जस्टिस हेमा समिति की रिपोर्ट जारी होने के बाद एक्ट्रेस तनुश्री दत्ता ने कहा कि जब तक सत्ता में बैठे लोग अपराधियों को बचाते रहेंगे, कोई भी आंदोलन या रिपोर्ट बदलाव नहीं ला पाएगी। रिपोर्ट ने मलयालम फिल्म उद्योग में महिलाओं के साथ होने वाले उत्पीड़न और यौन शोषण को सामने लाया गया है। दत्ता ने साल 2018 में एक्टर नाना पाटेकर पर सेक्शुअल हैरसमेंट का आरोप लगाया था और भारत में यहीं से मी टू मुहिम शुरू हुई। उन्होंने कहा कि उन्हें अब भी न्याय का इंतजार है। हालांकि, पाटेकर ने खुद पर लगे उन आरोपों से इनकार किया है। एक्ट्रेस जस्टिस हेमा कमिटी की रिपोर्ट के समर्थन में आगे आईं और महिलाओं के साथ एकजुटता दो दिखाया है। रिपोर्ट पब्लिक की गई। इस कमिटी की स्थापना साल 2017 में कोच्चि में चलती गाड़ी में एक महिला मलयालम एक्ट्रेस के साथ यौन उत्पीड़न की घटना के बाद वीमेन इन सिनेमा कलेक्टिव के अनुरोध पर की गई थी, जिसमें एक्टर दिलीप इस मामले में आरोपियों में से एक थे। दत्ता ने कहा, ऐसा लगता है कि मी टू आरोपियों की थीम यही है, जैसे वे समाज के सामने एक सभ्य छवि पेश करते हैं और (जब) उनकी छवि टूटती है, तो उनका अहंकार इसे बर्दाश्त नहीं कर पाता। मैं केरल की पीडç¸ताओं के लिए बहुत दुखी हूं। इन रिपोर्टों से कुछ नहीं होगा क्योंकि महिलाओं पर अब भी हमले और शोषण जारी है। उन्होंने कहा, इस देश में कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कौन हैं, चाहे आप मिस इंडिया हों, एक्ट्रेस हों, शिक्षित हों या सफल व्यक्ति हों। जब तक सत्ता में बैठे लोग इन अपराधियों को बचाने की कोशिश करेंगे, कोई भी आंदोलन, कोई भी इस मुद्दे पर कुछ नहीं कर सकता। एक्ट्रेस ने कहा, एक समिति की रिपोर्ट है, विशाखा समिति है, और ऐसी अनेक रिपोर्टें हैं तथा समितियां बनाई जा रही हैं लेकिन आप व्यवस्था का पालन कैसे करेंगे, जब कानून व्यवस्था इतनी भ्रष्ट हो और अवैध रूप से अर्जित धन का इस्तेमाल इसे रिश्वत देने के लिए किया जाता हो?
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