अम्बिकापुर@शिक्षक दिवस पर मुख्यमंत्री के हाथों पुरस्कृत हुई सरगुजा की व्याख्याता शिक्षिका नीतू यादव

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-विशेष संवाददाता-
अम्बिकापुर,05 सितम्बर 2024(घटती-घटना)। शिक्षक दिवस के दिन सरगुजा जिले के स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी स्कूल केशवपुर अंबिकापुर में पदस्थ व्याख्याता शिक्षिका नीतू यादव को उनके उत्कृष्ट कार्यो के लिए राज्य स्तरीय शिक्षक पुरस्कार वर्ष 2024 से मुख्यमंत्री के हाथों पुरस्कृत किया गया,इसके लिए उन्हें प्रशस्ति प्रस्तुति पत्र दिया गया। इस उपलब्धि से शिक्षिका श्रीमती नीतू यादव काफी काफी गौरवन्वित महसूस कर रही हैं। इस संबंध में व्याख्याता शिक्षिका नीतू यादव ने बताया कि मेरे लिए यह पल काफी अहम है और मैं एक शिक्षक होने के नाते पूरे ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करती हूं और मुझे अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में अच्छा लगता है, मुझे मेरे उत्कृष्ट कार्य के लिए ये पुरस्कार मिला है। मेरे ख्याल से एक शिक्षक का महत्वपूर्ण गुण है सीखना और सिखाना। एक शिक्षक कई पीढिय़ों तक छात्रों के भविष्य को गढ़ता है। मैं एक ऐसा पीढ़ी तैयार करने में लगी हूं कि जिसमें छात्र देश के लिए समर्पित हो और सफल हो। इसी उद्देश्य को लेकर मैं अपना लक्ष्य बनाया कि मुझे अपने विषय की गहरी समझ और व्यापक अनुभव ले रही हूँ। समझदारी और सहानुभूति ताकि छात्रों की व्यक्तिगत और जरूरी भावनात्मक स्थितियों को समझने की मुझमें क्षमता है, छात्रों को प्रेरित करने और उनकी क्षमताओं को पहचानने में मदद करती हूं। मेरा संवाद बहुत ही अधिक प्रभावी और कौशल और जानकारी को स्पष्ट और समझने योग्य तरीके से प्रस्तुत कर सकती हूं।
शिक्षण विधियों में नवाचार और रचनात्मकता का उपयोग करती हूं,विभिन्न शिक्षण शैलियों और छात्र की प्रतिक्रियाओं के अनुसार लचीला पन और अनुकूलनशीलता लाती हूं। शिक्षा के प्रति मेरी गहरी निष्ठा है और छात्रों के प्रति मेरी समर्पण की भावना अत्यधिक है। मुझे यह लगता है कि जैसे मेरे बच्चे स्कूल जाते हैं और स्कूल में उसकी पढ़ाई नहीं होती या कोई भी क्रियाकलाप नहीं होता बच्चा उदास होकर घर आता है और कहता है कि आज स्कूल में कुछ पढ़ाई नहीं हुआ। इस चीज को अपने दिमाग में रखकर मैं यह सोचती हूं कि यदि मैं स्कूल जा रही हूं और बच्चा मेरे भरोसे आ रहा है कि मैं पढ़ाऊंगी और मैं यदि पढ़ाऊंगी नहीं तो उस बच्चे के मन में भी वही आएगा कि आज मैं स्कूल व्यर्थ गया और यह दिन प्रतिदिन बढ़ता जाएगा और वह बच्चा स्कूल आने में उसका जो रुचि है वह कम होता जाएगा। पाठ्यक्रम को सुव्यवस्थित और प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करने की मुझमें क्षमता है। मुझे यह लगता है कि यदि मैं जिस स्कूल में पदस्थ हूं वहां यदि वह प्रवेश लेता है तो वह अपने पूरे पढ़ाई को पूरा करके ही स्कूल से बाहर निकले,ना कि वह आधी-अधूरी पढ़ाई करें। मेरी इच्छा है कि यदि वह किसी कारणवश फेल हो भी जाता है तो उसे इतना प्रोत्साहित किया जाए कि वह अगले वर्ष बहुत ही अच्छे नंबरों से पास हो,और आगे के सभी कक्षाओं में वह सफल होता जाए इसके अलावा मेरा यह एक नियम है कि यदि बच्चा नवमी में प्रवेश ले रहा है स्कूल में तो मैं उनसे उनकी रुचि पूछती हूं और उसके रुचि के अनुसार से वह किस क्षेत्र में जाना चाहते हैं उसे पर्सनली उन बच्चों का मार्गदर्शन देती हूं और कैरियर काउंसलिंग करती हूं,ताकि वह बच्चा नाइंथ क्लास से ही कैरियर काउंसलिंग देने लग जाती हूं जिससे बच्चा बिल्कुल नौवीं क्लास से आरंभ करें और 12 वीं पहुंचने तक वह अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए लगभग उसकी तैयारी हो चुकी होगी। मेरे स्कूल के बच्चे ब्लॉक, जिला,संभाग और राज्य स्तर तक प्रत्येक क्षेत्र में होने वाले प्रतियोगिता में जीत हासिल किए है। विज्ञान के क्षेत्र में भी कई पुरस्कार प्राप्त कर चुके है। मेरे पढ़ाए बच्चे आज सरकारी नौकरी कर रहे है। मेरे द्वारा स्कूल में एक बोटैनिकल गार्डन बनाया गया है। मैंअब तक लगभग सौ से भी अधिक पेड़ लगा चुकी हूं। कोरोना काल से ही ऑनलाइन प्लेट फार्म पर पढ़ा रही थी। बोर्ड परीक्षा की तैयारी जिला स्तर पर ऑनलाइन कराया गया और बेहतर परिणाम प्राप्त हुए। बच्चो को उनके अधिकारों के लिए जागृत करती हूं। मैंने उन्हें पूरे दिन का एक टाइम टेबल दिया है कि आपको कैसे और कितना पढऩा है। बच्चों को अध्यात्म और योग के प्रति रुचि जागृत करती हूं। समय प्रबंधन उन्हें सिखाती हूं। मुझे उत्कृष्ट शिक्षक सम्मान,मुख्यमंत्री गौरव अलंकरण शिक्षा श्री और कई संस्थाओं के द्वारा सम्मानित की जा चुकी हूँ। आगे भी और अधिक ऊर्जा के साथ काम करने के लिए अग्रसर रहने की बात करती हैं।


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