@ मुख्यमंत्री जी जवाब दीजिए…क्या जनसंपर्क विभाग पत्रकारों से संवाद के लिए है या उन्हें दबाने के लिए…?
@ विज्ञापन रोककर क्या जनसंपर्क विभाग नहीं कर रहा लोकतंत्र के चौथे स्तंभ का अपमान…?
@ क्या सरकार की मंशा अनुरूप ही खबर प्रकाशन की है प्रदेश में अनुमति…क्या कमियां दिखाना है प्रतिबंधित…?
–रवि सिंह-
अम्बिकापुर, 16 जुलाई 2024 (घटती-घटना)। छत्तीसगढ़ में जनसंपर्क विभाग समाचार-पत्रों पर दवाब बनाने का कार्य कर रहा है जो दैनिक घटती-घटना समाचार पत्र के शासकीय विज्ञापन को बाधित करने के निर्णय से समझा जा सकता है जो केवल इसलिए बाधित किया गया है क्योंकि दैनिक घटती-घटना ने सत्य का प्रकाशन किया है। लगातार वहीं स्वास्थ्य विभाग के भ्रष्टाचार को उजागर करने का काम किया है जो लगातार जारी भी है।
स्वास्थ्य विभाग में भी कोरिया जिला और सूरजपुर जिले का ही भ्रष्टाचार उजागर किया जा रहा था जो प्रभारी डीपीएम पहले कोरिया में पदस्थ थे वहीं अब सूरजपुर में पदस्थ हैं का ही विरोध प्रमुख था जिसके ही कारण दैनिक घटती-घटना का विज्ञापन बाधित किया गया है। वहीं इसके पीछे का कारण यह है कि प्रभारी डीपीएम वर्तमान में सूरजपुर वहीं कोरिया के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री के भतीजा बताए जा रहे हैं ।
अब मामले में प्रदेश के मुख्यमंत्री से यह सवाल है कि क्या प्रदेश का जनसंपर्क विभाग समाचार-पत्रों पर दबाव बनाने के लिए ही गठित है ,क्या वह यदि सरकार की कमियां दिखाने वाली खबरें किसी समाचार-पत्र में पाया जायेगा तो तत्काल वह समाचार-पत्र का शासकीय विज्ञापन बाधित कर देगा । क्या इसीलिए जनसंपर्क विभाग कार्यरत है यह एक सवाल है प्रदेश के मुखिया से। वैसे जनसंपर्क विभाग का मूल कार्य यह होता है कि वह समाचार-पत्रों और सरकार के बीच संवाद स्थापित करे,यदि कहीं कोई अड़चन आ रही हो उसे बातचीत के रास्ते हल करावे लेकिन छत्तीसगढ़ में जनसंपर्क विभाग विपरीत कार्य कर रहा है। वह अब समाचार-पत्रों पर दबाव बनाने का कार्य कर रहा है और किसी भी स्थिति में समाचार-पत्र सरकार के मामले में कमियां न प्रकाशित करे यह उनका प्रयास है।
वैसे देखा जाए तो यह लोकतंत्र के चौथे स्तंभ का अपमान है। जनसंपर्क विभाग कहीं न कहीं लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को बाधित करने का कार्य कर रहा है।
प्रदेश में प्रदेश की जनता को सच जानने का अधिकार है की नहीं क्या सरकार की कमियां लोगों को जानने का अधिकार है की नहीं भ्रष्टाचार को लेकर लोगों के बीच बातें जानना जरूरी है की नहीं यह प्रदेश के मुखिया को बताना चाहिए । प्रदेश के मुखिया को यह स्पष्ट करना चाहिए की प्रदेश में लोकतंत्र का चौथा स्तंभ वही समाचार प्रकाशित करे जो उसे सरकार या जनसंपर्क प्रकाशित करने को कहे।
वैसे स्थिति है ऐसी ही और सच लिखना मना ही हो चुका है विगत कई हफ्तों से दैनिक घटती-घटना का विज्ञापन बाधित है और लगातार वह कलम बंद अभियान चला रहा है फिर भी सरकार और मुख्यमंत्री मौन हैं और कहीं न कहीं उनकी सहमति ही है जो उनके मौन से प्रदर्शित हो रही है।
जनसंपर्क विभाग का काम काफी महत्वपूर्ण होता है सरकार के लिए जनसंपर्क विभाग का काम यह है कि वह शासन की योजनाओं को लोगों तक पहुंचाए वहीं लोगों की समस्या सरकार तक पहुंचाए। सरकार की क्या उपलब्धि है क्या उसकी आगामी रणनीति है यह जनसंपर्क विभाग का काम है ।