-भूपेन्द्र सिंह-
अंबिकापुर,07 सितम्बर 2024 (घटती-घटना)। महाराष्ट्र की पूर्व आईएएस ट्रेनी पूजा खेडकर पर एक्शन लिया गया है। केंद्र सरकार ने पूजा खेडकर को तत्काल प्रभाव से भारतीय प्रशासनिक सेवा से बर्खास्त कर दिया है। पूजा खेडकर पर आईएएस (प्रोबेशन) के तहत कार्रवाई की गई है…इस कार्यवाही के बाद एक बार फिर छत्तीसगढ़ के राज्य प्रशासनिक अधिकारी जो फर्जी दिव्यांग प्रमाण-पत्र पर नौकरी कर रहे हैं उसे मामले को भी ताजा कर दिया जब इस पर कार्यवाही हो सकती है तो फिर छत्तीसगढ़ में उन राज्य प्रशासनिक अधिकारियों पर कार्यवाही कब होगी जो फर्जी दिव्यांग प्रमाण-पत्र पर नौकरी कर रहे हैं? जिसकी लड़ाई छत्तीसगढ़ दिव्यांग संघ लड़ रहा है। उन्में से एक तो स्वास्थ्य मंत्री के ओएसडी हैं जिनका नाम संजय मरकाम है इन पर कब कार्यवाही होगी इसे लेकर अभी भी सवाल बना हुआ है? छत्तीसगढ़ में दो नाम इस समय काफी चर्चा में है एक तो स्वास्थ्य मंत्री के ओएसडी जो दिव्यांग प्रमाण-पत्र पर नौकरी कर रहे हैं तो वहीं दूसरा स्वास्थ्य विभाग के ही एनएचएम के संविदा कर्मचारी प्रभारी डीपीएम प्रिंस जयसवाल दोनों इस समय सुर्खियों में है। इनके ऊपर कार्यवाही कब होगी इस पर भी संशय से बरकरार है और होगी भी कि नहीं होगी इस पर भी संशय है पर इन दोनों की खबर प्रकाशित करने वाले अखबार के दफ्तर व प्रतिष्ठान पर कार्यवाही तत्काल हो जाती है यह बड़ा सवाल है, आखिर इन दोनों व्यक्तियों की पकड़ कितनी है कि उनके विरुद्ध खबर प्रकाशित करने वाले अखबार को ही कुचलने का प्रयास किया गया वह भी वर्तमान राज्य सरकार के द्वारा जो हिंदूवादी सरकार कही जाती है।
ज्ञात होगी पूर्व ट्रेनी पूजा खेडकर के खिलाफ बड़ा एक्शन हुआ है। केंद्र सरकार ने आईएएस परिवीक्षा में नियम, 1954 के नियम 12 के तहत पूजा खेडक़र को तत्काल प्रभाव से भारतीय प्रशासनिक सेवा आईएएस से बर्खास्त कर दिया है। सरकार ने यूपीएससी परीक्षा में ओबीसी और दिव्यांगता कोटे का दुरुपयोग करने के आरोप में पूजा खेडकर के खिलाफ कार्रवाई की है। इससे पहले संघ लोक सेवा आयोग ने 31 जुलाई को उनकी उम्मीदवारी रद्द कर दी थी। आपको बताते चलें कि पूजा खेडकर पर आरक्षण का लाभ पाने के लिए यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2022 के आवेदन में गलत जानकारी प्रस्तुत करने का आरोप लगाया गया है। इस कार्यवाही के बाद छत्तीसगढ़ पर भी कार्यवाही होगी इस बात की उम्मीद जग गई है पर यह कार्यवाही क्या राज सरकार करने की हिम्मत जुटा पाएगा यह भी बड़ा सवाल है क्योंकि इस समय स्वास्थ्य मंत्री के ओएसडी संजय मरकाम सबसे बड़ा चेहरा है क्योंकि वह राजनीतिक पकड़ रखे हुए हैं वहीं दूसरा नाम है एनएचएम के संविदा कर्मचारी प्रिंस जायसवाल का जो प्रभारी डीपीएम है सूरजपुर जिले के इनका डिग्री ही फर्जी होने का आरोप है जांच कछुए की चाल में है और कार्यवाही तो मान कर चले कि केंचुए की चाल में है, ऐसा क्यों है और किस प्रभाव में है यह सवाल रोज पूछा जा रहा है पर इसका जवाब आज तक कार्यवाही करके नहीं दिया गया। जबकि फर्जी डिग्री पर नौकरी करने वाले की शिकायत पर इतनी तत्परता दिखाई गई की खबर प्रकाशित करने वाले अखबार के दफ्तर व प्रतिष्ठा पर बहुत तेजी से सदन निर्दयता पूर्वक बुलडोजर कार्यवाही की गई ऐसा लगा की दफ्तर नहीं आतंकवादी का अड्डा था और वहां पर कई आतंकवादी छुपे हुए थे जिसे तोडऩे के लिए 5:00 बजे भोर में पूरा अमला पहुंच गया पर वही फर्जी लोगों पर कार्यवाही करने के लिए आखिर यह अमला क्यों नहीं पहुंच पाता? सरकार को भी इस ओर सोचना चाहिए और गौर करना चाहिए की कार्यवाही द्वेष पूर्वक नहीं न्याय पूर्वक होनी चाहिए।
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