अम्बिकापुर@पत्रकारों पर होने वाला अत्याचार को लेकर केंद्र सरकार का बड़ा फैसला…

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-विशेष संवाददाता-

अम्बिकापुर,02 सितम्बर 2024(घटती-घटना)। छत्तीसगढ़ सरकार पत्रकारों पर कहर ढा रही है…बुलडोजर चला रही है…मुकदमे दर्ज कर रही है…वहीं देश के प्रधानमंत्री व यूपी के मुख्यमंत्री पत्रकारों के हित के आदेश दे रहे हैं…हाईकोर्ट संज्ञान ले रहा है…टिप्पणी कर रहा है…पर छत्तीसगढ़ में जिस प्रकार के हालात हैं उसपर भी मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री जी को विचार करना होगा…। एक अखबार के दफ्तर को संपादक के प्रतिष्ठान पर हुई कार्रवाई प्रदेश के लिए एक नासूर बन गई है…आखिर यह कार्यवाही कैसे हुई…यदि इसमें मंत्री व मुख्यमंत्री की भूमिका नहीं थी…तो आखिर अधिकारियों ने इतना बड़ा कदम कैसे उठा लिया…और सरकार को भी कटघरे में क्यों खड़ा कर दिया…।
सरगुजा अंचल के दैनिक घटती-घटना समाचार-पत्र कार्यालय सहित संपादक के प्रतिष्ठान पर हुई कार्यवाही यह साबित करती है कि प्रदेश में पत्रकारों के ऊपर किस तरह के अत्याचार किए जा रहें हैं वह भी इसलिए क्योंकि वह सत्य प्रकाशन का काम कर रहे हैं।
दैनिक घटती-घटना कार्यालय और समाचार-पत्र के संपादक के प्रतिष्ठान पर बुलडोजर कार्यवाही की गई जबकि हाल ही एक अलग मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर कार्यवाही पर में तल्ख टिप्पणी की है और कहा है कि किसी का घर कैसे गिराया जा सकता है…यदि कोई दोषी भी है…तो उसका घर ऐसे ही कैसे गिराया जा सकता है…। दैनिक घटती-घटना समाचार-पत्र के कार्यालय सहित संपादक के प्रतिष्ठान पर तो बुलडोजर कार्यवाही तब हुई जब बरसात का समय था वहीं जब संपादक पितृशोक में पड़े हुए थे। देखा जाए तो सरगुजा अंचल के दैनिक घटती-घटना कार्यालय पर और संपादक के प्रतिष्ठान पर हुई बुलडोजर कार्यवाही ऐसी कार्यवाही थी…जो पूरी तरह द्वेष से प्रेरित थी…वहीं न संपादक अपराधी प्रवृत्ति वाले हैं… न पत्रकार… फिर भी उनके कार्यालय प्रतिष्ठान पर बुलडोजर कार्यवाही को कैसे शासन-प्रशासन न्यायोचित साबित कर सकेगा यह भी एक सवाल है।


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