अम्बिकापुर @ कलम बंद का अट्ठाईसवां दिन @ खुला पत्रविधायक देवेन्द्र यादव ने घटती-घटना के कलम बंदअभियान को विधानसभा में उठाया मुद्दा तो मंत्री ने झाड़ा पल्ला

Share


-रवि सिंह-
रायपुर/अम्बिकापुर,27 जुलाई 2024 (घटती-घटना)।
छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल को मीडिया में सिर्फ अपनी वाहवाही पसंद है। अगर कोई मीडिया उनके विभाग की कमियों को दिखाएगा तो वे उस पर प्रतिबंध की कोशिश में लग जाते हैं। मीडिया पर दबाव बनाने की पुरजोर कोशिश करते हैं। वे समझते हैं कि इससे उनका स्तर ऊंचा होगा लेकिन नहीं मंत्री जी,इससे आपकी कुत्सित मानसिकता झलकती है। आप अपने दलाल किस्म के सिपहसलारों से बुरी तरह घिरे हुए है। सत्ता और कुर्सी की गर्मी इस कदर हावी है कि आपको खुद का किया हुआ सब सही लग रहा है लेकिन वक्त आने पर इसे साबित किया जाएगा कि आप जो लोकतंत्र के चौथे स्तंभ का गला घोटने का प्रयास कर रहे हैं वह सही नहीं था।
बहरहाल आपने विभागीय कमियों का प्रकाशन ना हो इसके लिए जो रास्ता अपनाया है उसके लिए साधुवाद देते हुए आगे की खबरों का प्रकाशन करना जरूरी है। हमारे पाठकों को भी यह बतलाना जरूरी है कि घटती-घटना के कलम बंद अभियान को छत्तीसगढ़ विधानसभा सत्र के अंतिम दिन उठाया गया,कांग्रेस विधायक देवेन्द्र यादव ने इस मुद्दे को उठाया उस दौरान मंत्री के चेहरे में हवाईयां उड़ती रहीं लेकिन मंत्री हैं कि उन्हें अभी कुछ दिखलाई नही दे रहा है। खैर समय आने पर सब कुछ दिखलाई भी देगा। इस बार सत्र में स्वास्थ्य विभाग की कमियों को लेकर तमाम सवाल खड़े किये गए,विपक्ष सहित सत्ता पक्ष के विधायकों ने भी सवाल और ध्यानाकर्षण के माध्यम से अपने अपने क्षेत्र में बदहाल स्वास्थ्य सुविधा का मुद्दा उठाया जिससे यह तय है कि वास्तव में छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सुविधा बदहाल है।
शुक्रवार को छत्तीसगढ विधानसभा का अंतिम सत्र था। इस दिन ध्यानाकर्षण में कांग्रेस विधायक देवेन्द्र यादव ने कहा कि बच्चों की मौत मलेरिया और डायरिया से हुई है। वह स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी है। व्यवस्था सुधारा जाना चाहिए,ना कि यह बोलना चाहिए कि सामान्य रूप से घटना हो जाती है। यह बहुत आपत्तिजनक है। श्री यादव ने आगे कहा कि जो अखबारों में स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ जो कुछ छप रहा है,तो वहां पर सारी चीजें(विज्ञापन) बंद कर दी जा रही है। अखबार में लगातार यह छप रहा है कि मुख्यमंत्री जी, स्वास्थ्य मंत्री जी बताएं कि मैं क्या लिखूं। पूरे पेज में यह छपा रहता है। क्योंकि वह स्वास्थ्य विभाग के बारे में कुछ भी लिखते हैं तो उनको अधिकारी धमकाते हैं और उनका विज्ञापन बंद कर दिया जाता है। विधायक ने स्वास्थ्य मंत्री से इस बारे में स्पष्टीकरण की मांग की।


विधायक देवेन्द्र यादव ने मुद्दे को उठाया जिसके बाद स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल उत्तर के लिए खड़े तो हुए
लेकिन उन्होने इतना कहकर मुद्दे से मुंह मोड़ लिया कि अखबार में क्या छप रहा है क्या नहीं…इससे मुझे लेना देना नहीं…। इसके बाद स्वास्थ्य मंत्री द्वारा पूर्व के वर्षो के आंकड़े प्रस्तुत किये जाने लगे जिसके बाद अन्य सदस्यों ने विरोध किया। तब विधायक श्री यादव ने पुनः कहा कि स्वास्थ्य मंत्री जी आप अपनी जिम्मेदारी लीजिए,इसमें अपनी पीठ थपथपाएं नहीं,आपकी जिम्मेदारी है कि स्वास्थ्य विभाग जिम्मेदारी से कार्य करे।


छत्तीसगढ़ विधानसभा के सत्र में इस बार प्रदेश भर में बदहाल हो चुकी स्वास्थ्य सुविधा का मुद्दा छाया रहा। सत्ता पक्ष से लेकर विपक्ष के विधायकों ने स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी से मरीजों को हो रही परेशानी से अवगत कराया। ज्ञात हो कि स्वास्थ्य एक ऐसा विभाग है जिसका सीधा संबंध आम नागरिक से है। आम नागरिक को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराना किसी भी सरकार और उसके विभागीय मंत्री का कर्तव्य है लेकिन देखने में मिल रहा है कि पिछले 7 महीने में स्वास्थ्य विभाग की चाल बिगड़ चुकी है। सुविधाएं वेंटिलेटर पर हैं। प्रदेश में एक भी ऐसा अस्पताल नहीं जो कि आदर्श के रूप में जाना जाए। विभाग के मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल सिर्फ हवा-हवाई दावा करने में मस्त हैं। इन दिनों आलम है कि खुद उनके गृह जिलें में स्वास्थ्य सुविधा ने दम तोड़ दिया है। मरीज हर प्रकार की सुविधा के लिए तरस रहे हैं। चिकित्सालय में मरीज पानी टपकने से परेशान हैं। समस्याओं ने विकराल रूप ले लिया है। मंत्री के पड़ोसी जिले कोरिया के जिला चिकित्सालय का हाल भी बुरा हो चुका है। इस वजह से बैकुंठपुर विधायक भईयालाल राजवाड़े ने भी विधानसभा में स्वास्थ्य सुविधा को लेकर अपना आक्रोश व्यक्त किया। मंत्री का दावा है कि 15 दिन के भीतर स्थिति ठीक कर ली जाएगी लेकिन ऐसा कुछ होगा इसकी उम्मीद करना बेमानी है।


स्वास्थ्य,शिक्षा,सड़क,पानी,बिजली यह चीजें किसी भी सरकार के लिए प्राथमिकता के क्रम में होना चाहिए इनमें से स्वास्थ्य ऐसा विभाग है जो कि सीधा लोगों का जीवन और मौत तय करता है। यदि समय पर बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिल गई तो ठीक वरना मौत निश्चित है। ऐसे ही मामले एक माह के भीतर प्रदेश में देखने को मिले हैं जहां कि बस्तर संभाग और बिलासपुर जिले से संबंध है। सरकार की छवि भी इसी से बनती और बिगड़ती है। प्रदेश भर में इन दिनों स्वास्थ्य विभाग चरमरा गया है। हर जिले में स्वास्थ्य सुविधा की कमी बनी हुई है। मंत्री से लेकर विभागीय अधिकारियों के बीच अब समन्वय में कमी की बात भी सामने आ रही है। दलाल,सप्लायर और विवादित अधिकारी कर्मचारी इस विभाग में अपना पांव पसार चुके हैं। छोटे-छोटे काम के लिए बोली लगाई जा रही है। विभाग में तमाम समस्याएं दिखने लगी हैं। दबी जुबान से विभागीय कर्मचारी भी यह कहते सुने जा रहे हैं कि इतनी बुरी स्थिति स्वास्थ्य विभाग की कभी नहीं रही।


Share

Check Also

नई दिल्ली@ महिला ने अपनी ही बेटी को उतारा मौत के घाट

Share वजह भी काफी हैरान करने वालीनई दिल्ली,23 नवम्बर 2024 (ए)। दिल्ली से दिल दहला …

Leave a Reply