रायपुर@ कलेक्टर कॉन्फ्रेंस में अफसरों पर भड़के सीएम

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रायपुर, 12 सितम्बर 2024 (ए) । मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज राजधानी रायपुर के न्यू सर्किट हाउस में दो दिवसीय कलेक्टर कॉन्फ्रेंस को सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि सभी फ्लैगशिप योजनाओं में सैचुरेशन के लक्ष्य को ध्यान में रखकर कार्य करें। उन्होंने कुछ जिलों में आम जनता और स्कूली छात्रों से शासकीय अधिकारियों द्वारा किए गए दुर्व्यवहार पर सख्त नाराजगी जताई। मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारियों-कर्मचारियों की भाषा-शैली मर्यादित होनी चाहिए। उन्होंने कलेक्टरों को जनसामान्य से संयमित लहजे में बातचीत करने की हिदायत दी और कहा कि यदि आपके अधीनस्थ अधिकारी भाषा संयम न रखें,तो उन पर तत्काल सख्त कार्यवाही करें।
मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों से कहा कि स्थानीय स्तर की समस्याएं वहीं निपटे, छोटी-छोटी समस्याओं को लेकर लोगों को राजधानी न आना पड़े। इस बात का ध्यान जिला प्रशासन को रखना चाहिए। जनप्रतिनिधियों द्वारा ध्यान में लाई गई जन समस्याओं के त्वरित निदान के लिए प्रभावी कदम उठाएं जाएं।मुख्यमंत्री ने राजस्व विभाग की समीक्षा के दौरान साफ तौर पर कहा कि इस विभाग का आम लोगों और किसानों से ज्यादा वास्ता है। राजस्व के प्रकरणों का निराकरण बिना किसी लेट-लतीफी के किए जाने से शासन-प्रशासन की छबि बेहतर होती है। उन्होंने अधिकारियों को जनसामान्य की भूमि संबंधी छोटी-छोटी त्रुटियों एवं समस्याओं का निदान पूरी संवेदनशीलता के साथ समय-सीमा में करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने सारंगढ़-बिलाईगढ़, बस्तर, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले में राजस्व मामलों के निराकरण की धीमी गति पर अप्रसन्नता जताई। उन्होंने जिलेवार कलेक्टरों से अविवादित और विवादित नामांतरण, खाता विभाजन, सीमांकन, त्रुटि सुधार, डायवर्सन, असर्वेक्षित ग्रामों की जानकारी, नक्शा बटांकन की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्व प्रकरणों के निराकरण में ऐसे जिले जिनकी प्रगति 70 प्रतिशत से कम है, उन्हें इस मामले में ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। विवादित बटवारा के प्रकरण 6 माह से ज्यादा लंबित न हो। सीमांकन के प्रकरणों को भी तेजी से निराकृत किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने सभी कमिश्नरों को अधीनस्थ जिलों का नियमित दौरा कर राजस्व प्रकरणों के निराकरण की स्थिति की समीक्षा करने के भी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य को अभी पीएम आवास के अंतर्गत 8 लाख 46 हजार 931 आवासों की स्वीकृति मिली है। पूर्ववर्ती सरकार के दौरान पीएम आवास का काम काफी पिछड़ गया था। इसी के साथ ही हमने चिन्हांकित किये गये लगभग 47 हजार आवासहीन परिवारों को मुख्यमंत्री आवास योजना अंतर्गत आवास देने का निर्णय भी लिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में स्वच्छता सर्वे अभी चल रहा है। छत्तीसगढ़ के गांव और ग्राम पंचायतें स्वच्छता सर्वे को सभी मानदंडों को पूरा करती हों, इस पर विशेष रूप से ध्यान देने की जरूरत हैं।
मुख्यमंत्री साय के जर्जर स्कूलों पर तीखे तेवर कहा…जिले में होगी गुणवत्ता से समझौता करने वालों की जगह
कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने जर्जर स्कूलों को लेकर सख्त निर्देश दिए। उन्होंने कलेक्टरों को निर्देश दिए कि स्कूलों की गुणवत्ता से समझौता नहीं होगा। गुणवत्ताहीन निर्माण की जांचकर संबंधित ठेकेदार के खिलाफ एफआईआर करने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि गुणवत्ता से समझौता करने वालों की जेल में जगह होगी। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बैठक में अधिकारियों से कहा कि गुणवत्ताविहीन कार्य होने पर रिकवरी भी की जाएगी। कलेक्टर अपने जिले में भ्रमण कर स्कूलों का निरीक्षण करें. स्कूल-हॉस्टल की व्यवस्था ठीक करें। इसके साथ ही उन्होंने पीएम श्री योजना के तहत खैरागढ़ और सारंगढ़ में निर्माण कार्य प्रारंभ न होने पर असंतोष जताया। इसके पहले मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कलेक्टर कॉन्फ्रेंस में कुछ जिलों में आम जनता और स्कूली छात्रों से दुर्व्यवहार की घटनाओं पर जताई सख्त नाराजगी जताई। उन्होंने अधिकारियों को भाषा के संयम को लेकर विशेष हिदायत देते हुए कहा कि आपके अधिकारियों से भाषा का संयम चुका तो कार्यवाही करें। आपसे ऐसी गलती हुई तो मैं कार्यवाही करूंगा। उन्होंने कहा कि शासन की योजनाएं पूरी पारदर्शिता के साथ अंतिम पात्र व्यक्ति तक पहुंचे.।सभी फ्लैगशिप योजनाओं में सैचुरेशन के लक्ष्य को ध्यान में रखकर कार्य करें। मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों से कहा कि स्थानीय स्तर की समस्याएं वहीं निपटे, छोटी छोटी समस्याओं को लेकर लोगों को राजधानी न आना पड़े। जनप्रतिनिधियों द्वारा उठाई गई जन समस्याओं पर त्वरित और प्रभावी कदम उठाएं।
साय सरकार ने सीनियर रेसीडेंट से लेकर डॉक्टरों, प्राध्यापकों की बढ़ाई सैलरी
छत्तीसगढ़ की साय सरकार प्रदेश में स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेहतरी के कार्य को लेकर लगातार प्रतिबद्ध है। इसी को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने एक बड़ा निर्णय लिया है। स्वास्थ्य विभाग ने शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों के सीनियर रेजीडेंट्स (पीजी), सहायक प्राध्यापकों, सह प्राध्यापकों और प्राध्यापकों के वेतन में वृद्धि की घोषणा की है। यह आदेश 1 सितंबर 2024 से पूरे राज्य के शासकीय मेडिकल कॉलेजों के लिए प्रभावी होगा। छत्तीसगढ़ शासन के चिकित्सा शिक्षा विभाग की ओर से जारी आदेश के अनुसार गैर अनुसूचित क्षेत्रों के मेडिकल कॉलेज में पदस्थ प्राध्यापक का वेतन 1 लाख 55 हजार से बढ़ाकर 1 लाख 90 हजार रुपये कर दिया गया है। इसी तरह से सह प्राध्यापक का वेतन 1 लाख 35 हजार से 1 लाख 55 हजार, सहायक प्राध्यापक का वेतन 90 हजार से 1 लाख तथा सीनियर रेसीडेंट व प्रदर्शक (पीजी) का वेतन 65 हजार रुपये से बढ़ाकर 75 हजार रुपये कर दिया गया है।
किसकी कितनी बढ़ी सैलरी
जारी आदेश के अनुसार अनुसूचित क्षेत्रों के मेडिकल कालेज में पदस्थ प्राध्यापक का वेतन 1 लाख 90 हजार रुपये से बढ़ाकर 2 लाख 25 हजार रुपये कर दिया गया है। इसी तरह से सह प्राध्यापक का वेतन 1 लाख 55 हजार से 1 लाख 85 हजार, सहायक प्राध्यापक का वेतन 90 हजार से 1 लाख 25 हजार तथा सीनियर रेसीडेंट व प्रदर्शक (पीजी) का वेतन 65 हजार रुपये से बढ़ाकर 95 हजार रुपये कर दिया गया है। शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों के संविदा चिकित्सकों के लिए जारी पुनरीक्षित संविदा वेतनमान के अनुसार अनुसूचित क्षेत्र में लगभग 46 फीसदी तथा गैर अनुसूचित क्षेत्र में लगभग 23 फीसदी की वेतन वृद्धि की गई है। इस ऐतिहासिक वेतन वृद्धि को लेकर स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा है कि प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार को लेकर कोई समझौता नहीं होगा।
पेंशन वितरण को लेकर लापरवाही नहीं होगी बर्दाश्त…सीएम साय सख्त
मुख्यमंत्री साय ने कलेक्टर कॉन्फ्रेंस में समाज कल्याण विभाग के कार्यों की समीक्षा की। जिसमें सीएम ने निर्देशित किया कि समाज के सर्वाधिक वंचित तबके के जीवनयापन का आधार पेंशन है। पेंशन वितरण को लेकर लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। समय पर जरूरतमंदों को पेंशन मिले, दिव्यांगों के लिए विशेष विद्यालय और अस्पताल के लिए अगले 6 महीनों में तैयार हो कार्ययोजना, नशा मुक्ति आज राष्ट्रीय समस्या, प्रत्येक जिले में नशा मुक्ति केंद्र की हो स्थापना। नशा मुक्ति संकल्प के साथ विशेष अभियान चलाएं जाएं । मुख्यमंत्री ने सुशासन एवं अभिसरण विभाग और सामान्य प्रशासन विभाग के कार्यों की समीक्षा के दौरान कहा, भूमिहीन परिवारों को जाति प्रमाण पत्र मिलने में न हो परेशानी, प्राथमिकता के साथ बनाया जाए प्रमाण पत्र, मुख्यमंत्री ने कहा मेरा व्यक्तिगत अनुभव, हमें समझनी होगी भूमिहीन परिवारों की पीड़ा, मुख्यमंत्री ने जरूरतमंदों को 15 दिनों के भीतर स्वेच्छानुदान की राशि स्वीकृत करने के दिए निर्देश, जन्म, जाति, निवास, आय और मृत्यु प्रमाण पत्र जैसे जरूरी दस्तावेज सुगमता के साथ बने, इस दिशा में हो काम। साथ ही मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों को गोदाम निर्माण को लेकर निर्देश दिए और कहा, गोदाम निर्माण के लंबित कार्य समय पर पूर्ण हो जाएं , पैक्स में माइक्रो एटीएम के माध्यम से ही हो धान उपार्जन का भुगतान,पैक्स में कंप्यूटरीकरण का काम जल्द पूर्ण करें।


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