- बड़े-बड़े बैग से निकालकर बाटेंगे नोटों की गड्डी…लोगों को 10 तारीख का बड़ी बेसब्री से है इंतजार उन्हे है उम्मीद..!
- मिल जाएगा या डूब जाएगा पैसा बना चर्चा का विषय?
- असफाक के निवेशकों की सूची में पुलिसकर्मी,अन्य सरकारी कर्मचारी,सरकारी अधिकारी,अधिवक्ता सहित राजनीतिक पार्टियों के नेता भी शामिल:सूत्र
- पूरे संभाग से असफाक के पास हैं निवेशक जिनके लगे हुए हैं लगभग 200 करोड़
- कई बड़े व्यापारी नेता सहित अधिवक्ताओं का लगा हुआ है काला धन असफाक उल्लाह के पास:सूत्र
-रवि सिंह-
सुरजपुर,08 सितम्बर 2024 (घटती-घटना)। अपने निवेशको को तारीख पर तारीख देने के बाद फरार हुए असफाक उल्लाह ने लाइफ वीडियो जारी करने के बाद 10 तारीख का समय अपने निवेशकों को दिया है और कहा है की सारी समस्या उनकी दूर हो गई है,इसके बाद से निवेशक अपने महान शख्शियत असफाक उल्लाह को देखने के लिए व उनसे अपनी रकम लेने के लिए बेसब्री से 10 तारीख का इंतजार कर रहे हैं ऐसा लग रहा है कि निवेशक 10 तारीख को उनके आने से पहले उनके घर पहुंच कर उनके कदमों के नीचे फूलों की चादर बिछा देंगे,जिस पर अशफ़ाक उल्लाह चलकर आएंगे और निवेशको को अपने बड़े-बड़े बैग से निकाल कर नई-नई नोट की गड्डियां थमा देंगे..?
ज्ञात हो की 10 तारीख का समय मिलने के बाद सारे निवेशक एक-एक पल को काटते हुए नजर आ रहे हैं और 10 तारीख का इंतजार बेसब्री से कर रहे हैं अब इस 10 तारीख को क्या निवेशकों को उनका पैसा मिल जाएगा या फिर कोई बड़ा भूचाल आएगा? निवेशकों के लिए अशफ़ाक उल्लाह इस समय किसी महान शख्सियत से कम नहीं है इस समय जिस प्रकार उनके निवेशक उसका इंतजार कर रहे हैं और किस बेसब्री से उसका इंतजार कर रहे हैं यह तो निवेशक ही जान रहे होंगे कि उनके दिलों पर क्या गुजर रही है,जहां अशफाक वीडियो जारी कर अपने निवेशकों को चिढ़ा रहे थे हंस रहे थे ऐसा लग रहा था कि उन्हें निवेशकों की चिंता ही नहीं है जबकि निवेशको का यह भी कहना है कि किस बेशर्मी से अशफाक वीडियो जारी कर निवेशकों को चिढ़ा रहा है, निवेशक किस प्रकार अपने पैसे के लिए तड़प रहे हैं यह तो निवेशक ही जान रहे हैं सबसे ज्यादा यदि कोई चिंतित है तो वह व्यक्ति है जो अपना जमीन व अपनी जमापूंजी लगाकर अशफाक के पास फंसा हुआ है। वही निवेशकों में एक ऐसा वर्ग भी है जिसका पैसा असफाक के पास इतना ज्यादा लगा हुआ है कि वह तो सिर्फ डरा धमका कर ही पैसा लेने का प्रयास रहे हैं और डरा धमका कर ही पैसा निकालने का प्रयास कर रहे हैं, क्योंकि वह शिकायत पर नहीं जाएंगे क्योंकि उनकी लगाई हुआ पैसा ही अवैध है और किस तरह वह शिकायत करेंगे इसे लेकर वह भी असमंजस की स्थिति में है जो कहीं ना कहीं असफाक को मदद देगा।
अशफाक के निवेशकों में सबसे ज्यादा उसके समाज के लोग
प्राय: जब चिटफंड का मामला सामने आता है तो यह बात सभी मामले में एक सी नजर आती है सामान्य होती है की चिटफंड व्यवसाय का मुख्य कर्ता-धर्ता जो होता है या तो उसके सगे संबधी सबसे ज्यादा उसके पास निवेशक होते हैं जाति समाज के लोग निवेशक होते हैं या खास मित्र निवेशक होते हैं मित्रो के मित्र निवेशक होते हैं क्योंकि यह धूर्तता का धंधा आपसी विश्वास का गला घोंटकर ही खड़ा होता है और समाप्त होता है,सूत्रों की माने तो अशफाक उल्लाह के जितने भी निवेशक हैं उसमें यदि संख्या की पहचान की जाए तो सबसे अधिक असफाक के समाज के लोग ही अपना पैसा लगाकर फंसे हुए हैं या कहा जाए तो अशफाक अपने समाज के लोगों को ही इस लालच के दलदल में डालकर डूबा दिया। समाज में भी असफाक की प्रतिष्ठा दाव पर लग गई है।
हर वर्ग के लोग हैं चिटफंड व्यवसाय में असफाक के पास निवेशक
अशफाक के पास निवेश करने वाले हर वर्ग के हैं व्यापारी राजनीतिक पार्टियों के नेता सरकारी कर्मचारी से लेकर फर्जीवाड़ा उजागर करने वाले पुलिसकर्मियों तक के पैसे अशफाक के पास लगे हुए हैं निवेशक इतना पावरफुल होने के बावजूद असफाक की तारीख पर तारीख को झेल रहे हैं। बसदेई पुलिस चौकी के कर्मचारी तो ऐसी स्थिति में आ गए हैं कि ना तो निगल सकते हैं ना घोंट सकते हैं पैसे के मामले में अपनी जवान पर टेप चिपका लिए हैं। और इस उम्मीद में है कि डरा धमका कर जैसे तैसे अपना पैसा निकाला जायेगा बाकी जिसको फंसे रहना है वह फंसे रहे।
व्यापारी तो ओढ़ रखे हैं खामोशी का चादर
सूरजपुर सरगुजा के व्यापारी तो अपने सारे काले धन को असफाक के पास लगाकर अपने आप को सुरक्षित महसूस कर रहे थे और सोच रहे थे कि पैसा और बढक़र उनके पास आ जाएगा स्थिति यह हो गई है कि पैसा लगाने के बाद वह खामोशी का चादर ओढ़ लिए हैं और करें भी तो करें क्या अब उनकी मजबूरी हो गई है बदनामी के डर से शिकायत कर नहीं पा रहे और पैसा ले नहीं पा रहे हैं स्थिति तो कुछ ऐसी हो गई है की डरा धमका कर जो मिल जाए वही ले लो पर क्या डरा धमका कर पैसा ले पाएंगे या फिर खामोशी की चादर ओढ़ कर असफाक को माफ कर देंगे?
अशफाक कहां निवेश करता था पैसा…आखिर क्या पुलिस इसके तह तक पहुंच पाएगी?
असफाक उल्लाह लोगों को पैसा दुगना करने का लालच दिया करता था और अब वह लोगों का करोड़ों लेकर फरार है शुरू में उसके द्वारा लोगों को दुगना करके पैसा लौटाया गया जिससे लोगों का लालच बढ़ा और जिससे निवेशक भी बढ़े और अब ज्यादा निवेशकों का पैसा लेकर वह फरार है। असफाक का काम केवल इसकी टोपी उसके सिर करने वाला था और वह जब तक लोगों का पैसा आया तभी तक लोगों को लौटा सका यही कहना उचित होगा क्योंकि जैसे ही निवेशक कम हुए वह भगोड़ा हो गया फिर भी पुलिस के लिए यह सवाल जरूर मायने रखेगा यदि शिकायत हुई और जांच हुई तो वह यह की आखिर असफाक इतना पैसा लेकर क्या करता था और यदि वह कहीं निवेश करता था तो कहां करता था वहीं कहीं वह कहीं कोई गलत काम तो नहीं करता था। सवाल कई होंगे जब शिकायत होगी और जांच की नौबत आयेगी फिलहाल तो लोगों की उम्मीद कायम है की पैसा उनका मिल जायेगा लेकिन पैसा मिलेगा नहीं यह अंतिम सत्य है।
गाड़ी से लेकर दुकान तक गिरवी होने की बात इस समय चर्चा में…
सूत्रों बताते हैं कि देनदारी इतना ज्यादा हो गई है कि कोई दबाव बनाकर दुकान गिरवी रखवा लिया है तो कोई गाड़ी ऐसी स्थिति निर्मित हो गई है कि जितना तेजी से उसने चीजें कमाई थी उतने ही तेजी से सब गिरवी होती जा रही हैं ऊपर से जलील अलग होना पड़ रहा है पूरे परिवार को…एक गाड़ी रामानुजनगर में किसी होटल वाले के पास है तो एक गाड़ी महोरा में किसी व्यक्ति के पास से और एक गाड़ी सूरजपुर में तीन व्यापारियों ने साझा करके उठाया है पर एक गाड़ी कहां है इसकी जानकारी अभी भी किसी को नहीं है क्योंकि घर से लेकर दुकान तक सन्नाटा पसरा हुआ है और एक भी गाडिय़ां अब वहां नहीं है।
बीएमडब्ल्यू भी किसी व्यापारी के घर खड़ी है…
अशफाक की सबसे महंगी कार बीएमडब्ल्यू जिसे काफी शौक से असफाक ने लिया था और 1 साल भी अभी नहीं हुए हैं और वह गाड़ी किसी व्यापारी के यहां गिरवी रखने की बात सूत्रों के द्वारा सामने आ रही है बताया जा रहा है कि पैसा ना देने की वजह से व्यापारी उसकी सबसे महंगी कर बीएमडब्ल्यू जिसकी कीमत 60 लाख बताई जा रही है उसे ले गये है पर ले जाने के बाद भी उसे गाड़ी लेकर जाने वाला उस गाड़ी का मजा नहीं ले पा रहा क्योंकि उस गाड़ी से घूमना ही उसके लिए मुसीबत बन जाएगा इस डर से वह गाड़ी को छुपा कर रखा हुआ है।
असफाक को क्या उनके सीए भी बचा पाएंगे या अशफाक को बचाने के चक्कर में वह भी जांच के दायरे में आएंगे?
असफाक के काले कारोबार का लेखा-जोखा भी जरूर कोई रखता रहा होगा वैसे कोई सीए भी उसकी तरफ से उसका लेखा-जोखा देखा करता था यह बात सामने आ रही है। अब क्या उसका लेखा-जोखा सीए ने सही रखा है या वह सही और कानून के दायरे वाला ही उनकी मदद किया है या उसने भी असफाक के काले कारोबार को मदद दी है यह भी बात सामने आएगी यदि जांच होगी…
असफाक ने लाइव वीडियो में आखिर कबूल लिया कि वह लोगों के पैसे निवेश करता था,क्या इसके बावजूद भी पुलिस इंतजार करेगी कार्यवाही के लिए?
असफाक और उसके पिता ने दैनिक घटती-घटना के उन समाचारों का खंडन किया था जो असफाक के चिटफंड व्यवसाय से जुड़े थे वहीं उसमे निवेशक भी काफी बड़ी संख्या में हैं यह भी बात उन्होंने नकार दी थी और पत्रकार को पहले पुलिस से नोटिस भिजवाया था बाद में अपने वकील से नोटिस भिजवाकर मानहानि का मामला दर्ज करने की धमकी दी थी। उस समय उनका साफ कहना था की वह अपना पैतृक खेती का काम करते हैं साथ ही वह हार्डवेयर की दुकान का संचालन करते हैं इसके अलावा उनका कोई कारोबार नही है अखबार की बात कोरी अफवाह है उन्हे बदनाम करने की साजिश है। असफाक की शिकायत पर पत्रकार को पुलिस ने अपना जवाब देने नोटिस भी भेजा था और बकायदा जवाब भी लिया था। अब मामले में जब असफाक ने लाइव वीडियो में यह बात कबूल कर ली है की वह लोगों का पैसा निवेश करता था क्या पुलिस अब उसके मामले में खुद सक्रिय होगी जांच कर उसके ऊपर कार्यवाही करेगी या अभी भी वह इंतेजार करेगी जिससे वह लोगो की गाढ़ी कमाई लेकर पुलिस और कानून की जद से इतना दूर चला जाए की कभी पकड़ में ही न आए।
नोट- दैनिक घटती घटना समाचार पत्र अपने कलम बंद अभियान की वजह से सभी तरह की खबरें प्रकाशित नहीं कर पा रहा है और कलम बंद जिस वजह से हुआ है उससे ही संबंधित खबरों को ही प्रकाशन कर रहा है एवं वही प्रकाशित भी हो रही हैं, इस बीच एक महत्वपूर्ण खबर जो दैनिक घटती-घटना समाचार पत्र से जुड़ी हुई है जो समाचार पत्र की प्रतिष्ठा से भी जुड़ी हुई है जहां किसी ने समाचार पत्र पर उसकी खबरों की विश्वसनीयता पर सवाल उठाया था जिसमे एक व्यक्ति जो अवैध तरीके से पैसे को दुगना करता था को लेकर समाचार प्रकाशित किया गया था और उक्त व्यक्ति ने समाचारों का खण्डन करते हुए समाचार पत्र के पत्रकार पर खबरों को झूठा बताकर मानहानि का नोटिस तामील कराया था पुलिस में भी शिकायत किया था इस मामले में अब नया अपडेट आया है जो प्रकाशित करना अत्यंत जरूरी है जिस वजह से इस खबर को प्रकाशित किया जा रहा है।