@ कोरिया में स्वास्थ्य की दुर्दशा पर विधायक भईयालाल राजवाड़ड़े ने विधानसभा में पूछा सवाल…
@ डॉक्टर घर पर बैठकर कर रहे ईलाज…विधायक का बड़ड़ा आरोप…
@ विशेषज्ञ चिकित्सक और अन्य स्टॉफ की कमी को भी गिनाया…
@ राज्य के कई जिलों में स्वास्थ्य सुविधाओं का विधायकों ने उठाया मुद्दा…
@ ईलाज वाले बाबा भईयालाल राजवाड़ड़े को बनाया जा सकता था स्वास्थ्य मंत्री…
@ मंत्रिमंडल पुनर्गठन की सुगबुगाहटों पर समर्थकों में है उत्साह…
-रवि सिंह-
सरगुजा/रायपुर, 25 जुलाई 2024 (घटती-घटना)। लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के द्वारा जब स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी को लेकर खबरों का प्रकाशन किया जा रहा था तब स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने आवाज दबाने के लिए अखबार को मिलने वाले विभागीय विज्ञापनों पर रोक लगवा दिया लेकिन बुधवार को विधानसभा सत्र के दौरान बैकुंठपुर विधायक भईयालाल राजवाड़े समेत अन्य सदस्यों ने स्वास्थ्य सुविधा की कमी को लेकर आवाज उठाया। भईयालाल राजवाड़े ने सीधा आरोप लगाया है कि कोरिया जिला अस्पताल रेफरल सेंटर हो चुका है। डॉक्टर घर पर ही बैठकर ईलाज कर रहे हैं, कई सदस्यों ने अपने-अपने क्षेत्रों में बिगड़ी स्वास्थ्य सुविधा की पोल खोल दी है।
लोकसभा चुनाव संपन्न होने के बाद प्रदेश में मंत्रिमंडल पुर्नगठन की खबरें लगातार आ रही हैं । जब भी प्रदेश के मुख्यमंत्री का दिल्ली दौरा होता है तो दावेदारों की धड़कने भी बढ़ जाती है। पूरे प्रदेश की नजर पुर्नगठन पर टिकी हुई है तो वहीं अब बैकुंठपुर विधायक और प्रदेश के पूर्व केबिनेट मंत्री भईयालाल राजवाड़े को प्रदेश का स्वास्थ्य मंत्री बना दिया जाए ऐसा उनके समर्थकों का मानना है। समर्थकों का दबी जुबान से कहना है कि जिस प्रकार प्रदेश भर में स्वास्थ्य सुविधा बदहाल दिखलाई दे रही है उसे ईलाज वाले बाबा के नाम से मशहूर भईयालाल राजवाड़े ही ठीक कर सकते हैं।
सदन में विधायक ने पूछे सवाल…खोली स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल…
बुधवार को सत्र में प्रश्नकाल के दौरान विधायक भईयालाल राजवाड़े ने कहा कि मेरा सवाल स्वास्थ्य मंत्री से है मैं उस बारे में बहुत चिंता करता हूं और स्वास्थ्य मंत्री को चिंता कराने के लिए खड़ा हुआ हूं। उन्होंने सवाल किया कि बैकुंठपुर जिला अस्पताल में सेटअप की जानकारी मांगी जिसमें भरे और रिक्त पदों की जानकारी, उनकी क्षमता और वर्तमान में और किन -किन पदों के स्टॉफ की आवश्यकता है। विगत दो वर्षो में कितने मरीज अस्पताल में भर्ती किए गए तथा कितने मरीजों को अन्य अस्पताल में भेजा गया।
स्वास्थ्य मंत्री ने सदन में माना…बनी हुई है कमी…
प्रश्नों का जवाब देते हुए मंत्री ने बताया कि बैकुंठपुर जिला अस्पताल में सिविल सर्जन से लेकर विभिन्न स्टाफ के 188 पद स्वीकृत हैं, उनके विरूद्व 111 लोग कार्यरत हैं एवं 77 पद रिक्त हैं। 77 रिक्त पदों की तुलना में 98 पदों को जीवनदीप समिति,डीएमएफ और एनएचएम से भरे होने की जानकारी दी गई। विशेषज्ञ डॉक्टरों के 6 पद और चिकित्सा अधिकारी के 9 पद रिक्त होने की जानकारी दी है। भर्ती और रेफर मरीजों के बारे में बतलाया गया कि 2022-23 में 19821 मरीज आए जिनमें से 1410 रेफर किया गया। 2023 -24 में 20103 मरीज आए जिनमें से 1941 मरीज रेफर किये गए। इस वित्तीय वर्ष में अभी तक 5318 मरीज आए जिनमें से 481 मरीजो को रेफर करने की जानकारी खुद स्वास्थ्य मंत्री ने सदन में दी। 10 प्रतिशत मरीजों को जिला अस्पताल बैकुंठपुर से रेफर करने की जानकारी दी गई।
भईयालाल राजवाड़े ने कमी बतलाते हुए सवालों का किया बौछार
स्वास्थ्य मंत्री के जवाब के बाद सदन में भईयालाल राजवाड़े ने कहा कि जिला अस्पताल बैकुंठपुर में 188 नही 187 पद स्वीकृत है,111 कार्यरत औैर 76 रिक्त हैं। सिविल सर्जन 1 रिक्त है,चिकित्सक प्रथम श्रेणी 13 में से 7 भरा एवं 6 रिक्त है। चिकित्सा अधिकारी 25 पद में 16 भरे एवं 9 रिक्त है। श्री राजवाड़े ने आरोप लगाया कि इतने पद खाली हैं इसलिए मरीज रेफर किये जा रहे हैं। यदि डॉक्टर रहते तो रेफर नही होता, आए दिन जो रेफर हो रहा है ये रेफर कब खत्म होगा। इस पर मंत्री ने कहा कि प्रदेश में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी है। सिविल सर्जन 15 दिन के भीतर उपलब्ध कराने का दावा स्वास्थ्य मंत्री ने किया। चिकित्सक प्रथम श्रेणी के कुछ पदों समेत चिकित्सा अधिकारी के शत प्रतिशत पदों को 15 दिन के भीतर भरने की बात मंत्री ने कही जिस पर पुनः श्री राजवाड़े ने सदन में कहा कि मंत्री जी ने सेटअप और कमी बता दिया लेकिन यह जो प्रथा चल रहा है,जो डॉक्टर अपने घरो में मेडिकल दुकान लगाकर बैठे हैं यह कब तक समाप्त होगा व घर का दुकानदारी कब तक चलता रहेगा। उन्होने कहा कि डॉक्टर समय पर हॉस्पीटल नही आते एवं सेकेंड टाईम तो आते ही नही है इसलिए परेशानी हो रहा है। आए दिन जो भी बात होता है, सीधे पेट दर्द और हाथ दर्द, डिलीवरी के मामले में भी रेफर किये जाने का मुद्वा भईयालाल राजवाड़े ने सदन में उठाया। एनीस्थिसिया डॉक्टर जो कि बांड पर जिला अस्पताल मे कार्यरत है उसका कार्यकाल एक माह बाद समाप्त होने की जानकारी देते हुए श्री राजवाड़े ने कहा कि एक माह बाद क्या करोगे,गायनो और सर्जन नहीं हैं ऐसे हॉस्पीटल का क्या होगा। क्या सिर्फ रेफर का काम चलता रहेगा बंद नही होगा। इसी बीच नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने भी टिप्पणी करते हुए कहा कि यह मुद्वा कोरिया जिला में ही सुलझाया जा सकता था। जिसके बाद विधायक धरमलाल कौशिक ने टिप्पणी करते हुए कहा कि पूरे प्रदेश में ऐसी स्थिति है। बांड भरा देते हैं बड़े लोगों के बच्चे सरकारी खर्चे में डॉक्टर बन जाते हैं, और फिर बांड भर कर चल देते हैं, बांड से कुछ नही होगा। एक अन्य सदस्य ने कहा कि मैनपुर और अमलीपदर स्वास्थ्य केन्द्र में जब लोग ईलाज कराने जाते हैं तो बोलते हैं यह रेफर सेंटर है, अभी अभी दो बच्चों की मौत मलेरिया से हो गई। मैनपुर के आगे अमलीपदर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में दो बच्चो की मौत साप काटने से हो गई सिर्फ इसलिए कि वहां ईलाज ना कर देवभोग रेफर कर दिया गया। इसके पश्चात पुनः विधायक भईयालाल राजवाड़े ने सवाल खड़ा कि जिला अस्पताल बैकुंठपुर में गायनोलाजिस्ट नही है, सर्जन नही है और एनीस्थिसिया विशेषज्ञ का एक माह बाकी है जब डिलिवरी या एक्सीडेंट केस आएंगे तो कैसे सुलझेंगे इस पर उन्होने स्वास्थ्य मंत्री से जवाब मांगा। और पुनः डॉक्टरों के द्वारा की जा रही दुकानदारी कब तक बंद होगी यह सवाल किया। अमला भेजकर जांच कराने की बात भी श्री राजवाड़े ने कही। एक अन्य महिला सदस्य ने बीच में ही कहा कि हास्पीटल में डाक्टर नही बैठते यह सभी विधानसभा में चल रहा है। हास्पीटल जाने पर अपने क्लीनिक बुलाया जाता है। सदन में प्रश्नकाल के दौरान विधायक भईयालाल राजवाड़े द्वारा सवाल पर सवाल किया जा रहा था जिस पर विधानसभा अध्यक्ष द्वारा उन्हे बैठाने की कोशिश भी की गई लेकिन स्वास्थ्य सुविधा की दुर्गति को लेकर श्री राजवाड़े चुप नही हुए और उन्होने कहा कि हमारे क्षेत्र में आज कल छोटे छोटे बच्चों का हार्ट अटैक हो रहा है, कैंसर हो रहा है। दिल्ली से या और कहीं से डॉक्टर ला कर परीक्षण कराने की बात उन्होने कही। बैकुंठपुर जिला अस्पताल की दुर्दशा को ठीक करने का आग्रह भैयालाल राजवाड़े ने स्वास्थ्य मंत्री से किया।
जिला अस्पताल बैकुंठपुर में बंद है डायलिसिस मशीन
स्वास्थ्य सुविधा के लिए कोरिया जिला अस्पताल में हाहाकार मचा हुआ है,डायलिसिस मशीन भी बंद पड़ी हुई है,इसका मुद्वा श्री राजवाड़े ने सदन में प्रमुखता से उठाया। और कहा कि मशीन खराब पड़ी हुई है।
अजय चंद्राकर ने दिलाई स्वास्थ्य मंत्री को याद…घोषणा पूरी भी करनी होती है…
सदन में जब बैकुंठपुर विधायक भईयालाल राजवाड़े स्वास्थ्य मंत्री से सवाल कर रहे थे तब स्वास्थ्य मंत्री द्वारा सवालों का जवाब देते हुए डॉक्टरों के रिक्त पदों को 15 दिन के भीतर भरे जाने का दावा किया गया जिस पर टिप्पणी करते हुए पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि मंत्री जी जो घोषणा करते हैं उसे पूरा भी करना पड़ता है।
हर सप्ताह अस्पताल का दौरा कर रहे विधायक फिर भी बेमेतरा जिला अस्पताल की नहीं सुधरी चाल
विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक सदस्य ने कहा कि जो स्थिति बैकुंठपुर में है उससे ज्यादा दुर्गति बेमेतरा जिला अस्पताल में है। यह केवल रेफर सेंटर हो चुका है,उनके द्वारा हर सप्ताह जिला अस्पताल का दौरा करने के बावजूद स्थिति में सुधार ना होने की बात सदन में कही गई जिससे स्पष्ट है कि प्रदेश भर में स्वास्थ्य सुविधा चरमरा गई है।
क्या सदन में आपने जो बात स्वीकारी उस कमी को प्रकाशित करना भी है गुनाह?
बुधवार को विधानसभा सत्र के दौरान भईयालाल राजवाड़े समेत कई विधायकों ने अपने अपने क्षेत्र के चिकित्सालयों की कमी को सदन में उठाया। चिकित्सा स्टॉफ समेत अन्य पद रिक्त होने की जानकारी भी स्वास्थ्य मंत्री ने सदन में दी,चिकित्सकों की कमी को भी उन्होनें खुद स्वीकार किया। जिसके बाद स्वास्थ्य मंत्री से सवाल है कि क्या सदन में आपने जो बात स्वीकार की है उसे भी प्रकाशित करने से पूर्व आपसे सलाह लेना पड़ेगा क्या ? मंत्री जी आपके द्वारा स्वीकार की गई कमी को प्रकाशित किया जा रहा है और यदि इसे भी प्रकाशित करना गुनाह है तो फिर गुनाह ही सही।
10 हजार स्टॉफ की भर्ती में पारदर्शिता कैसे होगी…
स्वास्थ्य मंत्री ने चिकित्सकों समेत अन्य पदों पर लगभग 10 हजार से अधिक पदो पर भर्ती किये जाने की बात सदन में कही। जिसके बाद यह तय है कि आने वाले समय में बड़ी संख्या में पदों की पूर्ति की जाएगी लेकिन सवाल उठता है कि क्या दागी अफसरों को साथ लेकर चल रहे स्वास्थ्य मंत्री के राज में पारदर्शिता के साथ भर्ती हो पाएगी।
श्रम मंत्री रहते बंगले में मरीजों को ठहराते थे भईयालाल
प्रदेश के पूर्व श्रम एवं खेल कल्याण मंत्री भईयालाल राजवाड़े बैकुंठपुर से तीसरी बार विधायक निर्वाचित हुए हैं वे अनुभवी नेता हैं,पहले कार्यकाल में उन्हे संसदीय सचिव बनाया गया जबकि दूसरे कार्यकाल में श्रम,खेल एवं युवा कल्याण मंत्री बनाया गया था। इस कार्यकाल में चुकि भाजपा ने नया प्रयोग करते हुए पहली बार में वरिष्ठ विधायकों को मौका नही दिया था फिर भी आगामी पुर्नगठन में उन्हे मंत्री पद देकर नवाजा जा सकता है। ज्ञात हो कि जब श्री राजवाड़े को रायपुर में शासकीय आवास मिला हुआ था तो उन्होने अपने लिए सिर्फ एक कमरा रखा था बाकी पूरा कमरा एवं बरामदे तक में मरीज एवं उनके परिजन के रहने की व्यवस्था की गई थी यही नही उनके द्वारा रेल्वे स्टेशन से अस्पताल एवं आवास तक मरीजो को लाने ले जाने एवं भोजन की व्यवस्था तक की जाती थी। हजारों की संख्या में मरीजों का ईलाज कराकर उन्होने एक कीर्तिमान स्थापित किया था।
स्वास्थ्य के प्रति गंभीर हैं राजवाड़े
पूर्व मंत्री एवं विधायक भईयालाल राजवाड़े स्वास्थ्य के प्रति काफी गंभीर हैं उनके यहां आज भी लोग ईलाज के लिए मदद मांगने जाते हैं जिनका हर संभव मदद श्री राजवाड़े द्वारा किया जा रहा है। स्वास्थ्य उनकी प्राथमिकता में है इसके लिए वे काफी गंभीर दिखलाई पड़ते हैं।
गरीबों की मदद में भी आगे
विधायक भईयालाल राजवाड़े को ईलाज वाले बाबा के साथ-साथ गरीबों का मसीहा भी कहा जाता है वे सदैव ही गरीबों के लिए अग्रिम पंक्ति में खड़े दिखलाई देते हैं। गरीबी से उठकर मंत्री जैसा पद मिलने के बाद भी उन्होने गरीबों की सेवा करना नही छोड़ा जबकि आज मंत्री बनने के बाद लोग सब कुछ भूल जाते है।
समर्थक उत्साहित,भावनाओं का रखा जाना चाहिए ख्याल
प्रदेश में मंत्रिमंडल पुर्नगठन हो सकता है ऐसी खबरे रोज सुनने को मिल रही है ऐसे में भईयालाल राजवाड़े समर्थक कार्यकर्ताओं में भी उत्साह देखा जा रहा है। एक कार्यकर्ता ने कहा कि विधायक भईयालाल राजवाड़े स्वास्थ्य के प्रति लोगो का ध्यान रखते हैं मंत्री नही हैं उसके बाद भी मरीजो के लिए हर संभव प्रयास करते हैं ऐसे में उन्हे मंत्री पद देकर स्वास्थ्य विभाग की कमान देनी चाहिए। समर्थक का कहना है कि भईयालाल राजवाड़े को स्वास्थ्य मंत्री बनाये जाने से उनके अनुभव का लाभ भी मिलेगा।
हाल ही में जिला चिकित्सालय एवं एम्स में मिले मरीजों से
विधायक भईयालाल राजवाड़े स्वास्थ्य के प्रति गंभीर है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वे आए दिन चिकित्सालय पहुंचकर व्यवस्था में सुधार लाने की बात करते हैं। इसी सप्ताह उन्होने कोरिया जिला चिकित्सालय का निरीक्षण कर व्यवस्था पर नाराजगी जाहिर करते हुए सुधार करने की बात कही थी। यही नही राजधानी रायपुर के एम्स अस्पताल भी पहुंचकर उन्होने भर्ती मरीज का हालचाल जाना एवं चिकित्सकों से बात कर बेहतर उपचार करने की बात कही थी।