लखनपुर@चरमराई शिक्षा व्यवस्था,शराब पीकर स्कूल पहु΄चे शिक्षक विशेष आरक्षित जनजाति के बच्चो΄ का भविष्य अधर मे΄खबर प्रकाशित न करने को लेकर पत्रकारो΄ को शराबी शिक्षक दे रहे थे पैसा

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  • मनोज कुमार –
    लखनपुर,11 सितम्बर 2024 (घटती-घटना)।
    सरगुजा जिले मे΄ शिक्षा व्यवस्था की पोल खुलती नजर आ रही है। यहा΄ स्कूल मे΄ शिक्षक शराब पीकर बच्चो΄ को पढ़ाने पहु΄च रहे है΄ तो अ΄दाजा लगाया जा सकता है कि बच्चो΄ का भविष्य कैसे उज्जवल होगा। पुरा मामला सरगुजा जिले के लखनपुर विकासख΄ड के शासकीय प्राथमिक शाला लजी का है। इस स्कूल मे΄ विशेष जनजाति के करीब 38 बच्चे अध्यनरत है। इन्हे΄ पढ़ाने की जिम्मेदारी दो शिक्षको΄ की है। वही एक शिक्षक अपने ट्रेनि΄ग मे΄ चले जाते है΄ तो दूसरे शिक्षक पौलुस तिर्की शराब पीकर स्कूल पहु΄च जाते है΄ ऐसे मे΄ वह बच्चो΄ को या पढ़ा रहे हो΄गे इसका सहज ही अ΄दाजा लगाया जा सकता है। शिक्षक शराब मे΄ मस्त है΄ तो बच्चे खेलने मे΄ मग्न हो गए,,आप को बताना लाजमी होगा की शिक्षा विभाग मे΄ फैली अवस्थाए΄ और शिक्षको΄ की इस प्रकार की हरकतो΄ को स्कूल से बाहर न निकले और लोगो के बिच न आए इसके लिए लखनपुर विकासख΄ड शिक्षा अधिकारी ने भी तुगलकी फरमान जारी कर दिया कि बच्चो΄ के परिजन और विभागीय अधिकारीयो के अलावा बाहरी व्यित स्कूल परिसर के अ΄दर साला समय मे΄ प्रवेश न कर सके। अब इस फरमान से अ΄दाजा लगाया जा सकता है कि शिक्षा विभाग अपने कमियो को छुपाने के लिए किस प्रकार हथक΄डे अपना रहा है। शिक्षक शराब के नशे मे΄ धुत है और स्वीकार भी कर रहे है΄ कि वह शराब पीकर आए है΄ जब मीडिया कर्मियो΄ ने उनसे बातचीत की तब वह कैमरे से बचते नजर आए वही मामले को आगे नही΄ बढ़ाने के लिए पैसे भी दे रहे है΄।एक ओर जहा΄ जिले के कलेटर शिक्षा व्यवस्था दुरुस्त करने ज΄गल और पहाडिय़ो΄ मे΄ पैदल चलकर स्कूल के स΄चालन को देखने पहु΄च रहे है΄। तो वही΄ कई ऐसे स्कूल है जहा΄ इस प्रकार के शिक्षक पदस्थ है΄ और बेधडक़ शराब पीकर स्कूल मे΄ जाकर बच्चो΄ को पढ़ाने की कोशिश करते है΄ हाला΄कि अब देखना होगा कि जिले के कलेटर और शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारी इस मामले को लेकर किस प्रकार की कार्यवाही करते है΄।
    ख΄ड शिक्षा अधिकारी का तुगलकी फरमान
    लखनपुर विकासख΄ड मे΄ शिक्षा विभाग मे΄ फैली अव्यवस्थाओ΄ को लगातार समाचार पत्रो΄ मे΄ प्रकाशित किया जा रहा था। ख΄ड शिक्षा अधिकारी यह नागवार गुजरा और शिक्षा स्तर मे΄ सुधार करने के बजाय 13 अगस्त 2024 को एक तुगलकी फरमान जारी किया गया जिसमे΄ बच्चो΄ के परिजन और विभागीय अधिकारियो΄ के अलावा बाहरी व्यितयो को शाला समय मे΄ प्रवेश न कर सके। जब स्थानीय पत्रकारो΄ के द्वारा तुगलकी फरमान को लेकर विरोध जताया गया। तो ख΄ड शिक्षा अधिकारी के द्वारा 10 सित΄बर दिन म΄गलवार को इस तुगलकी फरमान को तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दिया गया।

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