अम्बिकापुर @ कलम बंद का सत्ताईसवां दिन @ खुला पत्र @असफाक के घर प्रतिदिन लग रही पैसे लेने वालों की भीड़…फिर भी नहीं मिल रहा पैसाःसूत्र

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रवि सिंह-
अम्बिकापुर/रायपुर, 26 जुलाई 2024 (घटती-घटना)।
किसी ने ठीक ही कहा है जब-तक देश में बेवकूफ रहेंगे तब-तक होशियार भूखे नहीं मरने वाले। कुछ ऐसी ही स्थिति सूरजपुर जिले की कहानी में सटीक बैठता नजर आ रहा है जहां पर पैसा दुगना करने वाला असफाक आज लोगों को बेवकूफ बनाता दिख रहा है। 500 से अधिक लोगों का पैसा लेकर बैठा असफाक अब पैसे लौटाने में हो रहा फेल, पैसे देने के लिए लोगों को सिर्फ तारीख पर तारीख दी जा रही है पर पैसे लोगों को नहीं हो रहे वापस। असफाक के घरों में पैसे लेने वालों की लग रही लंबी कतार…बारी-बारी से समझा कर भेजा जा रहा लोगों को,ऐसा सूत्रों का कहना है। आज भी असफाक शिकायत से बचने के लिए देनदारों को गुमराह कर रहा है पर अपनी मीठी-मीठी बातों में फंसाकर निकलने का प्रयास कर रहा है वही ऐसी संभावना जताई जा रही है कि जल्द से जल्द असफाक से पैसे लेने वालों का सब्र का बांध टूटेगा और वह पैसे लेने के लिए पुलिस की शरण में पहुंचेंगे, पर पुलिस की शरण में न पहुंचे इसके लिए असफाक लेनदारों को तारीख पर तारीख दिए जा रहा है। विशेष सूत्रों का यह भी कहना है कि पहले असफाक ने अपने पिता के हज से आने के बाद पैसे देने की बात कही थी जिस वजह से लोगों को उनके पिता का आने का इंतजार था। जहां पर सभी लोग हज से पहले वापस आ गए थे वहीं उनके पिता काफी विलंब से आए। जब आए तो लोगों को लगा कि अब पैसे मिल जाएंगे जिस वजह से लोग उनके घर के सामने पहुंच गए और पैसे लेने वालों की भीड़ लग गई पर सिर्फ भीड़ ही लगी पैसे नहीं मिले। वैसे माना यह भी जा रहा है कि पैसा दुगना करने के नाम पर जो राशि लोगों ली गई है उसे कहीं और निवेश कर दिया गया है और संभवतः जल्द ही यह लोग वहां पलायन कर सकते हैं जो देश या विदेश का कोई जगह हो सकता है यह सूत्रों का एक अंदाजा है।

सूत्रों का कहना असफाक के बैंक खातों की बात की जाए तो कुल आठ बैंको में असफाक उल्लाह का बैंक खाता है ऐसा सूत्रों का कहना है।वहीं इससे ज्यादा भी बैंक खाते हो सकते हैं इससे भी इंकार नहीं किया जा सकता। आठ बैंको के बैंक खाते से जारी चेक ही वह उन लोगों को गारंटी बतौर प्रदान करता था जिनसे वह पैसा दुगना करने के नाम पर पैसा लेता था। सूत्रों के अनुसार यदि लोग अपने पैसे वापस पाने प्राप्त चेक को बैंको में प्रस्तुत करेंगे तो कुल आठ बैंको में अलग-अलग लोगों का चेक जमा होगा। देखा जाए तो अलग-अलग बैंकों में खाता खोलने का उद्देश्य भी एक तरह का षडयंत्र ही था जिससे ज्यादा से ज्यादा चेक बांटा जा सके और किसी को साथ ही बैंक को भी ज्यादा दिक्कत न हो चेक बुक प्रदान करने में। बैंक खाते भी केवल सूरजपुर जिले में ही नहीं हैं कोरिया सहित कई अन्य जिले के बैंकों में असफाक उल्लाह के बैंक खाते हैं।

सूत्रों की माने तो जिन्होंने भी असफाक के पास पैसे दुगना करने के लिए पैसा निवेश किया है उन्हें उसके द्वारा चेक प्रदान किया गया है जो एक गारंटी है उसकी तरफ से। जिन लोगों का जब-जब पैसा दुगना होने का समय होता है उस तिथि को असफाक उन्हें पैसा नकद लौटा देता था और चेक प्राप्त कर लेता था। यह सब-कुछ तब तक सही चलाता रहा जब-तक की लोग असफाक के पास पैसा दुगना होने के लालच में ज्यादा तादाद में आते रहे वहीं जब समाचार प्रकाशित होने लगा और लोग निवेश से बचने लगे तब असफाक को लोगों का पैसा लौटाना मुश्किल पड़ने लगा और तब वह नकद लौटा पाने में जब असमर्थ हुआ लोग उसके द्वारा दिया गया चेक लेकर बैंक पहुंचने लगे लेकिन वहां चेक बाउंस हो गया क्योंकि वहां भी पैसा उपलब्ध नहीं था उसके खाते में,लेकिन निवेश करने वाले चेक बाउंस होने के बाद भी शिकायत करने से बचते रहे बच रहे हैं क्योंकि उन्हें अब भी पैसे वापसी की उम्मीद है जो शायद उम्मीद ही रहने वाली है। देखा जाए तो लोगों का पैसा डूब चुका है और इसे वह जितनी जल्दी स्वीकार कर लें उतना ही उनके लिए बेहतर है। बैकुंठपुर के भी एक बैंक का चेक बाउंस हुआ है ऐसा सूत्रों का कहना है शिकायत केवल इस इंतजार में नहीं हो रही है कि आज नहीं तो कल असफाक पैसा लौटा देगा।

पुलिस के पास अभी भी लोग इसलिए नहीं जा रहे हैं क्योंकि लोगों को असफाक का झूठा आश्वासन रोक रहा है पुलिस के पास जाने से। लोग असफाक उल्लाह के दिए गए तारीखों के झांसे में आकर अभी पुलिस के पास जाने में परहेज कर रहे हैं या कहा जाए तो उसका आश्वासन ही रोड़ा है शिकायत और उसके बीच। अब उसका आश्वासन कब तक उसे बचाता है यह भी देखने वाली बात होगी। वैसे सूत्रों की माने तो वह पैसा कहीं और निवेश करके फुर्र भी होने की फिराक में है जो देश या विदेश का कोई स्थान हो सकता है।

असफाक के पीछे पैसा दुगना होने की लालच में निवेश करने वाले भी भटक रहे हैं वहीं उसके शादी में खाना बनाने वाले से लेकर टेंट पंडाल का काम करने वाले भी भटक रहे हैं। बताया तो यह भी जा रहा है कि शादी घर का भी पैसा किराए का बाकी है। कुल मिलाकर अब असफाक के पीछे लेनदारों में निवेशक भी हैं वहीं उसके शादी में काम करने वाले भी हैं। किसका पैसा कब मिलेगा यह किसी को नहीं पता सभी के पास उसका दिया चेक है जो भंज पाएगा यह अभी तय नहीं है।


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