अम्बिकापुर @ कलम बंद का चौबीसवां दिन @ खुला पत्र @लोकतंत्र में सभी को बात रखने का अधिकारःस्वास्थ्य मंत्री

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अम्बिकापुर,23 जुलाई 2024 (घटती-घटना)। भय,भूख और भ्रष्ट्राचार से मुक्ति दिलाने का वादा कर प्रदेश की सत्ता में काबिज हुई भारतीय जनता पार्टी सरकार के स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल पिछले दिनों मीडिया के सामने बात करते नजर आए…जब पत्रकारों ने उनसे घटती-घटना के कलम बंद अभियान के बारे में पूछा तो वे गोल-मोल जवाब देते नजर आए…मंत्री ने कहा कि लोकतंत्र में सभी को बात रखने का अधिकार है…स्वास्थ्य मंत्री का यह कहना आश्चर्यजनक है। एक तो आप ऐसा बयान देते हैं और फिर खबरों के प्रकाशन पर लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की आवाज को पैर तले कुचलना चाहते हैं,मंत्री जी लोकतंत्र में यह संभव नही है। ज्ञात हो कि प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री द्वारा खुद के विभाग से जुड़ी खबरों के प्रकाशन पर सुधार ना करते हुए मीडिया पर ही प्रतिबंध लगाने का काम किया जा रहा है, विभागीय विज्ञापन को रोककर उन्होने हल्की राजनीति का परिचय भी दिया है।

दैनिक घटती-घटना के द्वारा प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग में व्याप्त कमी और भर्राशाही को लेकर लगातार खबरों का प्रकाशन सिर्फ इसलिए किया जा रहा था कि उन कमियों को दूर करने से शासकीय चिकित्सालयों की दशा में सुधार हो सकता था लेकिन विभाग के मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने इसे सुधारने की बजाए खबर का प्रकाशन कर रहे अखबार पर ही दबाव डालना शुरू कर दिया जिसके बाद से कलम बंद अभियान लगातार जारी है, इसी विषय पर प्रदेश के पत्रकारों ने जब मंत्री से सवाल किया तो उनका कहना था कि लोकतंत्र में सभी को अपनी बात रखने का अधिकार है, प्रेस मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है। सभी से आग्रह करना चाहूंगा कि मीडिया के साथियों को ही अध्ययन करने की बात उन्होने कही। खुद की ओर से स्वागत की बात भी मंत्री ने कही। घटती-घटना के द्वारा चलाये जा रहे अभियान की जानकारी होने की बात कहते हुए उन्होने कहा कि मेरी ओर से सभी को आजादी है,जिसको जैसा समझ आता है लिख सकते हैं,ना तो हम किसी को लिखने से रोक सकते हैं और ना रोकते हैं,और ना तो किसी को किसी प्रकार का प्रेरित करते हैं। जैसा समझ आता है लोकतंत्र में सभी को अधिकार है लिख सकते हैं। ऐसा बयान मीडिया के सामने स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने दिया लेकिन मंत्री के बयान और उनके द्वारा मीडिया से किये जा रहे व्यवहार में काफी अंतर प्रतीत होता है।

विभाग औैर उनसे जुड़ी कमी अखबार में प्रकाशित ना हो…इसके लिए मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने नया तरीका अपनाया और आवाज दबाने के लिए ऐसा काम किया जो कि छत्तीसगढ के इतिहास में पहले कभी नही हुआ यह उनकी कुत्सित मानसिकता का परिचायक कहा जा सकता है। जरूरी नही है कि अखबार सिर्फ आपकी वाहवाही का ही प्रकाशन करेगा,जहां कमी नजर आएगी उसे जरूर प्रकाशित किया जाएगा। घटती- घटना के पत्रकार की कलम गिरवी नही है,जो दबा दी जाए। मंत्री जी आप इस प्रकार का हल्का काम खूब करें… मन लगाकर करें…लेकिन यह कलम बंद अभियान अपने मंजिल तक पहुंचने तक जारी रहेगा…आप मीडिया की आवाज रोक नही पांएगे!


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