अम्बिकापुर @ कलम बंद का उन्चालीसवां दिन @ खुला पत्र @क्या पुलिस पर दबाव डालकर प्रभारी डीपीएम भतीजे को बचा रहे स्वास्थ्य मंत्री?

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रवि सिंह-
रायपुर/अंबिकापुर,07 अगस्त 2024 (घटती-घटना)।
प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल के तथाकथित विवादित भतीजे सूरजपुर के प्रभारी डीपीएम के शैक्षणिक योग्यता की डिग्री फर्जी साबित हुई है,प्रभारी डीपीएम ने अपनी नौकरी के लिए जिस डिग्री का उपयोग किया था पुलिसिया जांच में विश्वविद्यालय ने लिखित में बतलाया है कि वह डिग्री विश्वविद्यालय द्वारा जारी नही की गई है। इस मामले को लेकर शिकायतकर्ता गांधी नागरिक एकता मंच बैकुंठपुर के अध्यक्ष एवं पार्षद संजय जायसवाल ने सरगुजा पुलिस महानिरीक्षक को ज्ञापन सौंपकर मामला दर्ज करने की मांग की थी लेकिन अभी तक मामला दर्ज नही किया जा सका है,संभावना जताई जा रही है कि स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल द्वारा भतीजे को बचाने के लिए पुलिस पर भी मामला दर्ज ना करने का दबाव डाला जा रहा है जबकि शिकायतकर्ता ने खुद मंत्री से मिलकर वस्तुस्थिति से अवगत कराया था। ऐसी स्थिति में शिकायतकर्ता को माननीय न्यायालय का सहारा लेना पड़ेगा।

स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल के भतीजे प्रभारी डीपीएम सूरजपुर प्रिंस जायसवाल के विरूद्व गांधी नागरिक एकता मंच के अध्यक्ष एवं पार्षद संजय जायसवाल ने शिकायत किया था कि प्रिंस जायसवाल के द्वारा मास्टर आफ पब्लिक हेल्थ का कोर्स जिस विश्वविद्यालय से कराया गया है उससे संपर्क करने पर बतलाया गया कि 2012 से 2014 के बीच फर्जी डिग्री का वितरण किया गया है और रिजल्ट में हस्ताक्षरित रजिस्टार एसके गुप्ता वर्तमान में फर्जी डिग्री प्रकरण में जेल में हैं। शिकायत के बाद सूरजपुर पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी जांच विश्वविद्यालय से कराई जिसके बाद जांच में पाया गया कि प्रिंस जायसवाल की डिग्री फर्जी है और विश्वविद्यालय से जारी नही की गई है। इसके बाद विश्वविद्यालय द्वारा वेरिफिकेशन में डिग्री फर्जी होने की जानकारी सामने आने के बाद संजय जायसवाल ने स्वास्थ्य मंत्री के भतीजे प्रभारी डीपीएम के खिलाफ एफआईआर करने की मांग सरगुजा पुलिस महानिरीक्षक से की है। उन्होने महानिरीक्षक को सौंपे ज्ञापन में लिखा है कि उनकी शिकायत पर सूरजपुर पुलिस अधीक्षक द्वारा 14 जुलाई 2024 को साबरमती विश्वविद्यालय अहमदाबाद गुजरात को डिग्री की सत्यता को लेकर ईमेल एवं स्पीड पोस्ट किया गया था। विश्वविद्यालय द्वारा 16 जुलाई को ही पुलिस अधीक्षक को डिग्री के फर्जी और कूटरचित होने की जानकारी दी गई। पत्र में बतलाया गया कि प्रिंस जायसवाल के द्वारा उनके यहां से डिग्री हासिल नही की गई है और इसका कोई रिकार्ड भी विवि के पास उपलब्ध नही है। पार्षद ने लिखा है कि विश्वविद्यालय के पत्र के बाद साफ हो गया है कि प्रिंस जायसवाल फर्जी डिग्री को सेल्फ अटेस्ट कर डीपीएम की भर्ती का आवेदन किया था जो कि गैर कानूनी है। पत्र में लिखा गया है कि फिलहाल प्रिंस जायसवाल प्रभारी डीपीएम सूरजपुर के रूप में संविदा के रूप में कार्यरत है और इसमे भी फर्जी डिग्री का प्रयोग किया गया है। पार्षद ने मामले की निष्पक्ष जांच कर एफआईआर दर्ज करने की मांग पुलिस महानिरीक्षक सरगुजा से 26 जुलाई को किया है लेकिन अभी तक किसी भी प्रकार की कार्यवाही नही की गई और ना ही मामला दर्ज किया गया है जिससे संभावना जताई जा रही है कि भतीजे को बचाने स्वास्थ्य मंत्री द्वारा पुलिस पर भी दबाव डाला जा रहा है। मामले में शिकायतकर्ता संजय जायसवाल ने स्वास्थ्य मंत्री से मिलकर प्रभारी डीपीएम भतीजे की शिकायत की थी लेकिन लोकतंत्र के चैथे स्तंभ को कुचलने की कोशिश करने वाले स्वास्थ्य मंत्री से ज्यादा उम्मीद करना भी बेमानी है।

प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री को विवादित अफसर और स्टॉफ काफी पसंद हैं उनके द्वारा ऐसे विवादित लोगो को खासा महत्व दिया जाता है। भतीजा काफी विवादित है,पूर्व में कोरिया में पदस्थापना थी कोरोना काल में लूट खसोट कर महारथ हासिल की गई। बाद में कोरिया के तात्कालिक कलेक्टर विनय लंगेह के साथ मिलकर सीटी स्कैन मशीन की खरीदी में काफी लूट-खसोट मचाई गई। कांग्रेस शासनकाल में खुद को कांगे्रसी बतलाने वाले प्रभारी डीपीएम ने राज्य में सत्ता बदलते ही अपना भी सुर बदल लिया और खुद को भाजपाई बतलाने लगा। चाचा प्रदेश में स्वास्थ्य मंत्री बना दिए गए इसलिए उनके नाम का सहारा लेकर अधिकारियों पर भी दबाव बनाने का काम किया जाने लगा। इसी बीच जब कोरिया मे आवाज तेज होने लगी तो स्वास्थ्य मंत्री ने भतीजे पर कार्यवाही की बजाए सूरजपुर जिले में प्रभारी डीपीएम बनाकर भेज दिया। अब चुकि वह डिग्री भी फर्जी बताई गई है जिसके आधार पर प्रभारी डीपीएम ने नौकरी हासिल की है जिसके बाद सवाल उठता है कि क्या इस पर स्वास्थ्य मंत्री कार्यवाही करेंगे। जानकारो का कहना है कि स्वास्थ्य मंत्री भतीजे प्रभारी डीपीएम पर किसी प्रकार की कार्यवाही नही करेंगे क्योंकि वह उसके एहसान तले दबे हुए हैं।


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