह से पलीता लग रहा है जिसके कारण शासन द्वारा स्वीकृत राशि भी खर्च हो रही है और लोगों को उसका फायदा भी नहीं मिल पा रहा है ऐसे गैर जिम्मेदार सरपंच सचिव एवं कार्य को करने वाले गैर जिम्मेदार इंजिनियर सीईओ र्प जिला प्रशासन को कड़ी कार्यवाही करने की आवश्यकता है ताकि इन्हें कार्यवाही का भय बना रहे और भविष्य में इस तरह की गुणवााहीन निर्माणों की पुनरावृति अन्य किसी भी पंचायतों में ना हो सके और शासन की मंशा भी सफल हो सके।