@बाकी मांगों पर भी…विचार करे सरकार…
-विशेष संवाददाता-
अम्बिकापुर,01 सितम्बर 2024 (घटती-घटना)। छत्तीसगढ़ प्रदेश के सरगुजा अंचल से प्रकाशित होने वाले दैनिक घटती-घटना समाचार-पत्र का विज्ञापन 60 दिन बाद बहाल हो गया है…कलम की स्वतंत्रता पर विचार किया गया…जिसके लिए अखबार भी हृदय से आभार व्यक्त करता है। जनसंपर्क विभाग अखबार को हुए नुकसान व अन्य मांगों पर भी सरकार करे विचार…ताकि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की स्वतंत्रता रहे बरकरार…दैनिक घटती-घटना खबर लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की स्वतंत्रता बरकरार रहे…इसलिए अपना कलम बंद रखा है। कलम बंद अभियान को सरकार ने तवज्जो दिया और जनसंपर्क विभाग ने पुनः विज्ञापन बहाल कर दिया है। जनसंपर्क विभाग के सह आयुक्त मयंक श्रीवास्तव ने अखबार की मांगों को जायज समझा और उनके अधिकारों पर विचार किया…यह एक लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के लिए एक बड़ी उपलब्धि है…और यह जनसंपर्क विभाग की एक तरह से संवेदनशीलता ही है…जो उन्होंने यह माना की कहीं-कहीं समाचार-पत्र का विरोध जायज था और उसने कलम बंद लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को स्वतंत्र रखने के लिए किया था। अब शासन सहित जन संपर्क विभाग से अपेक्षा है कि वह दैनिक घटती-घटना के नुकसान को लेकर भी विचार करे…जिससे वह स्वतंत्र लेखनी से लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की भूमिका बखूबी निभा सके। 60 दिनों बाद ही सही,शासन सहित जन संपर्क विभाग ने जो संवेदनशीलता दिखाई है वही संवेदनशीलता एक और बार वह दिखाए…और प्रेस कार्यालय को पुनः स्थापित होने में वह सहयोग प्रदान करें। शासन और जन संपर्क विभाग का आभार व्यक्त करते हुए दैनिक घटती-घटना समाचार-पत्र समूह यह उम्मीद रखता है कि जनसंपर्क विभाग छत्तीसगढ़ शासन,साथ ही शासन के वह अंग जो प्रेस की स्वतंत्रता को लेकर संवेदनशील हैं वह जरूर दैनिक घटती-घटना समाचार-पत्र समूह के नुकसान की भी भरपाई का प्रयास जरूर करेंगे। वैसे इसी तरह की संवेदनशीलता यदि शासन सहित जनसंपर्क विभाग की लगातार बनी रहती है और समाचार-पत्र के नुकसान को लेकर भी यदि सहानुभूति पूर्वक विचार किया जाता है तो अवश्य ही जल्द कलम बंद अभियान भी बंद हो जायेगा साथ ही समाचार-पत्र अपनी स्वंतत्र लेखनी जारी रख सकेगी।