अम्बिकापुर/सूरजपुर@ मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बड़े या प्रभारी साथ ही संविदा नौकरी वाले जिला कार्यक्रम अधिकारी?

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कलम बंद का 54 वां दिन

-रवि सिंह-
सुरजपुर,24 अगस्त 2024 (घटती-घटना)।
प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था का हाल क्या है यह किसी से छिपा नहीं है…वहीं किस तरह स्वास्थ्य विभाग में पद की बोली लग रही है…यह भी बात लगातार सामने आ रही है…वहीं स्वास्थ्य विभाग में किस तरह मुख्य पदों पर बैठे लोगों को प्रभाव के बल पर कुछ लोग कैसे अपने इशारों पर चला रहे हैं…यह भी देखने को मिल रहा है। खासकर कोरिया जिले सहित सूरजपुर जिले में तो एक संविदा प्रभारी स्वास्थ्य अधिकारी जिसकी अहर्ता ही फर्जी बताई जाती है। वह इस तरह स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों पर हावी है या इस तरह दोनों जिले के स्वास्थ्य व्यवस्था को अपनी गिरफ्त में लेकर चल रहा है की क्या कहें। कौन किस पद पर काम करेगा…कौन हटाया जायेगा…और किसे कौन सी जिम्मेदारी दी जाएगी…यह वही तय कर रहा है। सुरजपुर का प्रभारी डीपीएम कोरिया सहित सूरजपुर जिले के स्वास्थ्य विभाग को दीमक बनकर चट करने में लगा है…कोरिया जिले को तो वह कांग्रेस शासनकाल में ही चट कर चुका है… वहीं अब वह सूरजपुर सहित कोरिया जिले को चट करने में लगा है…और उसी की मंशा से दोनों जिले में स्वास्थ्य अधिकारी तैनात किए गए हैं क्योंकि कोरिया जिले की उसकी जांच जो उसकी अनियमितताओं की जांच है… वह हो न सके…वहीं सुरजपुर जिले में वह मरीजों को मिलने वाली सुविधा से अपनी जेब भर सके।
बता दें कि कोरिया में हाल में ही पदस्थ किए गए सीएमएचओ और सिविल सर्जन को लेकर यह बात सामने आई है कि सिविल सर्जन जहां काफी जूनियर हैं जिले के जिला चिकित्सालय के चिकित्सकों से वहीं सीएमएचओ जो कि विदेश से डिग्री प्राप्त किए हैं…जैसा बताया जा रहा है। सूत्रों के द्वारा उन्हें भी जुगाड और कीमत चुकाकर ही यह पद मिला है जबकि इस पद पर पहला अधिकार देश में अपनी योग्यता के आधार पर पढ़कर डॉक्टर बनने वालों को मिलना चहिए। वैसे सूरजपुर के प्रभारी डीपीएम खुद फर्जी डिग्री वाले हैं ऐसी शिकायत है,और यह सत्य है…ऐसा दावा है..लेकिन फर्जी व्यक्ति पर कार्यवाही इसलिए नहीं हो रही है क्योंकि वह स्वास्थ्य मंत्री का भतीजा है…और उसे दीमक का गुण है…कि कैसे आम लोगों के हक को इलाज के हक को मारा जा सके।
हाल ही में सीएमएचओ सुरजपुर और प्रभारी डीपीएम सूरजपुर का एक दौरा कार्यक्रम सुर्खियां बटोर रहा है जिसमे फर्जी डिग्री वाला प्रभारी संविदा पद वाला व्यक्ति सीएमएचओ की उपस्थिति में खुद निर्देश जारी कर रहा है। बांक जो जिले का दूरस्थ क्षेत्र है जिसे पर्यटन के लिए भी जाना जाता है वहीं पहुंचे थे दोनो जहां सीएमएचओ मौन नजर आए…और प्रभारी संविदा अधिकारी डीपीएम निर्देश जारी करते देखे गए…वैसे ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि प्रभारी डीपीएम स्वास्थ्य मंत्री के भतीजे हैं…और उन्हें कोई निर्देश जारी कर नहीं सकता…वहीं वह जिले के सबसे वरिष्ठ अधिकारियों को भी निर्देश जारी करते हैं और उन्हें फर्जी डिग्री के आधार पर नौकरी करने का भय भी नहीं है। वैसे जहां निरीक्षण करने पहुंचे थे दोनों वह क्षेत्र पर्यटन का क्षेत्र है और इसलिए जाना भी हुआ वहां दोनों का साथ ही डीपीएम ने रास्ते भर खूब फोटो भी खिंचवाई है और जिसे वह स्टेट्स पर लगाना भी नहीं भूले। बताया जा रहा है की बांक पिकनिक मनाना ही मुख्य उद्देश्य था साथ ही निरीक्षण का भी एक उन्होंने फॉरमेल्टी पूरी कर ली। प्रभारी फर्जी डिग्री वाले संविदा डीपीएम सूरजपुर सीएमएचओ को अपनी गिरफ्त में लेने का भरसक प्रयास जारी रखे हुए हैं वहीं स्वास्थ्य मंत्री का भतीजा बनकर वह इसमें सफल भी हो रहे हैं। बता दें कि फर्जी डिग्री वाले प्रभारी डीपीएम अब यह भी कहते सुने जा रहे हैं…कि प्रदेश में उनके चाचा के स्वास्थ्य मंत्री रहते हुए उन्हें या उनकी डिग्री को कोई चैलेंज नहीं कर सकता…साथ ही उनके विरुद्ध किसी जांच में कोई कुछ नहीं कर सकता…क्योंकि वह जो चाहेंगे वही होगा…। एन एच एम अंतर्गत होने वाली भर्तियों में कोरिया जिले सहित सूरजपुर जिले में यह भारी भ्रष्टाचार की तैयारी में है यह भी बात सामने आ रही है जिसके लिए वसूली शुरू भी कर दी है इसने।

निरीक्षण के दौरान प्रभारी डीपीएम संविदा फर्जी डिग्री धारी सूरजपुर कुर्सी पर बैठे देखे गए…वहीं सीएमएचओ खड़े नजर आए… सीएमएचओ का खड़े रहना और डीपीएम का बैठे रहना यह साबित कर गया कि स्वास्थ्य मंत्री का भतीजा होने के कारण वही सीएमएचओ भी है। यह बात अलग है कि पद पर कोई और है। सीएमएचओ डीपीएम के सामने निरीह हैं यह भी साबित हुआ और वह नाममात्र के ही स्वास्थ्य अधिकारी हैं…।

फर्जी डिग्री से सहारे स्वास्थ्य मंत्री का भतीजा होने के मात्र कारण स्वास्थ्य विभाग में बड़े पद पर कार्य करने के आरोप के बावजूद कोई कार्यवाही नहीं होने को लेकर प्रभारी डीपीएम सूरजपुर का दम पूरे प्रदेश की जनता देख रही है कि किस तरह मेहनत से डॉक्टरी पढ़ने वाले निजी क्लीनिकों मे काम करने मजबूर हैं वहीं फर्जी डिग्री वाला सीना ठोक कर सरकारी नौकरी कर रहा है और वहां भी केवल भ्रष्टाचार उसका मुख्य पेशा है। सूत्रों की मानें तो सूरजपुर का प्रभारी डीपीएम कभी भी ड्यूटी टाइम में जिले से बाहर चला जाता है और ज्यादातर वह राजनीतिज्ञों सहित नौकरशाहों से मिलने जाता है। वह नियम कायदों की धज्जियां उड़ाता प्रतिदिन नजर आता है।

सुरजपुर सहित कोरिया जिले के सीएमएचओ फर्जी डिग्री के आरोप वाले प्रभारी डीपीएम की गिरफ्त में हैं। दोनों ही उसके लिए मात्र जिम्मेदार हैं न की जिले की जनता के लिए यह बताया जाता है दोनों उसे ही या उसके ही निर्देश पर काम करते हैं।

कोरिया जिले में तो ऐसे डॉक्टर को सीएमएचओ बनाया गया है जो रसिया से पढ़कर आया है, वैसे देखा जाए तो जिले के अन्य योग्य डॉक्टर को यह जिम्मेदारी दी जा सकती थी लेकिन ऐसा न करते हुए विदेशी धरती से पेमेंट सीट से पढ़ाई करने वाले को जिम्मेदारी दी गई है जिसका की असर गलत पड़ेगा अन्य चिकित्सक जो भारत से योग्यता से डॉक्टर बने हैं उनका मनोबल गिरेगा।


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